भारतीय घरों में गुड़ का इस्तेमाल कई तरह के मीठे पकवान को तैयार करने के लिए किया जाता है. गुड़ स्वास्थ्य के लिए हेल्दी भी माना जाता है. इसलिए अधिकतर डॉक्टर चीनी के विकल्प के तौर पर गुड़ खाने की सलाह देते हैं. लेकिन इन दिनों बाजारों में ऐसे गुड़ मिल रहे हैं जिसमें केमिकल्स का इस्तेमाल किया जा रहा है. इन केमिकल्स युक्त गुड़ों को खाने से शरीर को फायदे की जगह नुकसान होने लगता है. ऐसी स्थिति में यह जानना बेहद जरूरी है कि आप जो गुड़ खा रहे हैं, वह असली या नकली. जान लें कि आप पानी से पता कर सकते हैं कि गुड़ असली है या नकली. आइए जानते हैं कैसे.
बता दें कि गुड़ को साफ-सुथरा दिखाने के लिए इसमें सोडा का काफी ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है. सोडा के इस्तेमाल से गुड़ अधिक सफेद दिखने लगता है. जो गुड़ आपको दिखने में बहुत ही अच्छा दिख रहा हो, तो ऐसा भी हो सकता है कि वह केमिकल से भरा हुआ हो. चलिए जानते हैं कैसे करें केमिकल्स युक्त गुड़ की पहचान?
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केमिकल्स युक्त गुड़ स्वाद में नमकीन और कड़वा होता है. ऐसे में इसकी मिठास को बढ़ाने के लिए इसमें शुगर क्रिस्टल का इस्तेमाल किया जाता है. इस स्थिति में गुड़ की पहचान करने के लिए 1 बर्तन में पानी लें. फिर उसमें गुड़ डालकर घोलें. अगर गुड़ पानी के नीचे बैठ जाता है, तो आपका गुड़ नकली हो सकता है. वहीं, गुड़ अच्छे से घुल जाए, तो गुड़ असली हो सकता है.
रंगों से भी गुड़ की पहचान की जा सकती है. जैसे ज्यादा पीले और सफेद गुड़ केमिकल्स युक्त हो सकते हैं. असली गुड़ का रंग डार्क ब्राउन या फिर काला होता है. गुड़ का रंग जितना गहरा होता है, इसके शुद्ध होने की संभावना उतनी अधिक होती है. ऐसे में गुड़ खरीदते वक्त गुड़ के रंगों पर विशेष ध्यान दें.
नकली गुड़ में कैल्शियम कार्बोनेट और सोडियम बाइकार्बोनेट की मिलावट की जाती है. दरअसल, गुड़ के लुक को अच्छा करने के लिए कैल्शियम कार्बोनेट से पॉलिश की जाती है. इसके कारण गुड़ का वजन बढ़ जाता है. यानी अगर गुड़ ज्यादा भारी है, तो यह नकली हो सकता है. मिलावटी गुड़ के सेवन से स्वास्थ्य को कई नुकसान हो सकते हैं. इसलिए गुड़ खरीदते वक्त इन बातों का ध्यान जरूर रखें.
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