किसानों का मित्र बन रहा है साइथ उपकरण कृषि क्षेत्र में अब तेजी से तकनीकी का समावेश हो रहा है. किसानों की मेहनत को कम करने के लिए अब नई तकनीकी यंत्रों का भी तेजी से विकास हो रहा है. कानपुर के रहने वाले दो इंजीनियरों ने कभी नहीं सोचा था कि वे आईआईटी से पढ़ाई करके किसानों के लिए औजार बनाएंगे जो उनकी मेहनत को कम करेंगा. विकल्प नाम के स्टार्टअप के माध्यम से अनंत चतुर्वेदी ने कानपुर में किसानों के लिए औजार बनाने का एक स्टार्टअप शुरू किया है. यहीं से उन्होंने एक साइथ नाम का औजार बनाया है. यह औजार किसानों के लिए बहुत ही उपयोगी है. इसके माध्यम से किसान चारे की कटाई से लेकर धान , गेहूं यहां तक की सभी तरह की खड़ी फसलों की कटाई कर सकते हैं . इसकी कीमत बेहद कम है और इससे किसानों के समय और मेहनत की भी बचत होती है.
बिना बिजली और डीजल के चलने वाला साइथ नाम का यह उपकरण फसल को जड़ से काटने की क्षमता रखता है. इसकी कटाई से खेत में पराली जलाने की जरूरत भी नहीं पड़ती है. किसान इस उपकरण की मदद से 8 घंटे में 2 बीघा गेहूं की कटाई कर सकता है. धान, गेहूं, जौ और हरा मक्का के अलावा चारे की फसल की कटाई भी इस यंत्र के माध्यम से किसान कर सकता है. 1 एकड़ जमीन पर कटाई करने के दौरान कंबाइन मशीन से ₹15000 से ज्यादा का भूसा और अनाज की बर्बादी होती है जबकि इस औजार की मदद से किसान की फसल शत-प्रतिशत मिलती है.
किसान के श्रम और समय को बचाने के लिए विकल्प संस्था के संचालक अनंत चतुर्वेदी ने कई कृषि यंत्र बनाये है. उनका प्रयास है कि किसान को खेती में ऐसे विकल्प दिए जाएं जिससे उनकी मेहनत की बचत और आमदनी में बढ़ोतरी हो. आनंद चतुर्वेदी ने किसान तक को बताया कि साइथ उपकरण एक बढ़िया विकल्प है. कंबाइन मशीन से कटाई करना किसानों के लिए महंगा पड़ता है जबकि इस मशीन से किसान बड़ी आसानी से अपनी फसल की कटाई कर सकता है. किसान के लिए हाथ से संचालित होने वाले साइथ की कीमत ₹7500 है . वही पूरे वर्ष भर तीनों सीजनों के दौरान यह उपकरण किसान के लिए उपयोगी है.
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विकल्प स्टार्टअप के संचालक अनंत चतुर्वेदी बताते हैं कि कंबाइन मशीन मंगवाने की समस्या से किसानों को निजात मिल जाती है. साइथ उपकरण की मदद से किसानों को आत्मनिर्भर के साथ-साथ उनके श्रम की भी बचत होती है. पराली जलाने से मरने वाले कीड़ों को बचाता है. मिट्टी की उर्वरा शक्ति भी बेहतर होती है. इस उपकरण के प्रयोग से खेतों की मिट्टी उपजाऊ बनी रहती है.
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