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मुर्गियों के लिए टॉनिक हैं मोरिंगा की पत्तियां, अंडे और मांस की क्वालिटी सुधारने के लिए ऐसे करें इस्तेमाल

मुर्गियों के लिए टॉनिक हैं मोरिंगा की पत्तियां, अंडे और मांस की क्वालिटी सुधारने के लिए ऐसे करें इस्तेमाल

मोरिंगा ओलीफेरा पशुओं के लिए एवं जैविक पोल्ट्री उत्पादन के लिए आहार पूरक के रूप में बहुत उपयोगी है. इसकी पत्तियां अत्यधिक पौष्टिक होती हैं. इसका उपयोग सूक्ष्म पोषक तत्व के स्रोत के रूप में और पोल्ट्री में आहार पूरक के रूप में किया जा सकता है.

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 मोरिंगा के फायदे मोरिंगा के फायदे

देश में पोल्ट्री उत्पादन ज्यादातर सीमांत और छोटे किसानों द्वारा किया जाता है. ग्रामीण स्तर पर पोल्ट्री उत्पादन के साथ-साथ आय बढ़ाने के अवसर देने पर जोर दिया जा रहा है. देश में कुल पोल्ट्री संख्या वर्ष 2019 में 851.81 मिलियन थी. वर्तमान समय में इसमें 16.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है. देश में बैकयार्ड पोल्ट्री में कुल पक्षियों की संख्या 317.7 मिलियन बताई गई है.पिछली गणना की तुलना में बैकयार्ड पोल्ट्री में लगभग 46 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. देश आज विभिन्न प्रकार के पोल्ट्री उत्पादों का निर्यात कर रहा है. लेक‍िन पोल्ट्री इंडस्ट्री के सामने एक बड़ी चुनौती फीड की है. मक्का महंगा हो रहा है जबक‍ि अंडे की कीमत बहुत ज्यादा नहीं बढ़ी है. यह बड़ी चुनौती है. ऐसे में मुर्ग‍ियों के आहार के नाम पर मोर‍िंगा भी सामने आता है.  

मोरिंगा ओलीफेरा पशुओं के लिए एवं जैविक पोल्ट्री उत्पादन के लिए आहार पूरक के रूप में बहुत उपयोगी है. इसकी पत्तियां अत्यधिक पौष्टिक होती हैं. इसका उपयोग सूक्ष्म पोषक तत्व के स्रोत के रूप में और पोल्ट्री में आहार पूरक के रूप में किया जा सकता है.वर्तमान अध्ययन, ओलीफेरा के प्राकृतिक आहार पूरक के साथ-साथ एंटीबायोटिक दवाओं के विकल्प के रूप में उपयोग पर केंद्रित है. यह मुर्गियों के प्रदर्शन और स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार कर सकता है.

मुर्गी पालन में मोरिंगा का प्रयोग

कुक्कुट उत्पादन में मोरिंगा को आहार के रूप में उपयोग किया जाता है. ताजे हरे और बिना क्षतिग्रस्त परिपक्व मोरिंगा के पत्तों को ठीक से हवा में सुखाया जाता है और फिर सूखे पत्तों को एक हथौड़ा चक्की में एक महीन पाउडर के रूप में पीसकर लीफ पाउडर को मुर्गीपालन के मुख्य आहार के साथ मिश्रित कर खिलाया जा सकता है. आहार खपत अनुपात (एफसीआर) और अंडे के उत्पादन को बढ़ाने के लिए हरी पत्ती पाउडर को पोल्ट्री आहार के साथ मिलाकर खिलाया जा सकता है.

कुछ प्रयोगों में पाया गया है कि मोरिंगा के पिसे हुए कणों को 24 घंटे के लिए जल में भिगोकर और फिल्टर किए गए जलीय घोल को मोरिंगा अर्क रूप में उपयोग किया जा सकता है. पोल्ट्री पक्षियों को प्रतिदिन एक बार 3 लीटर पानी में 100 ग्राम मोरिंगा ओलीफेरा की पत्ती का अर्क मिलाकर पिलाने से लू लगने पर नियंत्रण किया जा सकता है.

कितना उपयोग करना चाहिए

इसके पत्तों के पाउडर का उपयोग पोल्ट्री आहार में 12-15 ग्राम/किग्रा की दर से किया जा सकता है. इससे ब्रॉयलर के की मांसपेशियों में पी-एच, जल धारण क्षमता और मांसपेशी फाइबर व्यास, अधिक वजन, राख प्रतिशत और टिबिया की हड्डी का घनत्व बढ़ सकता है. इस अध्ययन ने सुनिश्चित किया कि ब्रॉयलर मुर्गियों के आहार में खिलाए गए मोरिंगा पत्ती के उच्च स्तर (15 प्रतिशत और 20 प्रतिशत पर) के साथ मांस में कुल कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम था. पोल्ट्री आहार में मोरिंगा लीफ पाउडर को शामिल करने से चिकन की स्वास्थ्य स्थिति में, अंडे का उत्पादन और कम कोलेस्ट्रॉल के स्तर के साथ-साथ मांस की गुणवत्ता में भी सुधार होता है.

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