सरसों की खेती उपज से खाद्य तेल निकालने के लिए की जाती है. किसानों का ध्यान इस बात पर अधिक होता है कि किस किस्म की बुवाई करें जिससे अधिक तेल मिल सके. इसके लिए कई उन्नत किस्में भी जारी की गई हैं जिनकी खेती कर किसान अधिक से अधिक सरसों तेल ले सकते हैं. साथ ही, खली का भी फायदा होगा जिसे पशु आहार में इस्तेमाल कर सकते हैं. इन सबके बीच किसानों को जानना चाहिए कि वे ऐसा क्या करें जिससे सरसों के दाने में तेल की मात्रा अधिक मिले. इसके लिए किसानों को अपनी फसल में जरूरी खाद-उर्वरक का छिड़काव करना चाहिए.
आइए जान लेते हैं कि सरसों की पैदावार बढ़ाने के साथ ही तेल की मात्रा बढ़ाने के लिए किन खादों का इस्तेमाल करना चाहिए. सरसों के दाने में तेल की मात्रा बढ़ाने के लिए चार आसान उपाय बताए गए हैं. पहला, सल्फर खाद का उपयोग. दूसरा, बोरोन और नाइट्रोजन खाद का इस्तेमाल. तीसरा, पॉली4 पोषक तत्व का उपयोग और चौथा, इनसेक्ट पॉलिनेटर्स का प्रयोग. इन चारों उपायों से सरसों के दानों का आकार बढ़ने के साथ ही उनमें तेल की मात्रा भी बढ़ सकती है. इन चारों उपायों के बारे में सिलसिलेवार जान लेते हैं.
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सरसों में सल्फर खाद का प्रयोग बहुत लाभदायक होता है. सल्फर सरसों में ऑयल सिंथेसिस यानी कि तेल बनने की प्रक्रिया को तेज करता है. इसके साथ ही सल्फर सरसों के बीज में प्रोटीन का मुख्य स्रोत होता है. सरसों की खेती में सल्फर को बेसल डोज के रूप में अप्लाई कर सकते हैं. इसमें ग्रोमोर 10 किलो प्रति एकड़ के हिसाब से डाला जा सकता है.
सरसों की फसल में बोरोन और नाइट्रोजन खाद का प्रयोग कर सकते हैं. इससे फसल में पोषक तत्वों की मात्रा बढ़ती है. एक स्टडी में बताया गया है कि सरसों के फ्लावरिंग स्टेज और दाने बनने के समय बोरेक्स 1.0 परसेंट और यूरिया 1.0 परसेंट, दोनों को मिलाकर छिड़काव करें तो इससे बहुत फायदा होता है.
पॉली4 कई पोषक तत्वों का मिलाजुला उर्वरक है जिसे सरसों में डालने से फायदा होता है. यह सरसों की पैदावार बढ़ाने के साथ ही पैदावार की क्वालिटी को भी बढ़ाता है क्योंकि पॉली4 में कई पोषक तत्व मिले होते हैं. पोषक तत्वों का यह कॉम्बिनेशन बीज की मात्रा बढ़ाने, उसमें तेल और प्रोटीन परसेंटेज को बढ़ाने में मदद करता है. साथ ही तेल में ओमेगा-3 फैटी एसिड को भी बढ़ाता है.
सरसों के खेत में इनसेक्ट पॉलिनेटर्स जैसे कि मधुमक्खियों को भी आकर्षित करने का फायदा मिलता है. मधुमक्खियां सरसों के लिए सबसे अच्छा पॉलिनेटर्स मानी जाती हैं क्योंकि एक फूल से दूसरे फूल पर परागकण को ले जाती हैं. इससे जो फूल कमजोर है वह भी पुष्ट फूल के संपर्क में आकर अच्छा उत्पादन देने की स्थिति में आ जाता है. मधुमक्खियां दिनभर में कई फूलों पर घूमती हैं और इससे सरसों के फूलों को फायदा होता है. बाद में यही फूल अच्छे दानों में तब्दील होते हैं.
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