जायद में लौकी-कद्दू और खीरा उगाने वाले किसान ये जरूरी काम करना ना भूलें...

जायद में लौकी-कद्दू और खीरा उगाने वाले किसान ये जरूरी काम करना ना भूलें...

खेती-किसानी से जुड़े लोग जानते होंगे कि इन दिनों देश में जायद फसलों की बुवाई का समय चल रहा है. जायद में ज्यादातर बेलदार सब्जियों की खेती की जाती है. आइए जान लेते हैं कि बेलदार सब्जियों के खेत में क्या खास तैयारी करनी चाहिए.

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जायद में लौकी-कद्दू और खीरा उगाने वाले किसान ये जरूरी काम करना ना भूलें...vining vegetables

हमारे देश की बहुत बड़ी आबादी खेती करती है. जो किसान हैं वो जानते हैं कि रबी फसलों की कटाई के बाद जायद फसलों की खेती शुरू हो जाती है. जायद में ज्यादातर फल और सब्जी की खेती की जाती है. इन दिनों लोग लौकी, कद्दू, तरबूज और खीरे जैसी फसलों की खेती करते हैं. आप भी इन सब्जियों की खेती करते हैं तो खास बातों के बारे में जानना बहुत जरूरी है. आपको बता दें कि ये सभी बेलदार फसलें हैं जिन्हें खास देखभाल की जरूरत होती है. आइए जान लेते हैं कि लौकी और कद्दू उगाने वाले किसानों को कौन सा जरूरी काम करना है.

बेलदार सब्जियों के खेत में बनाएं स्ट्रक्चर 

बेलदार सब्जियों की खेती करने वाले किसानों को खेत में लकड़ी और रस्सी की मदद से एक खास स्ट्रक्चर बनाना होता है. खेत की जुताई के बाद आप कतार बद्ध तरीके से बीज या पौध की रोपाई करें. इसके बाद बांस की बल्लियां गाड़ दीजिए इससे बेलदार सब्जियां इसमें लिपट जाती हैं, जिससे उन्हें फैलने के लिए उन्हें पर्याप्त जगह मिलती है. आइए खेत में स्ट्रक्चर बनाने से होने वाले खास फायदे जान लेते हैं. 

स्ट्रक्चर बनाने के फायदे

बेलदार फसलों का स्वभाव होता है कि वे दूर तक फैलती हैं. जब आप उन्हें बढ़ने के लिए लकड़ी या रस्सी का सहारा दे देते हैं तो एक समान तरीके से बढ़ती हैं. इसके अलावा इन बेलों के हवा में लटकने से खेत को खाद पानी देने में सुविधा होती है. बेलों के हवा में लटकने का सबसे बड़ा फायदा ये है कि इनमें लगने वाला फल भी हवा में लगता है. फलों का हवा में लगने की वजह से उनका संपर्क मिट्टी में नहीं हो पाता है जिसके कारण फलों में किसी तरह का रोग या संक्रमण का खतरा नहीं होता है. 

vining vegetables
ऐसे बनाएं स्ट्रक्चर

कैसे बनाया जाता है स्ट्रक्चर 

खेत में स्ट्रक्चर बनाने के लिए आपको अधिक खर्च करने की भी जरूरत नहीं है. जब पौधे 8 इंच के हो जाएं तो खेत में 2-3 फिट की दूरी पर बांस या कोई भी लकड़ी गाड़ दीजिए. इन बांस के ऊपर मजबूत रस्सियों को 2-3 लेयर में बांध दीजिए. जब पौधे की बेलें बड़ी होने लगेंगी तो इन्ही रस्सी या बांस से लिपट जाएंगी जिससे मिट्टी से इनका संपर्क दूर रहेगा. ध्यान रहे स्ट्रक्चर के लिए इस्तेमाल की जाने वाली लकड़ी और रस्सी मजबूत होनी चाहिए क्योंकि पौधों पर लगने वाले फल भारी होते हैं. कमजोर स्ट्रक्चर फलों का भार नहीं सहन कर पाते. 
 

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