बुंदेलखंड देश का वह हिस्सा है जो पानी की कमी के चलते अक्सर खबरों में रहता है. लेकिन यहां के एक किसान ने एक ऐसा फॉर्मूला बनाया है जो इस समय कृषि वैज्ञानिकों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है. हमेशा देखा जाता है कि देश में अधिकतर जगह किसान अपनी खेती से साल में दो या तीन बार ही फसल का फायदा उठा पाते हैं. इसके बाद जब फसल आती है तो वो किसी भी कीमत पर पैदावार को बेचने पर मजबूर हो जाते हैं. अब मध्य प्रदेश के सागर के रहने वाले एक किसान ने एक ऐसा फॉर्मूला बनाया है जिससे किसानों को सालभर फसलों का फायदा हासिल होगा.
सागर के किसान आकाश चौरसिया क्षेत्र के करोड़पति किसान हैं. उनके पास 2.5 एकड़ या एक हेक्टेयर जमीन है. कम लागत और एडवांस्ड कृषि तकनीकों के साथ, आकाश मल्टीलेयर क्रॉपिंग और अन्य संबद्ध कृषि पद्धतियों जैसे खाद (वर्मीकम्पोस्ट), जैव कीटनाशक और दूध के उत्पादन के माध्यम से अपने खेत से हर साल करीब 30 लाख रुपए कमाते हैं. आकाश को अब उनके फॉर्मूले की वजह से जैविक कृषि का विशेषज्ञ तक करार दिया जाने लगा है.
29 साल के आकाश ने क्लाइमेट-स्मार्ट कृषि में यकीन रखते हैं. उन्होंने प्रभावी खेती के तरीकों का प्रयोग और आविष्कार किया है जो उन्हें निवेश कम रखने में मदद करते हैं. मल्टी-लेयर खेती मुख्य रूप से नकदी फसल आधारित है. इसमें सब्जियों और फलों का संयोजन शामिल है जिन्हें एक साथ उगाया जा सकता है. एक ही भूमि पर अलग-अलग ऊंचाई पर फसलें उगाई जाती हैं. यह खेती खुले मैदान में नहीं की जा सकती क्योंकि छाया की आवश्यकता होती है.
यह भी पढ़ें- छुट्टा पशुओं से छुटकारा दिलाएगी योगी सरकार, सोलर बाड़े के लिए बजट में मिले 50 करोड़
इसकी वजह से आय का रोटेशन बना रहता है और किसानों की आए दिन कमाई होगी. किसान के फार्मूले से एक एकड़ में पांच लाख तक का प्रॉफिट आराम से कमाया जा सकता है. आकाश को इस प्रयोग में एक साथ 44 फसल लगाने का आइडिया आया और उन्हें सफलता भी मिली है. आकाश बताते हैं कि 44 फसल लगाने में मल्टी लेयर पद्धति का इस्तेमाल किया गया है. इस मॉडल में वह खेत में देसी ग्रीन हाउस तैयार करते हैं. इसके अंदर तीन-तीन फीट के बेड बनाए हैं. यहां उन्होंने जमीन के अंदर मिट्टी पर उगने वाली और बेल व फल वाले पौधे लगाए हैं. एक साथ यह जमीन चार फसलें देती है.
आकाश ने फरवरी 2023 में करीब सवा एकड़ में 44 फसलों को एक जगह पर लगाकर प्रयोग किया था. उन्होंने पाया कि इस तरह से फसल लगाने से कम पानी और कम जगह लगती है. काम खाद भी लगता है और मेहनत भी कम लगती है. वहीं, मुनाफा अधिक होता है. अगर फसलों के दाम अच्छे मिल जाएं तो कमाई छह लाख तक भी पहुंच सकती है. उन्होंने एक एकड़ खेती में चार से 5 लाख तक की कमाई की है.
44 फसलों में जमीन के अंदर अदरक, पीली हल्दी, काली हल्दी, सफेद हल्दी लगाई. पत्ती वाली फसल में धनिया, पालक, चौलाई, मेथी नार्मल, लाल भाजी, नोरपा भाजी, चेतुआ भाजी, नोनिया भाजी, कस्तूरी मैथी, राजगिरा भाजी लगाई. लता वाली फसलों में लौकी, गिलकी, तोरई, टिंडा, ककड़ी, करेला, खीरा, परवल, कुंदरू, ककोड़ा, तरबूज, खरबूज और फल वाली फसलों में पपीता, सहजन, केला लगाया. इसमें 24 से 25 फसलें पूरी तरह से खेत से निकल चुकी हैं.
आकाश को अब मल्टी लेयर फार्मिंग का लीडर कहा जाता है. साल 2014 से ही वह इस सिस्टम पर काम कर रहे हैं. इस आइडिया की वजह से उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सम्मानित कर चुके हैं. अब आकाश सागर के कपूरिया स्थित अपने खेत में किसानों को हर महीने तीन दिन निशुल्क प्रशिक्षण देते हैं. उनका मकसद ज्यादा से ज्यादा किसानों को इससे जोड़ना है ताकि वो इसे अपनाकर अच्छी कमाई कर सकें.
यह भी पढ़ें-
Copyright©2024 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today