भारत हमेशा से एक कृषि प्रधान देश रहा है. यहां की जलवायु खेती-किसानी के लिए बहुत लाभदायक है. हालांकि, हाल के सालों में मौसम में हो रहे लगातार बदलाव से फसल उत्पादन में कमी देखी जा रही है, जिससे किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. पहले पारंपरिक कृषि विधियों को ही किसान अपनाकर खेती करते थे. लेकिन जैसे-जैसे देश में आधुनिक तकनीक का विकास हो रहा है, वैसे-वैसे खेती-किसानी में भी बदलाव देखे जा रहे हैं. ऐसी ही एक नई तकनीक किसानों के बीच काफी लोकप्रिय हो रही है, जिससे उन्हें बेहतर मुनाफे के साथ साथ अधिक उत्पादन मिल रहा है. इस तकनीक को पॉलीहाउस कहा जाता है. ऐसे में आइए जानते हैं क्या है पॉलीहाउस तकनीक और क्या हैं इसके फायदे.
पॉलीहाउस एक प्रकार का ग्रीनहाउस है, जो गर्मी, ठंड और बरसात के मौसम में पौधों के सही विकास के जलवायु को नियंत्रित करता है. पॉलीहाउस का ढांचा जस्ती इस्पात से बना होता है और इसकी छत UV-स्थिर पॉलीफिल्म से ढकी होती है, जिससे पौधों के लिए आदर्श वातावरण तैयार होता है. बता दें कि पहले पॉलीहाउस खेती अन्य पॉलीकार्बोनेट, कांच की छत, लकड़ी के फ्रेम से बनते थे, लेकिन अब आधुनिक पॉलीहाउस जस्ती इस्पात पाइप या अन्य मजबूत सामानों से बनाए जाते हैं जो हर मौसम में सफल हैं.
1. पॉलीहाउस में उगाई जाने वाली फसलें उच्च क्वालिटी वाली होती हैं. तापमान और नमी को नियंत्रित रखने की वजह से पौधों को उचित जलवायु मिलती है और उत्पादन की क्वालिटी पर इसका असर पड़ता है.
2. इसकी खास बात ये है कि पॉलीहाउस में किसानों को जलवायु नियंत्रण की सुविधा मिलती है. इसमें तापमान को नियंत्रित करने के लिए कई उपकरण लगाए जाते हैं, जैसे कि फैन पैड सिस्टम और डिजिटल नियंत्रण यूनिट, जिससे तापमान, नमी, और हवा के प्रवाह को नियंत्रित किया जा सकता है. साथ ही किसी भी मौसम में फसल को लगाया जा सकता है.
3. पॉलीहाउस में नकदी फसलों खेती की जा सकती है, जैसे कि खीरा और टमाटर की लताओं को लगाकर अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है.
4. इन तकनीकों के इस्तेमाल से खेती करने में 90 फीसदी कीट आक्रमण में कमी आती है. वहीं, पॉलीहाउस खेती से उत्पादन में 10-12 गुना इजाफा देखने को मिलता है.
5. इसमें आप सालों भर फलों और सब्जी की खेती आसानी से कर सकते हैं. इसके अलावा ड्रिप सिंचाई द्वारा 90 फीसदी पानी का भी बचाव होता है. वहीं, किसानों की आय में दोगुना लाभ होता है.
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