गेहूं बेचने से पहले ये बड़ी बातें जान लें, कम MSP या दाम में नुकसान से बच जाएंगे

गेहूं बेचने से पहले ये बड़ी बातें जान लें, कम MSP या दाम में नुकसान से बच जाएंगे

गेहूं की फसल कटने के बाद, किसानों के सामने यह सबसे जरूरी सवाल होता है कि वे अपनी उपज को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर बेचें या बाजार में अधिक दाम प्राप्त करने की कोशिश करें और गेहूं क्रय केंद्र पर कोई परेशानी ना हो. यहां कुछ बातें बता रहे हैं जो किसानों को सही निर्णय लेने में मदद कर सकती हैं.

Advertisement
गेहूं बेचने से पहले ये बड़ी बातें जान लें, कम MSP या दाम में नुकसान से बच जाएंगेगेहूं उगाने वाले किसानों को एमएसपी बिक्री का लाभ मिलता है

गेहूं कटाई के दौरान कुछ खास बातों पर ध्यान देने की जरूरत होती है. जैसे कि गेहूं की कटाई से पहले सिंचाई बंद कर दें ताकि फसल में अधिक नमी न रहे. गेहूं की कटाई के लिए छोटे खेतों के लिए हाथ से कटाई कर सकते हैं या रीपर-बाइंडर से कर सकते हैं. बड़े खेतों के लिए कंबाइन हार्वेस्टर, रीपर-बाइंडर और स्व-चालित रीपर जैसी मशीनों का उपयोग किया जा सकता है. इससे समय और श्रम दोनों की बचत होती है. हाथ से कटाई के बाद गेहूं को खुले में न छोड़ें, बल्कि सुरक्षित स्थान पर ढककर रखें.

कटाई के बाद तुंरत करें ये काम

अगर कटाई के बाद सही प्रबंधन नहीं किया तो गेहूं की उपज का  लगभग 8 फीसदी तक नुकसान हो सकता है. इसलिए कटाई के तुरंत बाद गीले गेहूं के दानों को समतल सतह पर फैलाकर अच्छी तरह सुखाएं. कटाई के तुरंत बाद साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें. कटाई के बाद गेहूं को खुले स्थान पर ढककर रखें ताकि फफूंद या कीटों का प्रभाव न हो. साफ करने के लिए छलनी का उपयोग करें. इसके बाद और उपज को साफ-सुथरे, सूखे या नए जूट बैग में पैक करें. बैग को मजबूती से सील करें ताकि गेहूं की उपज लंबे समय तक सुरक्षित रहे. अगर गेहूं भंडारण करना है तो इसके पहले गेहूं के दानों को 10-12 फीसदी नमी स्तर तक सुखा लेना चाहिए.

ये भी पढ़ें: यूपी में अब मोबाइल केंद्र के जरिए होगी गेहूं की खरीद, 2.65 लाख से अधिक किसानों ने कराया रजिस्ट्रेशन

एमएसपी पर गेहूं बेचने के लिए जरूरी काम

सरकार द्वारा निर्धारित एमएसपी पर गेहूं बेचने के लिए, किसानों को अपनी उपज सरकारी खरीद केंद्रों पर ले जानी होती है. सरकारी खरीद केंद्रों पर MSP पर फसल बेचने के लिए पंजीकरण अनिवार्य है. सरकारी खरीद केंद्र केवल पंजीकृत किसानों से ही फसल खरीदते हैं. अगर किसान अपनी उपज को निजी व्यापारियों या मंडियों में बेचते हैं तो गेहूं की कीमत एमएसपी से अधिक या कम हो सकती है, जो बाजार की स्थितियों पर निर्भर करता है.

ये भी पढ़ें: यूपी में अब मोबाइल केंद्र के जरिए होगी गेहूं की खरीद, 2.65 लाख से अधिक किसानों ने कराया रजिस्ट्रेशन

MSP पर गेहूं बेचने के लिए नमी की मात्रा 12-14 फीसदी होनी चाहिए. इससे अधिक नमी होने पर गेहूं की खरीद नहीं की जाती. गेहूं में 6 फीसदी से अधिक सिकुड़े या टूटे दाने होने पर उसकी MSP पर खरीद नहीं की जाती है. गेहूं में अन्य अनाजों की मात्रा 0.75 फीसदी से अधिक नहीं होनी चाहिए. अगर बारिश के कारण गेहूं की चमक कम हो जाती है, तो 10 फीसदी तक चमक की कमी पर MSP में पूरी कीमत दी जाती है.

 

POST A COMMENT