लगभग हर किसान पशुपालन जरूर करता है. लेकिन पशुओं के लिए चारा काटना सबसे कठिन काम होता है. अभी भी गावों में ज्यादातर किसानों के पास पुरानी तकनीक की कुट्टी मशीन ही होती है. इस मशीन को हाथ से ही चलाना होता है और चारे की कटाई में चलाने वाली की कमर टूट जाती है. इसलिए किसान-Tech की इस सीरीज में हम आपको आज एक ट्रैक्टर से चलने वाली कुट्टी मशीन के बारे में बताएंगे. इस मशीन को चैफ कटर मशीन भी कहते हैं. इस कुट्टी मशीन का क्या फायदा है और इसकी कीमत क्या है? इस खबर में हम आपको ये सब कुछ बताने वाले हैं.
ये एक ऐसी मशीन है जो ट्रैक्टर के पीछे आसानी लग जाती है और हर तरह का चारा बहुत तेजी से काट सकती है. चैफ कटर मशीन से चारा काटने के लिए आपको बस इसे ट्रैक्टर की पीटीओ शाफ्ट से जोड़ना है और फिर बेहद तेजी से ये मशीन चारा काटना शुरू कर देती है. इतना ही नहीं कई सारी चैफ कटर तो हाइब्रिड भी आती हैं. यानी कि ये मशीने ट्रैक्टर और इलैक्ट्रिक मोटर दोनों से चलती हैं.
चैफ कटर मशीन एक बढ़िया चेचिस पर सेट रहती है, जिससे आप इसे ट्रैक्टर में पीछे लगाकर कहीं भी आराम से लेकर जा सकते हैं. इस मशीन में एक बड़े व्हील पर कई सारे हेवी ड्यूटी ब्लेड लगे होते हैं. इसका कोई खासा मेनटेनेंस भी नहीं होता है और ये कई घंटों तक लगातार काम कर सकती है. ये मशीन उन लोगों के लिए बेहद काम की है जो डेयरी का काम करते हैं और कुट्टी के लिए अलग से मजदूर लगाने पड़ते हैं.
ट्रैक्टर से चलने वाली कुट्टी मशीन का सबसे बड़ा फायदा ये है कि पशुपालकों और किसानों का श्रम और समय दोनों बच जाता है. इस मशीन में लगे गियर की मदद से चारे की मोटाई भी एडजस्ट की जा सकती है और साथ ही हर तरह का चारा काटा जा सकता है. चैफ कटर मशीन से कम समय में ज्यादा और अच्छी क्वालिटी का चारा काटा जा सकता है.
इतना ही नहीं इस मशीन से आप छोटे चारे से लेकर गन्ना, मक्का और पराली तक आराम से काट सकते हैं. ट्रैक्टर वाली कुट्टी मशीन की क्षमता की बात करें तो एक घंटे में 4 से 7 कुंतल चारा काट सकती है. ज्यादा एचपी वाली मशीनें तो 12 कुंतल प्रति घंटे की क्षमता से भी कटाई कर सकती हैं. चारा काटने की क्षमता इसकी स्पीड और चारे की मोटाई पर भी निर्भर करती है.
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ट्रैक्टर माउंटेड कुट्टी मशीन से हरा चारा और सूखा चारा दोनों काटे जा सकते हैं. इसमें 4 ब्लेड, 3 ब्लेड और 2 ब्लेड का ऑप्शन मिल जाता है. ब्लेड की संख्या को आप जरूरत के हिसाब से खुद से ही कम और ज्यादा कर सकते हैं
टैक्टर माउंटेड चैफ कटर मशीन में पीछे की ओर एक गियर भी होता है. इस गियर की मदद से आप चारे की मोटाई और बारीकी सेट कर सकते हैं और साथ ही जरूरत पड़ने पर इसे रिवर्स भी घुमा सकते हैं. इस गियर से मशीन की स्पीड भी एडजस्ट की जा सकती है.
वहीं अगर इस मशीन का आप ऊंचा मॉडल खरीदते हैं तो इसमें पीछे एक कनवेयर बेल्ट भी मिलती है. इस कनवेयर बेल्ट की मदद से चारा अपने आप मशीन के अंदर चला जाता है और हाथ भी सुरक्षित रहते हैं.
इस चैफ कटर मशीन में दो तरह कटा हुआ चारा निकालने के विकल्प मिलते हैं. मशीन का एक प्वाइंट खोलने पर कटा हुआ चारा सीधे जमीन पर गिरता है और दूसरा प्वाइंट चालू करने पर ये मशीन कटाई के बाद चारा सीधे ट्रॉली में भी गिरा सकती है. इससे आपकी मजदूरी भी बचती है.
ट्रैक्टर से चलने वाली कुट्टी मशीन की बाजार में कीमत 30 हजार से शुरू होकर 2 लाख रुपए तक जाती है. लेकिन जो किसान या पशुपालक इसे खरीदना चाहते हैं, उन्हें सरकार की ओर से इसपर सब्सिडी भी मिल जाएगी. दरअसल, चारा काटने वाली मशीन पर सरकार पशुपालकों और किसानों को अच्छी-खासी सब्सिडी देती है.
बता दें कि अलग-अलग चारा मशीनों पर अलग-अलग सब्सिडी दी जाती है. पॉवर से चलने वाली चारा मशीन पर 50 तक प्रतिशत सब्सिडी दी जाती है. वहीं हाथ वाली चारा मशीनों पर 70 प्रतिशत तक सब्सिडी का लाभ दिया जाता है. कुट्टी मशीन पर सब्सिडी में छोटे, सीमांत और महिला किसानों को प्राथमिकता दी जाती है.
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