खरीफ सीजन में बुवाई लगभग पूरी हो चुकी है. खेतों में नमी के कारण फसलों में कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ गया है. इसीलिए किसानों को अपनी फसलों को ऐसे कीटों से बचाने के लिए जैविक कीटनाशक दवाओं का इस्तेमाल कर सकते हैं. इससे फसलों में लगने वाले फफूंदी रोगों से बचाव हो पाएगा. दरअसल, इस सीजन में बाजरा और अन्य दलहन फसलों में फफूंद रोग लगते हैं. राजस्थान के अजमेर में ग्राह्य परीक्षण केन्द्र है.
ये केन्द्र अजमेर के तबीजी फार्म में है. यहां मौजूद आईपीएम प्रयोगशाला में ऐसे रोगों से बचाव के उपाय किसानों को दिए जाते हैं.
राजस्थान के अजमेर जिले में यह प्रयोगशाला साल 1997-98 में खोली गई थी. आईपीएम प्रयोगशाला के उप निदेशक कृषि (कीट) के पद पर कार्यरत डॉ. भवानी सिंह कहते हैं कि ग्राह्य परीक्षण केन्द्र तबीजी फार्म पर स्थित है. इस केन्द्र पर विभिन्न जैविक पीड़कनाशक जैसे ट्राईकोडर्मा, मेटाराइजियम, बैवेरिया, ट्राईकोकार्ड व एनपीवी का उत्पादन किया जाता है. ट्राईकोडर्मा एक मित्र फफूंद है. यह मिट्टी में पाए जाने वाले विभिन्न प्रकार की हानिकारक फफूंदों के प्रबन्धन में महत्वपूर्ण योगदान देती है.
डॉ. सिंह कहते हैं कि ट्राइकोडर्मा दलहनी, तिलहनी, सब्जियों एवं नकदी फसलों जैसे कपास, मूंगफली, ग्वार आदि में मिट्टी जनित कवकों द्वारा पैदा होने वाले जड़ गलन, तना गलन, कॉलर रॉट तथा उकठ रोग के बचाव और निदान के लिए ट्राईकोडर्मा उपयोग किया जाता है.
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ट्राईकोडर्मा मिट्टी में रोग उत्पन्न करने वाले हानिकारक कवकों को बढ़ने से रोकता है. साथ ही उन्हें धीरे-धीरे ऐसे कीटों की वृद्धि को रोककर उन्हें धीरे-धीरे नष्ट करता है. इससे ये हानिकारक कवक फसलों की जड़ों के आस-पास नहीं पनपते और रोग उत्पन्न करने में असमर्थ हो जाते है.
केन्द्र के कृषि अनुसंधान अधिकारी (पौध व्याधि) सुरेन्द्र सिंह ताकर बताते हैं, “ट्राइकोडर्मा नाइट्रोजन स्थिर करने वाले जीवाणु-राईजोबियम, एजोटोबैक्टर, एजोस्पाईरिलम तथा पीएसबी आधारित संवर्धनों (कल्वर) के साथ भी उपचार योग्य है. ट्राइकोडर्मा संवर्धन 6-10 ग्राम प्रति किलो बीज की दर से बीजोपचार किया जा सकता है.
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साथ ही बुवाई से पहले भूमि उपचार के लिए ट्राईकोडर्मा की 2-2.5 किलोग्राम 100 किलो गोबर की खाद में मिलाकर उपयोग में लिया जा सकता है. फिलहाल ट्राइकोडर्मा तबीजी फार्म की आईपीएम प्रयोगशाला पर सरकारी रेट पर उपलब्ध हैं. किसान ट्राइकोडर्मा खरीदने के लिए कार्यालय उपनिदेशक कृषि (शस्य) एटीसी तबीजी फार्म पर सम्पर्क कर सकते हैं.
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