सर्दियां आते ही खेती में ट्रैक्टर के मुख्य काम लगभग निपट चुके होते हैं. ज्यादातर किसानों को सर्दी के मौसम में ट्रैक्टर की रोद-रोज जरूरत नहीं पड़ती है. हालांकि सिंचाई के लिए कुछ किसान वाटर पंप ट्रैक्टर से चलाते हैं, मगर कुछ दिनों में ये भी निपट जाता है और फिर ट्रैक्टर खड़ा ही रहता है. इसके साथ ही जिन किसानों के पास ट्रैक्टर रखने के लिए एक पक्का गैरेज नहीं है, वे भी ट्रैक्टर को बाहर ही खड़ा छोड़ देते हैं. मगर सर्दी के मौसम में अपने ट्रैक्टर को यूं ही छोड़ देने से ना सिर्फ फौरी तौर पर नुकसान होते हैं, बल्कि इससे ट्रैक्टर में कुछ लंबे नुकसान भी हो सकते हैं. इसीलिए आज हम आपको ट्रैक्टर को सर्दी में खड़ा करने के नुकसान विस्तार से बता रहे हैं.
सबसे मूलभूत बात ये है कि ट्रैक्टर में पेट्रोल नहीं बल्कि एक डीजल इंजन होता है. लिहाजा डीजल का फ्रीजिंग प्वाइंट पेट्रोल के मुकाबले कम होता है. यानी कि पेट्रोल को जमने में अत्यधिक ठंडे तापमान की जरूरत होती है, मगर डीजल 0 डिग्री सेल्सियस तक तापमान पहुंचते ही जमने लगता है. अगर आपके इलाके में 0 डिग्री सेल्सियस तक भले ही तापमान ना गिरे पर अगर 0 डिग्री के आस पास भी पहुंचेगा तो डीजल जमने की बजाय गाढ़े जेल में बदलने लगेगा. अब इससे होगा ये कि डीज़ल गाढ़ा होते ही फ्यूल इंजेक्टर से लेकर फ्यूल पाइप्स में अराम से नहीं बह सकेगा. जिस वजह से ट्रैक्टर को स्टार्ट करना बहुत मुश्किल हो जाता है.
इससे होगा ये कि जब आप रातभर के लिए ट्रैक्टर को कड़ाके की ठंड में खुले में खड़ा छोड़ देंगे तो सुबह-सुबह इसे स्टार्ट करने में बहुत ज्यादा मशक्कत करनी पड़ेगी और खेती के काम में रुकावट पैदा होगी. सर्दी में ट्रैक्टर खड़ा छोड़ने से केवल डीजल ही नहीं, बल्कि इंजन ऑयल भी गाढ़ा होने लगता है. इससे भी ट्रैक्टर को स्टार्ट करने और इंजन की हेल्थ पर बुरा असर पड़ता है. इसलिए सर्दी में अपने ट्रैक्टर को कोशिश करें कि किसी शेड या फिर तिरपाल से ढक कर छोड़ें.
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अगर आप ये सोच रहे हैं कि ट्रैक्टर को खुले में खड़ा करने से केवल स्टार्ट करने में ही दिक्कत आती होगी, तो ऐसा बिल्कुल नहीं है. दरअसल, अत्यधिक ठंड में ट्रैक्टर छोड़ने से इसके दूसरे पार्ट्स भी खराब होने लगते हैं जो फिर किसान की जेब पर बहुत भारी पड़ते हैं. जो किसान हमेशा ही अपने ट्रैक्टर को पूरी सर्दी खुले में खड़ा करते हैं, उनके ट्रैक्टर की बैटरी बहुत जल्दी खराब होने लगेगी और साथ ही टायरों की रबड़ भी चटकनी शुरू हो जाती है. ट्रैक्टर की बैटरी और टायर, दोनों ही सबसे खर्चीले काम होते हैं.
बैटरी होने लगेगी खराब
दरअसल, बैटरी में जो चार्ज फ्लो होता है वो वह इसमें मौजूद केमिकल (तेज़ाब) के माध्यम से चलता है. मगर सर्दी अगर ज्यादा पड़े तो बैटरी के इस केमिकल का चार्ज हल्का पड़ने लगता है और बैटरी डिस्चार्ज होने लगेगी. यदि ट्रैक्टर रोज इतनी ही ठंड में खड़ा रहेगा और तो बैटरी बहुत जल्दी-जल्दी डिस्चार्ज होने लगती है. इसी तरह बैटरी की लाइफ बहुत जल्दी खत्म हो जाएगी और आपको मोटा खर्चा झेलना पड़ सकता है.
टायर की रबड़ में आएंगे क्रेक
रोज ट्रैक्टर को सर्दी में खड़ा करने से ना केवल इंजन और बैटरी खराब होगी, बल्कि लंबे समय में इसक टायर भी खराब होने लगेंगे. रबड़ एक सॉफ्ट मटेरियल होती है और तापमान झेलने की इसकी अपनी क्षमताएं होती है. अगर टायर अत्यधिक सर्दी में लगातार रहेंगे तो रबड़ उसके हिसाब से एडजस्ट नहीं कर पाएगी और इसमें छोटे-छोटे क्रेक आ जाएगें यानी रबड़ चटक जाएगी. फिर जब आप इन्ही क्रेक के साथ ट्रैक्टर चलाएंगे तो धीर-धीरे ये टायरों के ये क्रेक बड़े होते जाएंगे और एक वक्त पर पूरा टायर खराब कर देंगे.
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