मार्केट में प्याज की मांग हमेशा रहती है. वहीं प्याज के बगैर टेस्टी सब्जी की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं. साथ ही प्याज की खास बात यह है कि प्याज ने कई बार भारत की राजनीति को भी प्रभावित किया है. खरीफ और रबी दोनों सीजन के दौरान किसान बड़े स्तर पर प्याज की खेती करते हैं. वहीं खरीफ का सीजन आने वाला है ऐसे में अगर बुवाई के समय ही सही किस्मों का चयन कर लिया जाए तो किसान प्याज की खेती से बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं. बाजार में वैसे तो कई किस्में मौजूद हैं, लेकिन हम आपको 4 सबसे उन्नत किस्मों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनसे बंपर उत्पादन होगा साथ ही आपकी कमाई भी बढ़ जाएगी.
अगर आप इस खरीफ सीजन में किसी फसल की खेती करना चाहते हैं तो आप प्याज की कुछ उन्नत किस्मों की खेती कर सकते हैं. इस उन्नत किस्मों में बसवंत-780, भीमा गहरा लाल, अर्का कल्याण और एग्रीफाउंड डार्क रेड आदि किस्में शामिल हैं. इन किस्मों की खेती करके अच्छा मुनाफा और बेहतर उत्पादन लिया जा सकता है.
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बसवंत-780- यह भारतीय खरीफ सीजन की प्रमुख प्याज की किस्म है. इसके प्याज का साइज बड़ा होता है और रंग गहरा लाल होता है. इसकी पैदावार काफी अधिक होती है. साथ ही इस किस्म को भारत के लगभग सभी राज्यों में उगाया जाता है. इसके अलावा ये किस्म अच्छी भंडारण क्षमता के साथ देर से पकने वाली किस्म है.
भीमा गहरा लाल- यह एक रंगीन खरीफ प्याज की किस्म है, जिसका रंग गहरा लाल रंग का होता है. इस प्याज की साइज मध्यम और बड़ा होता है. वहीं इस किस्म की पैदावार भी बेहतर होती है. यह किस्म अधिक तापमान और अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों के लिए सबसे उपयुक्त है. इसकी पैदावार 20-22 टन प्रति हेक्टेयर है. वहीं इस किस्म का प्याज 95 से 100 दिन में पककर तैयार हो जाता है.
अर्का कल्याण- यह एक औधोगिक खरीफ प्याज की किस्म है. इस प्याज का साइज बड़ा होता है और रंग गहरा लाल होता है. यह किस्म अधिक तापमान और अधिक वर्षा वाले क्षेत्रों के लिए सबसे उपयुक्त है. वहीं यह किस्म रोपाई के 110 से 115 दिनों में तैयार हो जाती है.
एग्रीफाउंड डार्क रेड- एग्रीफाउंड डार्क रेड किस्म का प्याज गहरे लाल रंग का होता है. यह किस्म रोपाई के 9द से 110 दिनों में तैयार हो जाती है. इसका औसत उत्पादन 165 से 225 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक होती है. वहीं इस किस्म की खेती भारत के कई राज्यों में होती है.
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