पालक (Spinach) हरी पत्तेदार सब्जियों में सबसे पौष्टिक और आसानी से उगाई जाने वाली फसल है. अगर आपके पास छोटा गार्डन, बालकनी, टैरेस या यहां तक कि गमले हैं, तो आप आसानी से घर पर ही भरपूर पालक उगा सकते हैं. सही तकनीक अपनाकर आप पूरे साल ताजा पालक खा सकते हैं.
1. सही समय का चुनाव करें
पालक सर्दियों की फसल है, लेकिन इसे सालभर उगाया जा सकता है. गर्मी में इसे छायादार जगह में उगाएं.
2. मिट्टी की तैयारी
पालक की अच्छी पैदावार के लिए उपजाऊ, भुरभुरी और जल निकास वाली मिट्टी जरूरी है.
मिट्टी का मिश्रण:
50% बगीचे की मिट्टी
30% गोबर की खाद / वर्मीकम्पोस्ट
20% रेत (ड्रेनज के लिए)
pH लेवल 6.0 से 7.5 के बीच होना चाहिए.
3. बीज की बुवाई का तरीका
पालक के बीज को 6-8 घंटे पानी में भिगोकर लगाना बेहतर होता है.
गमले में 2-3 इंच गहराई में बीज बोएं.
बीजों के बीच 2-3 इंच की दूरी रखें.
मिट्टी डालकर हल्का पानी दें.
4. पानी देने का सही तरीका
पालक की फसल को मध्यम नमी की जरूरत होती है.
रोजाना हल्का पानी दें, लेकिन बहुत ज्यादा पानी से बचें.
गर्मियों में दिन में दो बार हल्का पानी देना फायदेमंद है.
5. खाद और पोषण
हर 15 दिन में वर्मीकम्पोस्ट या गोबर की खाद डालें.
नाइट्रोजन युक्त जैविक खाद पालक के हरी-भरी पत्तियों के लिए बेहतरीन है.
रासायनिक खाद से बचें ताकि पत्तियां स्वास्थ्य के लिए सुरक्षित रहें.
6. कीट और रोग नियंत्रण
एफिड्स (चूसक कीड़े) और लीफ माइनर पालक में आम हैं.
नीम का तेल (Neem Oil) का स्प्रे हफ्ते में एक बार करें.
ज्यादा नमी से फफूंद रोग हो सकता है, इसलिए पानी का संतुलन बनाए रखें.
7. कटाई का सही समय
बीज बुवाई के 25-30 दिन बाद पालक की पत्तियां तोड़ना शुरू करें.
पत्तियां ऊपरी हिस्से से तोड़ें, ताकि नई पत्तियां निकलती रहें.
हर 10-12 दिन में कटाई करने से लगातार ताज़ा पालक मिलता है.
8. गमले और कंटेनर का चयन
गमले की गहराई 8-10 इंच होनी चाहिए.
प्लास्टिक, मिट्टी, लकड़ी, ग्रो बैग- सभी का इस्तेमाल किया जा सकता है.
छायादार, लेकिन धूप वाली जगह सबसे बेहतर रहती है.
9. घर में पालक उगाने के फायदे
ताज़ा और केमिकल-फ्री पालक
बाजार के मुकाबले किफायती
पूरे साल उपलब्ध हरी पत्तियां
बालकनी गार्डन या टेरेस गार्डन की खूबसूरती भी बढ़ती है.