AI से बदलेगी खेती की तस्वीर?भारत की खेती आज ऐसे बदलावों से गुजर रही है जिन्हें किसान अपने दम पर रोक नहीं सकते. कभी बारिश देर से आती है, कभी एक साथ बहुत तेज होती है. गर्मी हर साल बढ़ रही है, और मिट्टी बार-बार की खेती से थक रही है. फसल का समय भी धीरे-धीरे बदल रहा है. इसी बीच, एक नई ताकत तेजी से आगे बढ़ रही है. यह मौसम, मिट्टी, पानी और मंडी के संकेत पढ़कर किसानों को सही समय पर सही सलाह दे सकती है. अब सवाल यह नहीं है कि खेती में AI आएगा या नहीं, बल्कि कितनी जल्दी और कितनी समझदारी से इसका उपयोग किया जाए.
AI खेती की जगह नहीं लेता, बल्कि किसान का सहायक बनता है. प्रिसिशन (Precision) खेती में उपग्रह चित्र, ड्रोन फोटो, मिट्टी सेंसर, मौसम डेटा और पुराने पैदावार रिकॉर्ड एक साथ उपयोग होते हैं. मशीन लर्निंग इन सभी डाटा का विश्लेषण करती है और खेत के हर हिस्से के लिए अलग-अलग सलाह देती है.
इससे होता क्या है?
जलवायु बदल रही है, पर AI के मॉडल मौसम, कीट और फसल के वर्षों के डेटा से पहले से चेतावनी दे देते हैं.
AI बता सकता है:
आज कई कृषि-तकनीक कंपनियां और सहकारी समितियां ब्लॉक स्तर पर बुवाई, सिंचाई और दवाई छिड़काव की सलाह भेजती हैं. AI के नक्शे यह भी दिखाते हैं कि कौन से खेत ज्यादा जोखिम में हैं ताकि मजदूर और मशीनें पहले वहीं भेजी जाएं.
AI की मदद से:
ये सभी बातें अब खरीदारों, कंपनियों और बैंकों के लिए भी महत्वपूर्ण हो गई हैं. यानी टिकाऊ खेती अब कमाई बढ़ाने का तरीका बन रही है.
सलाह तभी काम की होती है जब वह समय पर पहुंचे. AI आधारित सलाह अब साधारण फोन पर भी आती है—जैसे:
ये भी पढ़ें:
यूपी में 'नमो ड्रोन दीदी योजना' से महिलाओं का सशक्तीकरण, योगी सरकार ने स्मार्ट कृषि से बदली किस्मत
UP में इस साल पड़ेगी भयंकर वाली ठंड, कानपुर में 7.8℃ पहुंचा तापमान, जानें 17 नवंबर को कैसा रहेगा मौसम?
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today