Agromet Advisory: कई राज्‍यों में बदला मौसम, फसलों और पशुओं का करें बचाव- IMD की किसानों को ये सलाह

Agromet Advisory: कई राज्‍यों में बदला मौसम, फसलों और पशुओं का करें बचाव- IMD की किसानों को ये सलाह

Agromet Advisory: दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में बने लो-प्रेशर के असर से तमिलनाडु, केरल, आंध्र प्रदेश और रायलसीमा में भारी बारिश की संभावना है. वहीं, उत्तर और मध्य भारत में शीतलहर जारी रहेगी. इस बीच, मौसम विभाग के डिवीजन एग्रोमेट ने किसानों-पशुपालकों के लिए एडवाइजरी जारी की है.

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Agromet Advisory: कई राज्‍यों में बदला मौसम, फसलों और पशुओं का करें बचाव- IMD की किसानों को ये सलाहकिसानों के लिए आईएमडी ने जारी की सलाह (सांकेतिक तस्‍वीर)

भारत मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में श्रीलंका तट के पास एक निम्न दबाव क्षेत्र बन गया है, जिससे दक्षिण भारत में भारी बारिश का नया दौर शुरू होने जा रहा है. 15 से 19 नवंबर के बीच तमिलनाडु, केरल, दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश और रायलसीमा में बारिश और गरज-चमक का सिलसिला जारी रहेगा. वहीं, उत्तर भारत में ठंड की स्थिति भी तेजी से बढ़ रही है और मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, झारखंड व राजस्थान में 17 नवंबर तक शीतलहर का असर जारी रहने का अनुमान है.

पिछले 24 घंटों में तमिलनाडु और केरल के कई इलाकों में 7 से 11 सेंटीमीटर तक बारिश दर्ज की गई है. वहीं, राजस्थान के सीकर में न्यूनतम तापमान 5.4 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया है, जो इस सीजन का सबसे कम तापमान है. ओडिशा के कुछ हिस्सों में घना कोहरा छाया रहा और दृश्यता 100 मीटर तक रह गई. इस समय देश में बारिश-ठंड, दोनों तरह के प्रभाव दिख रहे हैं और किसानों के लिए सतर्क रहने का समय है. 

अगले कुछ दिनों तक ऐसा रहेगा मौसम का रुख

15 से 19 नवंबर: तमिलनाडु और केरल में कई स्थानों पर बारिश के साथ भारी बारिश हो सकती है.

17 नवंबर: दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश और रायलसीमा में बहुत भारी बारिश का अलर्ट.

उत्तर, मध्य और पूर्व भारत: 17 नवंबर तक ठंड बढ़ेगी और कई राज्यों में शीतलहर बने रहने की संभावना.

पूर्वोत्तर भारत: अगले तीन दिन हल्के से मध्यम कोहरे की संभावना.

किसानों के लिए जरूरी सलाह

बारिश और ठंड दोनों ही स्थितियां खेती और पशुओं पर बड़ा असर डालती हैं. ऐसे में IMD के डिवीजन एग्रोमेट ने एडवाइजरी जारी कर किसानों को फसलों और पशुओं की देखरेख और बचाव की सलाह जारी की है. 

तमिलनाडु के किसानों के लिए सलाह

  • पकी हुई धान और मूंगफली की फसल केवल मौसम साफ होने पर ही काटें.
  • खेतों में पानी भरने से रोकने के लिए निकासी की उचित व्यवस्था करें.
  • केले के पौधों को गिरने से बचाने के लिए लकड़ी के सहारे बांधें.

केरल के किसानों के लिए सलाह

  • धान, सब्जियों और नारियल, काली मिर्च जैसी बागानी फसलों में जल निकासी की व्यवस्था मजबूत रखें.
  • केले के पौधों में प्रॉपिंग करके गिरने से बचाएं.

तटीय आंध्र और रायलसीमा के किसान करें ये उपाय

  • पकी हुई धान, मूंगफली और सब्जियों की कटाई जल्द करें और उपज को सुरक्षित स्थानों पर रखें.
  • धान, कपास, मक्का और पौधों वाले खेतों से पानी बाहर निकालने की व्यवस्था सुनिश्चित करें.

अंडमान-निकोबार के किसानों को ये सलाह

  • कटी हुई धान को ऊंचे और सुरक्षित स्थानों पर स्टोर करें.
  • पपीता के पौधों को सहारा दें ताकि तेज हवा व बारिश से नुकसान न हो.

ठंड प्रभावित इलाकों में किसानों को सलाह 

यूपी, एमपी, राजस्थान, झारखंड, महाराष्ट्र में शीतलहर की चेतावनी है. ऐसे में यहा के किसानों को निम्‍न सलाह दी गई हैं.

  • शाम के समय हल्की सिंचाई करें ताकि खेतों में तापमान गिरने का प्रभाव कम हो सके.
  • सब्जी नर्सरी और छोटे पौधों को पॉलिथीन या मल्चिंग से ढककर रखें.
  • केले के गुच्छों को 6 प्रतिशत छिद्रित पॉलीबैग से ढककर ठंड से बचाएं.

पशुपालकों और मत्स्यपालकों को सलाह

  • भारी बारिश वाले इलाकों में पशुओं को अंदर रखें और सूखी बिछावन दें.
  • चारे को सुरक्षित स्थान पर रखें ताकि नमी से खराब न हो.
  • तालाबों से अतिरिक्त पानी निकालने की उचित निकास व्यवस्था रखें.
  • मुर्गीपालन यूनिट में बच्चों के लिए कृत्रिम गर्माहट की व्यवस्था करें.

विशेषज्ञों के मुताबिक, मौसम तेजी से बदल रहा है और इसका सीधा असर फसलों पर पड़ता है. ऐसे में किसानों को मौसम विभाग की चेतावनियों का पालन करते हुए अपनी फसलों और पशुधन की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाने की सलाह दी गई है.

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