हरियाणा में इस बार आड़ू, आलू बुखारा और नाशपाती में बंपर फूल आए हैं. इससे इन बागवानी फलों में अच्छी पैदावार की उम्मीद है. इन फलों पर अभी फूल का समय है, इसलिए किसानों की चिंता है कि पेड़ों का कैसे ध्यान रखें ताकि पैदावार अच्छी मिले. किसान सोच रहे हैं कि आड़ू, आलू बुखारा और नाशपाती में पानी कब चलाना है, कब खाद देनी स्टार्ट करनी है या फर्टीगेशन कब जरूरी है. अभी समझने वाली बात ये है कि लगभग 10-15 दिनों से आलू बुखारा पर फूल लगे हुए हैं. अभी ये फूल आ रहे हैं. पौधे बहुत अच्छी फ्लॉवरिंग में हैं. इसलिए पानी लगाने के लिए आपको कन्फ्यूज नहीं होना है. पानी तभी लगाना है जब पौधे पर फ्रूट सेट हो जाए. जब आपको ऐसा लगने लगे कि पूरे पेड़ में फल आ गए हैं, तभी उसकी सिंचाई करें.
आलू बुखारा में आपको लगने लगे कि पूरे पेड़ पर लगभग 95 परसेंट प्रूफ सेट हो चुका है, तभी उसमें पानी देना है. आलू बुखारा में फूल के अंदर एक छोटा फल बन जाता है. उसी स्टेज के बाद आप पानी लगाना स्टार्ट करें. अगर आप इस तरह फुल फ्लॉवरिंग स्टेज में पानी लगा देते हैं तो जितना फूल है, वह बिना सेट हुए सारा का सारा झड़ जाएगा. अभी किसानों को कंफ्यूजन ये भी है कि आलू बुखारा के फूल की सारी पंखुड़ियां गिर रही हैं. तो इसके लिए क्या करें, इनके लिए स्प्रे करें क्या? तो जान लें कि इसे झड़ने से रोकने के लिए आपको फूल पर कुछ संकेतों के बारे में जानना होगा.
आलू बुखारा में अगर गुलाबी कलर की पंखुड़ियां दिख रही हैं, तो मतलब ये है कि पौधे पर बहुत अच्छी मधुमक्खियां आ रही हैं. यह बहुत अच्छे बागान का संकेत है. इसका मतलब हुआ कि पौधे पर आपका सारा फ्रूट सेट हो चुका है. फल सेट होने के बाद ये पंखुड़ियां झड़ जाती हैं. उसके अंदर एक छोटा सा फल दिखाई देगा. जिसके अंदर हल्के हल्के से रोए होंगे. इस तरह से आलू बुखारा का फल सेट हो जाता है. इसका फल सेट होने के बाद ये सारी पंखुड़ियां झड़ जाती हैं. ऐसे में किसानों को किसी तरह के स्प्रे करने की गलती नहीं करनी है.
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कई किसान सोच में पड़ जाते हैं कि फूलों की पंखुड़ियां गिर रही हैं तो उन्हें रोकने के लिए कोई स्प्रे कर दें या फल को सेट करने के लिए कोई स्प्रे कर दें. अगर ऐसा करते हैं तो फल झड़ जाएंगे और आप भारी नुकसान में जा सकते हैं. इसलिए पंखुड़ियां झड़ रही हों और उसके बीच में छोटा फल दिखाई दे रहा हो तो किसानों को पौधे पर किसी तरह का स्प्रे नहीं करना चाहिए.
नाशपाती में इस तरह से कोई फ्लावर ड्रॉप पर फ्रूट ड्रॉप की समस्या देखने को नहीं मिलती है. इसलिए आपको नाशपाती पर किसी तरह का कोई स्प्रे नहीं करना चाहिए. नाशपाती पर 100 परसेंट तक फूल आ चुके हैं. कुछ कुछ फ्रूट सेट देखने को मिल रहा है. इसमें भी पानी तभी लगाना है जब फूल के अंदर फल सेट हो जाएं. फ्लॉवरिंग के समय अगर पानी लगाते हैं तो फूल झड़ सकते हैं, फल भी सेट नहीं होंगे. आड़ू हो, आलू बुखारा हो, नाशपाती हो, या सेब हो. सभी में यही बात है कि जब तक फ्रूट सेट नहीं होता है, आपको किसी तरह का पानी पौधों को नहीं देना है. नहीं तो नुकसान झेलना पड़ जाएगा.
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एक और जरूरी बात ध्यान देने वाली है. इन पौधों में जैसे ही सारा फल सेट होगा. उसके बाद पत्तियां निकलनी शुरू हो जाती हैं. सवाल है कि पत्तियां निकलने के बाद क्या होता है? उस वक्त पौधों पर एफिड का अटैक देखने को मिलता है. इससे पत्तियों में या तो मरोड़ आएगी, या पत्तियां खराब होंगी. ऐसे में आप इमिडाक्लोरोप्रिड 17.8 एसएल कॉन्सन्ट्रेशन आधा एमएल एक लीटर पानी में मिलाकर घोल बना लें. इस घोल को पौधे पर फल सेट होने और पत्तियां निकल आने के बाद स्प्रे कर दें. इससे एफिड कीट के पहले स्टेज में प्रकोप से पौधों को बचाया जा सकेगा.
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