प्याज एक नकदी फसल है, इसलिए इसकी खेती को फायदे की खेती कहते हैं. मार्केट में प्याज की मांग हमेशा बनी रहती है. वहीं प्याज के बगैर खाने का टेस्ट फीका रह जाता है. साथ ही प्याज का इस्तेमाल शाकाहारी और मांसाहारी दोनों तरह के खानों में किया जाता है. प्याज में कई पौष्टिक और औषधीय गुण भी पाए जाते हैं. प्याज से मधुमेह और ब्लड-प्रेशर को कंट्रोल किया जा सकता है. वहीं प्याज की खेती खरीफ और रबी दोनों सीजन के दौरान किसान बड़े स्तर पर करते हैं. लेकिन क्या आपने प्याज की सैट्स उपज विधि के बारे में सुना है? अगर नहीं सुना तो हम आपको बताएंगे कि आखिर ये विधि क्या है. साथ ही ये भी बता दें कि इस विधि से खेती करके किसान एक एकड़ में 20 क्विंटल तक पैदावार ले सकते हैं. आइए जानते हैं.
प्याज की खेती कई तरह से की जाती है. सही उपज लेने के कई तरीके हैं. इसी में एक है सैट्स उत्पादन विधि. यह पुरानी तकनीक है, लेकिन इसका प्रयोग आज भी धड़ल्ले से होता है. किसान इस विधि का प्रयोग कर अच्छी उपज लेते हैं. इस विधि में मुख्य तौर पर खेती के चार स्टेप्स अपनाए जाते हैं. ये चार स्टेप्स हैं- बीजाई की तैयारी, खाद का उपयोग, बीज उपचार और बीजाई. इन चार तरीकों से सैट्स विधि में प्याज की खेती की जाती है. आइए इन चार अलग-अलग प्रक्रियाओं के बारे में डिटेल में जान लेते हैं.
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1. बीजाई की तैयारी- मार्च के पहले सप्ताह से किसान प्याज की एन-53 और भीमा डार्क रेड किस्मों के बीज की बीजाई करते हैं. इस प्रक्रिया में प्याज की बीजाई करते समय क्यारी को ऐसी जगह पर बनाया जाता है जहां पूरे दिन धूप रहे और देखभाल करना आसान हो. साथ ही क्यारी की लंबाई तीन मीटर, चौड़ाई एक मीटर और ऊंचाई 15 से 20 सेंमी होनी चाहिए.
2. खाद का उपयोग- इस विधि से खेती करने में बिजाई से पहले क्यारियों में 20 से 25 किलो सड़ी हुई गोबर का खाद और 100 ग्राम प्रति क्यारी मिश्रित खाद का उपयोग करें.
3. बीज उपचार- बीजाई से पहले बीज को फफूंदी नाशक दवा जैसे, कैप्टॉन, बाविस्टीन, थीरम 2 या 3 ग्राम प्रति किलो बीज की दर से उपचारित करें. बीज को सूखे बर्तन में रखें और उसे दवा के साथ हल्के पानी के संपर्क में आने तक हिलाएं, ताकि दवा बीजों पर अच्छी तरह से चिपके.
4. बीजाई- इस विधि से खेती करने के लिए बीजाई से पहले बीज को छाया में सुखा लें. उसके बाद 125 से 150 ग्राम बीज प्रति क्यारी की दर से बीजाई करें. इस तरीके से खरीफ में प्याज का लगभग 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की दर से बढ़िया उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं.
इन चार विधियों को सैट्स विधि में शामिल किया गया है जिसका इस्तेमाल कर किसान अच्छी उपज ले सकते हैं. प्याज अब फायदे की खेती साबित हो रही है, इसलिए किसान सैट्स विधि का भरपूर फायदा उठा सकते हैं.
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