आगे लू का मौसम शुरू होने वाला है. उसके बाद मॉनसून भी आ जाएगा. इस बीच में समय-समय पर बारिश और ओलावृष्टि का भी संकट रहता है. इससे किसानों की खड़ी फसलें बर्बाद होती हैं. जिन फसलों को किसान खेत-खलिहान से घर ले जाने की तैयारी में होता है. वे फसलें खराब मौसम में चौपट हो जाती हैं. आने वाले समय में खराब मौसम की आशंका को देखते हुए कुछ जरूरी टिप्स पर फोकस करना चाहिए. इससे वे अपनी फसलों को बचा सकेंगे.
किसान खराब मौसम में फसलों को बचाने के लिए सुरक्षा कवर, मल्चिंग, अच्छी जल निकासी की व्यवस्था, मौसम अनुकूल या क्लाइमेट स्मार्ट वैरायटी और फसल बीमा योजना को अपना सकते हैं. नीचे हम आपको इन 5 टिप्स के बारे में बताएंगे.
बरसात से बचने के लिए जैसे आप छाता का इस्तेमाल करते हैं, उसी तरह खराब मौसम से फसलों को बचाने के लिए सुरक्षा कवर का प्रयोग किया जाता है. यह कवर बहुत महंगा नहीं होता. यहां तक कि आप पुराने कपड़े का भी यूज कर सकते हैं. इस कपड़े या प्लास्टिक से आप फसल को आंधी-तूफान, ओलावृष्टि, पाला या भारी बारिश से बचा सकते हैं. इसी तरह कीटों से फसल को बचाने के लिए पॉली टनल या प्लास्टिक की चादरें यूज कर सकते हैं. तीखी धूप या लू से बचाव के लिए शेड नेट का प्रयोग कर सकते हैं.
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आगे लू का खतरा बढ़ने वाला है. इससे फसलें झुलस जाती हैं. इससे बचाव की तैयारी अभी से कर लें. इसके लिए आप ऑर्गेनिक मल्च का प्रयोग करें. इसमें पुआल या पत्तियों का इस्तेमाल करते हैं. पुआल या पत्तियों को पौधों के चारों ओर बिछा देते हैं जिससे कि मिट्टी से नमी नहीं उड़ सके. मल्च खरपतवार को भी नहीं उगने देता. बाजार में मल्च शीट भी मिलता है जिसे आप फसलों पर बिछाकर भारी बारिश या लू आदि से फसल को बचा सकते हैं.
महीने-डेढ़ महीने में मॉनसून का सीजन शुरू होगा. पानी की उचित मात्रा फसलों के लिए ठीक होती है. मगर पानी अधिक हो जाए तो फसलें खराब हो जाती हैं. खेत में पानी लगने से फसलें सड़ सकती हैं. पत्तियों के साथ जड़ें भी सड़ सकती हैं. इससे बचने के लिए खेत में जल निकासी की व्यवस्था करें.
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अगर लू की स्थिति में फसल सूखने लगे तो उससे बचाव के लिए ड्रिप सिंचाई तकनीक अपनाएं. खेत में पानी लगने के समय उसकी निकासी की व्यवस्था और गर्मी में फसल सूखने के समय ड्रिप सिंचाई की व्यवस्था अच्छी रहेगी. खेत में जगह-जगह गड्ढे बना सकते हैं ताकि बारिश के पानी को विपरीत समय के लिए जमा किया जा सके.
जमाना क्लाइमेट स्मार्ट खेती का है. अब वैसी वैरायटी नहीं चल पाएंगी जो मौसम अनुकूल न हो. खेती में विज्ञान बहुत आगे निकल रहा है. वैज्ञानिक रिसर्च के बाद कई स्मार्ट बीज और स्मार्ट नर्सरी तैयार की गई है. इस तरह के बीच से पैदा हुई फसल मौसम के अनुकूल, सूखा प्रतिरोधी, कीट प्रतिरोधी, बाढ़ प्रतिरोधी और लू प्रतिरोधी होती हैं. इस तरह के बीज थोड़े महंगे जरूर हैं, लेकिन इससे आपको बहुत फायदा मिलता है. इस तरह के बीज से आपको हर मौसम में उपज मिलने की गारंटी रहेगी.
ऊपर बताए गए उपायों के साथ आप फसल बीमा योजना को भी अपना सकते हैं. हर तरह की परेशानी और नुकसान से बचाने के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना जैसी स्कीम चलाई है. इसके अलावा राज्य सरकारें भी बीमा योजना चलाती हैं. इसमें किसान को बहुत कम रकम देनी होती है जबकि सरकारें अधिकांश राशि भरती हैं. बीमा योजना से फसल बर्बादी की स्थिति में नुकसान का मुआवजा दिया जाता है. इसमें किसान को क्लेम करना होता है, जिसकी जांच के बाद बीमा कंपनियां मुआवजा देती हैं.
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