केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की संकल्पना से इन दिनों नागपुर में एग्रो विजन कृषि प्रदर्शनी आयोजित की गई है. शनिवार को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि खेती में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद ली जाए तो फसलों की उत्पादन क्षमता काफी ज्यादा बढ़ जाएगी. गडकरी ने किसानों को आह्वान करते हुए कहा कि हर एक किसान टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करें, जिससे उसके खेतों की उत्पादन क्षमता काफी ज्यादा बढ़ जाएगी.
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने नागपुर में कहा कि छोटे-छोटे किसान भी एआई का इस्तेमाल कर सकते हैं. आधा एकड़ वाले किसान भी अपने अगल-बगल के सभी किसानों के साथ मिलकर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग कर सकते हैं. गडकरी ने एक उदाहरण देते हुए कहा कि यदि, प्रति एकड़ किसान को 5000 रुपये का खर्च आता है, तो यदि किसान, AI का इस्तेमाल करता है तो उसे ₹3500 खर्च आएगा, 1500 रुपये की सीधी बचत होगी. इसका खर्चा है ₹500, तो इस तरीके से किसान का प्रति एकड़ ₹1000 बचेगा.
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से पानी और खाद का उचित प्रयोग कर कृषि उत्पादन बढ़ाया जा सकता है. एग्रो विजन प्रदर्शनी में मीडिया के साथ संवाद करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि AI का उपयोग संतरा, तुअर और गन्ना जैसी फसलों के लिए संभावित रोग और कीट व्यवस्थापन में भी यह तकनीक फायदेमंद रहेगी. बता दें कि इस साल एग्रोविजन प्रदर्शनी में एआई विद एग्रीकल्चर पर जोर दिया गया है.
एग्रो विजन कृषि प्रदर्शनी में नितिन गडकरी ने इस बात पर जोर दिया कि किसान अगर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से खेती करते हैं तो किसान काफी ज्यादा फायदे में रहेंगे, उनकी खेती फायदे में रहेगी. गडकरी ने आगे कहा कि फार्मर प्रोड्यूस कंपनी बनाकर विदर्भ में इस टेक्नोलॉजी का प्रयोग करने का कार्य शुरू किया गया है. विदर्भ में फार्मर प्रोड्यूस कंपनियों की संख्या तीन चार हजार तक हो चुकी है.
गौरतलब है कि इस प्रदर्शनी का उद्देश्य विदर्भ में किसानों की आत्महत्या को रोकना और क्षेत्र के किसानों को लाभान्वित करना है. इस प्रदर्शनी में 450 से ज़्यादा संगठनों ने हिस्सा लिया, जिनमें कृषि क्षेत्र की अग्रणी स्थानीय और बहुराष्ट्रीय कंपनियों, सरकारी विभागों, शोध संस्थानों, कृषि विश्वविद्यालयों, बैंकों, बीमा कंपनियों, स्टार्टअप्स और एमएसएमई के स्टॉल शामिल रहे. साथ ही विदर्भ और आसपास के क्षेत्रों के लाखों किसान, डीलर, वितरक, सरकारी अधिकारी, मध्य भारत के कृषि वैज्ञानिक और शोधकर्ता इस प्रदर्शनी में आए.
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