कद्दू गर्मी के मौसम में उत्तर भारत में सबसे ज्यादा खाई जाने वाली सब्जियों में से एक है. दक्षिण भारत और महाराष्ट्र में इसे लोग अलग-अलग तरह से खाते हैं. महाराष्ट्र में कद्दू की मीठी पूरियां बनती हैं और फिर श्रीखंड के साथ उसका मजा लिया जाता है. कद्दू के बारे में कुछ लोग कहते हैं कि यह शायद सबसे अंडररेटेड सब्जी है. कुछ लोग जो इसके शौकीन है अब किचन गार्डन या फिर अपने ऑर्गेनिक फार्म में इसे उगाना पसंद करने लगे हैं. घर पर कद्दू उगाना आसान है और बस कुछ बातों का ध्यान रखकर आप आसानी से अपने घर में इसे उगा सकते हैं.
यूं तो कद्दू उगाने का सबसे सही समय मार्च होता है. लेकिन अगर आप चाहें जो जून की गर्मी में भी इसे उगा सकते हैं. इस मौसम में जब मॉनसून बस थोड़ी ही दूर होता है, कद्दू उगाने का आइडिया सही साबित हो सकता है. आप इसे अपने घर की छत या फिर गार्डन या फिर बालकनी में उगा सकते हैं. गमले के अलावा आप छत पर बड़े-बड़े टायरों में मिट्टी भर के भी कद्दू उगा सकते हैं.
कद्दू के अच्छी किस्म के बीज लें आप अर्ली सीजन या देशी कद्दू के बीज ले सकते हैं. ध्यान रखें कि बीज बोने से पहले उन्हें 8-12 घंटे तक पानी में भिगो दें, इससे अंकुरण तेज होगा. कद्दू को धूप वाली जगह की जरूरत होती है यानी ऐसी जगह जहां पर कम से कम 6 से 8 घंटे की सीधी धूप आती हो. इसके लिए उपजाऊ, ढीली और अच्छे जल निकास वाली मिट्टी का चयन करना चाहिए.
अगर आप गमले में बीज बो रहे हैं तो 1 इंच गहरा गड्ढा करें और 1-2 बीज डालें. हल्के से मिट्टी से ढंक दें और पानी डाल दें. बीज 5-10 दिनों में अंकुरित हो जाएंगे. अगर आप किसी कंटेनर में या फिर टायर या जमीन में बीज बो रहे हैं तो 15-18 इंच गहराई पर कद्दू के बीज बोएं. रोजाना हल्का पानी दें और ध्यान रखें पानी जड़ में ही दें पत्तों पर नहीं. इसके अलावा हर 15-20 दिन में गोबर की खाद या वर्मी कम्पोस्ट डालें. जब फूल आने लगे तो फॉस्फोरस और पोटाश वाली खाद का प्रयोग करें.
कद्दू एक बेल वाली सब्जी है और बेल को जमीन पर फैलने दें या फिर किसी जाली का सहारा दे दें जिससे बेल ऊपर चढ़ सके. कीट नियंत्रण के लिए नीम का तेल और साबुन का स्प्रे हर 10 दिन में प्रयोग करें. ये प्राकृतिक कीट नियंत्रक हैं जो कद्दू को स्वस्थ रखेंगे. साथ ही ज्यादा पत्तियों की छंटाई कर दें ताकि हवा और धूप मिलती रहे. आमातौर पर बीज बोने के 80-120 दिन बाद कद्दू तैयार हो जाते हैं. जब कद्दू का रंग गहरा हो जाए और डंठल सूखने लगे तब समझ जाना चाहिए कि यह पक गया है. आप इसे आराम से तोड़ सकते हैं.
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