किसी भी किसान के लिए ट्रैक्टर खरीदना उसके जीवन के सबसे बड़े फैसलों में से एक होता है. इसलिए किसान अपनी खून-पसीने की कमाई किसी मशीन पर लगाने से पहले बहुत सोच-विचार करते हैं. एक ट्रैक्टर की कैटगरी, दाम, ताकत और परफॉर्मेंस इसके इंजन के हिसाब से ही तय होता है. लिहाजा ट्रैक्टर लेते वक्त अपनी जरूरत के हिसाब से इसका इंजन चुनना सबसे कठिन काम है. ज्यादातर किसान ट्रैक्टर का सही इंजन चुनने में गलती कर जाते है. तो आज हम आपको नए ट्रैक्टर का इंजन कैसे चुनना है, इससे जुड़ी कुछ खास टिप्स देने वाले हैं.
किसी भी ट्रैक्टर के इंजन की कुछ सबसे बेसिक चीजें हैं, जिससे इसकी क्षमता कम और ज्यादा तय होती है. इंजन में कितने सिलेंडर हैं, ये कितने हॉर्स पावर का है या फिर इंजन कितने सीसी का है और कितने RPM वाला है. ये सारी बेसिक चीजें मिलकर एक ट्रैक्टर के इंजन की परफॉर्मेंस तय करते हैं. जितना ज्यादा सिलेंडर, सीसी और आरपीएम बढ़ते जाएंगे, ट्रैक्टर का इंजन उतना ही ज्यादा पावर बनाएगा और उतना ही डीजल खर्च करेगा. इसलिए इन सब के बीच आपको अपनी जरूरत के हिसाब का इंजन चुनना होगा.
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ट्रैक्टर के इंजन में जैसे-जैसे सिंलेंडर बढ़ते जाएंगे, ये उतना ही ताकतवर होता जाएगा और साथ ही उतना ही महंगा पड़ेगा. ध्यान देने वाली बात ये है कि ट्रैक्टर के इंजन बढ़ते ही इसके हॉर्स पावर भी बढ़ जाएगा. लेकिन आपको ट्रैक्टर लेते वक्त इंजन के सीसी (क्यूबिक क्षमता) और राउंड पर मिनट (RPM) का भी ध्यान रखना होगा.
डीजल इंजन में आरपीएम जितना कम होता है, ये उतना ही ज्यादा टॉर्क यानी भार खींचने की ताकत देता है. यानी कि इंजन के आरपीएम इसकी पावर डिलीवरी को दर्शाता है. सामान्य जानकारी के लिए बता दें कि 1500 से 2200 आरपीएम वाले इंजन का ट्रैक्टर हैवी-ड्यूटी कामों के लिए पर्याप्त माना जाता है.
वहीं कोई इंजन कितने सीसी (क्यूबिक क्षमता) का है, ये इसकी ताकत को दर्शाता है. जितना ज्यादा सीसी का इंजन होगा, ये उतना ज्यादा ही टॉर्क और हॉर्स पावर बनाएगा. जैसे ट्रैक्टर के मामले में 2500 सीसी के इंजन वाला ट्रैक्टर बड़े खेतों और हैवी ड्यूटी कामों के लिए पर्याप्त रहता है. वहीं छोटे और मध्यम भार वाले कानों के लिए 2000 सीसी तक के इंजन वाला ट्रैक्टर काफी होता है.
ट्रैक्टर का इंजन आप कोई भी चुन रहे हों, लेकिन हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि ट्रैक्टर किसान थोड़े नहीं बल्कि बहुत लंबे समय के लिए लेता है. इसलिए हमेशा 5HP एक्स्ट्रा वाला ट्रैक्टर खरीदें. क्योंकि भविष्य में आपकी खेती बढ़ती है, या फिर कोई नए तरीके का इंप्लीमेंट चलाना पड़ जाए तो आपका ट्रैक्टर एक दम से असमर्थ ना रहे. बल्कि अतिरिक्त हॉर्स पावर होने की वजह से आप कोई भी नई तकनीक और थोड़ा बड़ा इंप्लीमेंट आराम से चला पाएंगे.
साथ ही ट्रैक्टर में एक्स्ट्रा हॉर्सपावर होने की वजह से इसका इंजन पर भी पूरे समय जोर नहीं पड़ेगा और आपके ज्यादातर कामों में इंजन बिना स्ट्रेस के ही चलता रहेगा. इससे आपके इंजन की लाइफ भी ज्यादा रहेगी और मेंटीनेस भी कम पड़ेगा. एक छोटा इंजन क्षमता से ज्यादा जोर पड़ने पर ज्यादा डीजल और मेंटीनेंस लेगा. मगर एक बड़ा इंजन, जिसको वही काम करने में कम जोर पड़ेगा, वह डीजल भी कम खर्च करेगा और मेंटीनेंस भी कम लेगा.
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