आपको ये बात अटपटी लगे, लेकिन मुर्गीपालन के लिहाज से अच्छी है. दरअसल हम मुर्गी के चूजों को दीमक खिलाने की बात कर रहे हैं. आप सोचेंगे कि दीमक भी कोई खाने की चीज है. तो जान लें कि मुर्गीपालन में इसका बड़ा रोल है. ग्रामीण क्षेत्र के मुर्गीपालक चूजों को दीमक खिलाते हैं जिससे उन्हें प्रोटीन भरपूर मात्रा में मिलती है. इससे कम दिन में ही चूजों की अच्छी ग्रोथ हो जाती है. अगर आप भी ये विधि जानना चाहते हैं तो हम आपको बता रहे हैं.
चूजों को दीमक खिलाने से पहले आपको इसे घर में तैयार करना होगा. इसकी विधि बहुत ही आसान है. इसके लिए आप घर की रद्दी चीजों का इस्तेमाल कर सकते हैं. जैसे मिट्टी के बर्तन में जूट के बोरे, धान का भूसा, मक्के की भूसी या कोई भी सूखी फसल का ठूंठ और सूखा गोबर भर दें. इसे पानी से गिला करें और बर्तन को किसी अलग जगह पर उल्टा करके रख दें. अगले दिन बर्तन खोलें जिसमें आपको दीमक मिलेंगे. इस दीमक को आप मुर्गी के चूजों को खिला सकते हैं.
आप चाहें तो ऐसा इंतजाम मुर्गी के बाड़े में भी कर सकते हैं. आपको मुर्गी बाड़ा में एक गड्ढा खोदना है. उस गड्ढे में सड़ी हुई लकड़ी रखें. उस लकड़ी को गीला करें, फिर उसे ढक दें और कम से कम दो सप्ताह तक के लिए यूं ही छोड़ दें. दो सप्ताह बाद इसे खोलें और मुर्गियों और चूजों को इसे खाने दें. जब दीमक खत्म हो जाएं तो फिर उसे बनाने की वही प्रक्रिया दोहराएं. इससे मुर्गियों और चूजों को प्रोटीन से युक्त आहार मिल जाएगा.
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दरअसल, दीमक में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है जो चूजों के लिए बहुत जरूरी है. दीमक खिलाने से चूजों की ग्रोथ तेज होती है और वे जल्दी बड़े भी होते हैं. दीमक एक प्राकृतिक स्रोत है, इसलिए चूजों की सेहत पर इसका कोई प्रतिकूल असर भी नहीं पड़ेगा. प्रोटीन सप्लीमेंट के लिए अगर केमिकल वाली दवाई देते हैं तो वह लागत के लिहाज से महंगी पड़ेगी और सेहत पर भी असर हो सकता है जबकि दीमक यही काम सस्ते में करता है.
बस दीमक खिलाते समय ध्यान रखें कि सही प्रकार का दीमक ही चूजों को मिले. अगर उसमें भी किसी तरह की खराबी होगी तो चूजों की सेहत बिगड़ सकती है. चूजों को दीमक खिलाते समय सही मात्रा का ध्यान भी रखना जरूरी है. चूजे जहां दीमक खा रहे हैं, उस स्थान को साफ रखें ताकि किसी तरह की बीमारी फैलने का डर न हो.
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इसके अलावा आप चाहें तो मुर्गियों और चूजों को हरा चारा भी खिला सकते हैं. इसमें प्रोटीन, खनिज और विटामिन की अधिक मात्रा होती है. हरा चारा चूजों से लेकर बड़ी मुर्गियों तक को खिला सकते हैं. हरा चारा मुर्गियों के स्वास्थ्य और अंडा उत्पादन में बहुत कारगर है. पत्तेदार हरा चारा फूल आने से पहले काटकर मुर्गियों को दिया जाए तो उन्हें प्रोटीन, खनिज और विटामिन की भरपूर मात्रा मिलेगी. इस चारे में बरसीम और लोबिया सबसे प्रमुख हैं. इसके अलावा गोभी, गाजर, मूली आदि के पत्ते, पालक के पत्ते भी दे सकते हैं. मुर्गी आहार में अजोला भी दे सकते हैं. मुर्गी को हर दिन 30-50 ग्राम और चूजे को हर दिन 20 से 30 ग्राम चारा दे सकते हैं.
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