Chinese garlic: चीनी लहसुन खाने वाले हो जाएं सावधान, इसे खाने से हो जाएंगे बीमार, जानें पहचान का तरीका

Chinese garlic: चीनी लहसुन खाने वाले हो जाएं सावधान, इसे खाने से हो जाएंगे बीमार, जानें पहचान का तरीका

चीन लहसुन का सबसे बड़ा निर्यातक देश है वहीं अमेरिका सबसे बड़ा आयातक देश. चीनी लहसुन देखने में भले ही आकर्षक लगता है लेकिन सेहत के लिए बिल्कुल भी सुरक्षित रही है. अमेरिकी सीनेटर रिक स्कॉट ने चीनी लहसुन को लेकर कई सवाल खड़े किये हैं. उनका कहना हैं चीनी लहसुन दोयम दर्जे का है

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Chinese garlic: चीनी लहसुन खाने वाले हो जाएं सावधान, इसे खाने से हो जाएंगे बीमार, जानें पहचान का तरीकाChinese garlic

भारत में लहसुन का प्रयोग सब्जियों की साथ-साथ औषधि के रूप में भी प्राचीन काल से होता आ रहा है. देश में लहसुन की कीमत इन दिनों आसमान छू रही है. उत्तर प्रदेश में इन दिनों लहसुन का भाव ₹400 प्रति किलो तक जा पहुंचा है. इस साल फसल खराब होने के चलते बाजार में चीन से लहसुन का आयात भी हुआ. चीन लहसुन का सबसे बड़ा निर्यातक देश है वहीं अमेरिका सबसे बड़ा आयातक देश. चीनी लहसुन देखने में भले ही आकर्षक लगता है लेकिन सेहत के लिए बिल्कुल भी सुरक्षित रही है. अमेरिकी सीनेटर रिक स्कॉट ने चीनी लहसुन को लेकर कई सवाल खड़े किये हैं. उनका कहना हैं चीनी लहसुन दोयम दर्जे का है. वही यह सेहत के लिए बिल्कुल भी फायदेमंद नहीं है. बल्कि इसके सेवन से कई तरह की खतरनाक बीमारियां भी होने का खतरा है. अमेरिका में तो चीन से आने वाले लहसुन के आयात पर रोक लगा दी गई. वहीं अब देश के भीतर अभी भी चीनी लहसुन बिक्री जारी है.

चीनी लहसुन सेहत के लिए नहीं है सुरक्षित

लहसुन खाने वाले अब हो जाएं सावधान क्योंकि बाजार में बिकने लगा है चीनी लहसुन. सामान्य लहसुन की तरह ही चीनी लहसुन थोड़ा अलग दिखता है. इसका आकार और इसकी कलियाँ काफी मोटी होती हैं. वहीं इसका रंग हल्का गुलाबी से लेकर काफी सफेद होता है. चीन में लहसुन की खेती के लिए सीवेज के पानी का इस्तेमाल किया जाता है. सीवेज के पानी में मल-मूत्र का काफी बड़ा अंश होता है. इस पानी से जहां फसल जल्दी तैयार हो जाती है. वहीं इस लहसुन में कई हेवी मेटल के रूप में मरकरी, लेड भी पाए गए हैं. वहीं चीन में लहसुन को और भी ज्यादा सफेद बनाने के लिए इसको ब्लीच किया जाता है जिसके चलते इसका रंग बिल्कुल सफेद और चमकदार दिखता है. वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर सुरेश कुमार ने बताया की आयुर्वेद में लहसुन का प्रयोग औषधि के रूप में होता है लेकिन अगर लहसुन में आर्सेनिक, लेड जैसे हेवी मेटल होंगे तो इसका सेहत के ऊपर काफी बड़ा दुष्प्रभाव भी है. आर्सेनिक, लेड और क्रोमियम ब्रोमाइड के चलते यह शरीर में कैंसर और नर्वस सिस्टम से जुड़ी हुई गंभीर बीमारियां भी पनप सकती है.

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चीन है लहसुन का सबसे बड़ा निर्यातक

चीन में लहसुन की खेती बड़े पैमाने पर होती है वही दुनिया में सबसे बड़ा लहसुन का निर्यातक भी चीन है अमेरिका विश्व के भीतर सबसे बड़ा लहसुन का आयातक देश है. विश्व के भीतर कई देशों में चीनी लहसुन का आयात किया जाता है.  अमेरिका में चीन से आने वाले लहसुन को लेकर अमेरिकी सीनेटर ने कई तरह की चिंताएं जाहिर की है उन्होंने पत्र के जरिए चीन में उगाई जाने वाले लहसुन के तरीकों पर आपत्ती दर्ज कराई है जिसके बाद विश्व कई देशो में लहसुन के आयात पर रोक लगा दी गई है.

कैसे करें चीनी और भारतीय लहसुन के बीच फर्क

सोशल मीडिया के जरिए चीनी लहसुन को लेकर इन दिनों कई तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि पहचाने कैसे ? भारतीय लहसुन खाने से जहां सेहत के लिए फायदे होते हैं जबकि चीनी लहसुन से आपका शरीर बीमार हो सकता है. चीन में इस लहसुन की खेती सीवेज के पानी के द्वारा की जाती है जिससे यह जल्दी तैयार हो सके, फिर इसे तैयार होने के बाद क्लोरीन से बीच ब्लीच किया जाता है ताकि यह सफेद और चमकदार बने. 
भारत में खेती की सामान्य प्रक्रिया के तहत लहसुन पैदा किया जाता है. भारतीय लहसुन जहां दिखने में हल्का पीलापन लिए होता है. वहीं इसकी कलियां बहुत मोटी नहीं बल्कि सामान्य दिखती है. इसका स्वाद भी बिल्कुल के बिल्कुल तीक्ष्ण होता है.

 

 

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