खेतों की बुवाई के बाद मैनेजमेंट एक बड़ा चैलेंज होता है. धान की खेती करने वाले किसान जानते होंगे कि फसल को खाद-पानी देने के साथ ही निराई-गुड़ाई की भी जरूरत होती है. फसल की निराई करना एक बड़ी चुनौती होती है. इसमें किसानों को फसल के बीच सावधानी पूर्वक खुरपी की मदद से घास और खरपतवार की सफाई करनी होती है. बहुत बड़े पैमाने में खेतों की निराई किसानों के लिए एक सिरदर्द की तरह होती है. इसमें किसानों को काफी मेहनत भी करनी होती है और इसमें समय भी बहुत लगता है. आज आपको ऐसी मशीन के बारे में बताने जा रहे हैं जो किसानों को इस समस्या से छुटकारा दिलाने में मदद करेगी. इसका नाम है पावर वीडर मशीन.
किसानों को बता दें कि पावर वीडर मशीन (Power Weeder Machine) एक आधुनिक कृषि यंत्र है. इसका काम खेतों में फसलों के बीच उगने वाली अनावश्यक घास और खरपतवार की सफाई करने, निराई-गुड़ाई करने और मिट्टी को तैयार करने के लिए उपयोग किया जाता है. आइए इस मशीन के फायदे भी जान लेते हैं.
आज के समय में हर क्षेत्र में आधुनिकता का विस्तार हो रहा है. आपको बता दें कि एग्रीकल्चर फील्ड में भी मशीनों का खूब इस्तेमाल किया जा रहा है. खेतों की जुताई से लेकर फसल की कटाई और भंडारण तक का काम मशीनों से किया जाता है. इसी तरह खेतों की निराई के लिए पावर वीडर मशीन का उपयोग किया जाता है, जो बहुत फायदेमंद होता है.
पावर वीडर मशीन घास और खरपतवार को प्रभावी ढंग से काटकर मिट्टी में ही मिला देता है, जो प्राकृतिक खाद बनकर मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाता है. सबसे जरूरी बात ये है कि ये मशीन मैनुअल निराई-गुड़ाई की तुलना में तेजी से काम करती है, जिससे एक एकड़ खेत का काम 2-3 घंटे में हो जाता है.
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पावर वीडर मशीन को एक अकेला आदमी भी चला सकता है जिससे बहुत अधिक श्रम और मैन पावर की जरूरत नहीं होती है. अगर आप खेत में मेड़ या ढलान बना रहे हैं तो भी ये मशीन काफी असरदार मानी जाती है. इस तरह से खेती में लगने वाला अधिक समय और मेहनत की बचत होती है जो किसानों के लिए फायदेमंद है.
पावर वीडर मशीन कई तरह की आती है जिसे हाथ से ठेलकर या ट्रैक्टर से जोड़ कर चलाया जा सकता है. छोटी मशीन की बात करें तो ये 60-120 किलो की आती है. इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है जो संकरी जगहों में भी आसानी चलाई जा सकती है. ईंधन की बात करें तो ईंधन खपत डीजल में 600-800 मिली/घंटा है जिससे लागत कम रहती है.
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