अनाज और दालों में इस लिमिट से ज्यादा ना हो नमी, वरना बोरे में खराब हो सकती है उपज

अनाज और दालों में इस लिमिट से ज्यादा ना हो नमी, वरना बोरे में खराब हो सकती है उपज

अनाज या दलहन को स्टोर करने से पहले अच्छी तरह से सुखाने की सलाह दी जाती है. ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि उसमें नमी की मात्रा हो तो उसके खराब होने का डर रहता है. उसमें फफूंद लग सकती है जो सड़ने का कारण बन सकती है. इसलिए किसानों को जानना चाहिए कि भंडारण से पूर्व अनाज या दालों में कितनी नमी होनी चाहिए.

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अनाज और दालों में इस लिमिट से ज्यादा ना हो नमी, वरना बोरे में खराब हो सकती है उपजउपज को स्टोर करने से पहले नमी का ध्यान रखना जरूरी

अनाज हो या दाल, उसमें नमी की अधिक मात्रा अच्छी नहीं होती. नमी की मात्रा कंट्रोल में रहे तो उपज सुरक्षित रहती है, वरना उसके खराब होने की आशंका बनी रहती है. यहां तक कि नमी की मात्रा का खयाल रखे बिना और उपज को ठीक से सुखाए बिना बोरे में रख दें तो खराब होने की गुंजाइश अधिक रहती है. इससे किसान की पूरी मेहनत पर पानी फिर जाता है. जहां उसकी कमाई होनी होती है, वहां उसे भारी घाटा लग जाता है. ऐसे में किसान को उपज में नमी का पूरा ध्यान रखना चाहिए.

इस बारे में आईसीएआर ने बताया है कि भंडारण के लिए धान्य वाली फसलों में नमी की मात्रा 8-10 प्रतिशत और तिलहनी और दलहनी फसलों में 6-8 प्रतिशत सही मानी जाती है. रिसर्च में पाया गया है कि भंडारण के समय धान्य फसलों के बीज में 10-12 प्रतिशत से अधिक नमी होने पर कीटों और 14-15 प्रतिशत से अधिक होने पर फफूंदजनित रोगों का प्रकोप होने लगता है. 

धान में कितनी रखें नमी

इसके साथ ही धान्य फसलों में 15 प्रतिशत से अधिक नमी होने पर बीजों की अंकुरण दर प्रभावित होती है. भंडारण के लिए सबसे पहले भंडारगृह वाली जगह पर अच्छी प्रकार से साफ सफाई करनी चाहिए. पुराने सामानों, मकड़ी के जालों को निकालकर साफ कर देना चाहिए और दीवारों या फर्श पर पड़ी दरारों को सीमेंट से बंद कर देना चाहिए.

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उपज की कीटों से बचाव के लिए मैलाथियॉन 50 ई.सी. मात्रा को 100 लीटर पानी में घोलकर भंडारण कमरे में अच्छी तरह से छिड़काव करना चाहिए. छिड़काव के बाद इस कमरे को कम से कम एक सप्ताह तक बंद रखने पर इसमें छिपे हुए कीट आदि मर जाते हैं. यदि कीटों का छिड़काव से नियंत्रण न किया जा सके और दो कीट प्रति कि.ग्रा. बीज या अनाज में मौजूद हों तो धुंआ देने वाले विषैले केमिकल से कीट मर जाते हैं. 

कीड़ों को भगाएगी ये दवा

एल्युमिनियम फॉस्फेट की 1-3 गोली/टन की दर से अलग-अलग ऊंचाई पर रख दी जाती है. छल्ली को गैस रोकने वाली चादर से ढक दिया जाता है. गोलियों से हवा की नमी सोखी जाती है और इससे फॉस्फिन गैस निकलती है जो कीटों को मारती है.

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यदि मिथाइल ब्रोमाइड का प्रयोग करना हो तो ढेर में 3-5 मिली मिथाइल ब्रोमाइड/100 कि.ग्रा. अनाज रखने के बाद बर्तन बंद कर दिया जाता है और बर्तन में गैस निकलने से कीट मर जाते हैं. इसके अलावा एथिलीन डाइब्रोमाइड (ई.डी.बी.) की 30 मि.ली. मात्रा/टन बीज की दर से फ्यूमीगेशन कर सकते हैं. यदि अनाज को नीम के बीज के पाउडर के साथ मिलाकर रखा जाए, तो कीटों का प्रकोप नहीं होगा.

 

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