एलोवेरा का पौधा आमतौर पर हर किसी के घर में होता है. कभी यह पौधा डेकोरेशन के लिए होता है तो कभी इसका प्रयोग ब्यूटी से लेकर दवाईयों के लिए भी होता है. लेकिन इस पौधे में आने वाली कुछ ऐसी समस्याएं होती हैं जो आपको परेशान कर सकती हैं. एलोवेरा के पौधे को उगाना जितना आसान लगता है, उतना है नहीं. आपके गार्डन के बाकी पौधों की तरह, जब एलोवेरा उगाने की बात आती है तो सबसे बड़ी समस्या होती है इसकी पत्तियों का पीला होना. इसके अलावा पौधों का हिलना और भूरे हो जाना, जैसी भी समस्याएं हैं जो इसके साथ आती हैं. आज हम आपको एलोवेरा के पौधे की पांच सबसे बड़ी चुनौतियों के बारे में बताते हैं.
अगर आपके एलोवेरा प्लांट का डंठल भूरा और मुलायम हो रहा है तो इसके कई कारण हैं. ध्यान रखिए एलोवेरा के पौधे के लिए बहुत ज्यादा पानी अच्छा नहीं है. मिट्टी में उचित नमी का स्तर बनाए रखने और सड़न से बचने के लिए हमेशा सही तरह से पानी इस पौधे को दें. एलोवेरा पर भूरे डंठल के दूसरे कारण प्राकृतिक भी हो सकते हैं. लेकिन इन दोनों ही मामलों में आपको अपने एलो प्लांट के भूरे सिरे को कीटाणुनाशक चाकू या प्रूनिंग कैंची से काटना चाहिए. ऐसा करने से आपका एलोवेरा प्लांट हरा और स्वस्थ रहेगा.
यह भी पढ़ें-यूरिया उत्पादन में भारत बनेगा आत्मनिर्भर, 2025 तक आयात बिल्कुल हो जाएगा बंद
स्वाभाविक रूप से, एलोवेरा की पत्तियों को पौधे के आधार से ऊपर की ओर बढ़ना चाहिए. अगर आपके प्लांट की पत्तियां चपटी हैं तो इसका मतलब है कि उसे जरूरी रोशनी नहीं मिल रही है. वहीं, एलो के पौधे बहुत ज्यादा रोशनी से भूरे हो जाते हैं. एलोवेरा पर पतली और घुंघराले पत्तियां आपको बताती हैं कि मिट्टी में नमी का स्तर कम है और आपके पौधा सूख रहा है. अपने पौधे को ठीक से पानी दें और हमेशा नमी का स्तर बनाए रखें एलोवेरा के स्वास्थ्य को बेहतर रखने के लिए कम से कम छह घंटे धूप में जरूर रखें.
ऐसा रोशनी की कमी, गलत तरीके से पानी देने, छोटे पॉट में पौधे को लगाना, कम तापमान या फिर किसी फंगल इनफेक्शन के चलते हो सकता है. अगर आपने अपने पॉटेड एलो प्लांट को अंधेरे कोने में रखा है तो इसे एक ऐसी खिड़की के करीब रखिये जहां पर्याप्त धूप आती हो. इसे रोजाना छह घंटे तक धूप में रखें और थोड़े दिनों बाद आपको पत्तियां सीधी दिखने लग जाएंगी. साथ ही उनका स्वस्थ रंग वापस आ जाएगा. अगर कमरे का तापमान 10 डिग्री सेंटीग्रेट से कम है तो भी यह पत्तियों के बीमार दिखने का एक और कारण हो सकता है.
यह भी पढ़ें-घर की छत पर उगाएं हरी-हरी सब्जियां, पैदावार बढ़ाने के लिए आजमाएं ये 7 टिप्स
गर्मियों के दौरान 26 डिग्री सेंटीग्रेट से ज्यादा के तापमान में एलोवेरा बढ़ता नहीं है. एलोवेरा की वृद्धि के लिए सर्वोत्तम तापमान12 से 23 डिग्री सेंटीग्रेट के बीच है. सर्दियों में कम घंटों की रोशनी के कारण एलोवेरा का विकास रुक जाता है. सर्दियों में कम रोशनी और ठंडे तापमान की प्रतिक्रिया में एलोवेरा का बढ़ना भी रुक सकता है. एलोवेरा बहुत धीरे-धीरे बढ़ सकता है और अगर इसे बहुत अधिक छाया में रखा जाए तो यह बढ़ता हुआ दिखाई नहीं देता है.
जब पत्ती के बीच में दरारें दिखाई देती हैं, तो इसकी वजह प्लांट का बहुत ज्यादा सोखना है. कभी-कभी किसी इनफेक्शन की वजह से भी ऐसा हो सकता है. पत्तियों को सूखने दें या संक्रमित पत्तियों को हटा दें. इसकी पत्तियों पर सल्फर पाउडर लगाने से भी फायदा हो सकता है.
Copyright©2024 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today