नागपुर की एग्रो व्हीजन प्रदर्शनी में ड्रोन–एआई खेती का जलवा, किसानों में जबरदस्त उत्साह

नागपुर की एग्रो व्हीजन प्रदर्शनी में ड्रोन–एआई खेती का जलवा, किसानों में जबरदस्त उत्साह

महाराष्ट्र में ड्रोन और एआई जैसी एडवांस तकनीक को बढ़ावा देने के लिए नागपुर में एग्रो व्हीजन कृषि प्रदर्शनी आयोजित की गई, जिसमें खेती को तेज, आसान और कम खर्चीला बनाने के लिए किसानों को नई तकनीकों की ट्रेनिंग और जागरुकता दी गई.

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नागपुर की एग्रो व्हीजन प्रदर्शनी में ड्रोन–एआई खेती का जलवा, किसानों में जबरदस्त उत्साहड्रोन टेक्नोलॉजी से किसानों को फायदा

महाराष्ट्र में किसानों को ड्रोन के जरिये खेती करने के लिए बढ़ावा दिया जा रहा है. इसमें सरकार और उसके विभाग पूरा जोर लगा रहे हैं. सरकारी विभागों की मदद से प्राइवेट कंपनियां भी इसमें आगे आ रही हैं. किसानों को ड्रोन डेक्नोलॉजी की जानकारी देने और उन्हें जागरूक करने के लिए नागपुर में कृषि प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. इसका नाम था एग्रो व्हीजन कृषि प्रदर्शनी.

इस प्रदर्शनी में किसानों को एडवांस तकनीक का उपयोग कर खेती को कारगर और समृद्ध बनाने के लिए जानकारी दी गई. प्रदर्शनी में बताया गया कि ड्रोन जैसी तकनीक के उपयोग में क्या-क्या किया जाना चाहिए. इस तरह की जानकारी राष्ट्रीय स्तर की प्रदर्शनी में भी दी गई थी. उसकी झलक नागपुर के एग्रो व्हीजन में भी देखी गई.

ड्रोन तकनीक और AI से फायदा

नागपुर के एग्रो व्हीजन कृषि प्रदर्शनी में ड्रोन तकनीक से खेती आकर्षण का केंद्र बना हुआ था. ड्रोन के अलावा एआई तकनीक से भी किसानों की मदद की जाएगी. किसान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद लेकर खेती के काम को आसान बना सकते हैं. इस तरह किसानों को एकसाथ दो-दो एडवांस तकनीक ड्रोन और एआई के बारे में बताया जा रहा है.

आमतौर पर किसान जब खेती करते हैं तो उन्हें सबसे ज्यादा खेती में काम करने वाले लोगों की कमी का सामना करना पड़ता है. ऐसे में अब ड्रोन टेक्नोलॉजी की मदद से बिना किसी मजदूर के कोई किसान खेतों में फसल की बुवाई से बाकी काम कर पाएगा. साथ ही, ड्रोन टेक्नोलॉजी की मदद से अपने फसल को अच्छी तरीके से उगा कर समृद्ध बन पाएगा.

ड्रोन से खेती में मदद

ड्रोन की मदद से किसान अब अपनी फसल को ज्यादा अच्छे से और कम समय में लगा सकते हैं. यह ड्रोन एक साल में 1500 से 2000 एकड़ तक खेती में स्प्रे कर सकता है. अगर यही काम स्प्रे के जरिये करना हो तो कई महीने लग जाएंगे. इसमें मजदूरी और लागत बढ़ेगी जिससे खेती का काम महंगा होगा. ड्रोन कम खर्च में इस महंगाई को कम कर सकता है. इसे देखते हुए ड्रोन के इस्तेमाल की ट्रेनिंग किसानों को दी जा रही है.

खास बात ये कि यह ड्रोन बैटरी ऑपरेटेड है और एक बार चार्ज करने पर चार घंटे चलता है. खास बात यह है कि यह ड्रोन वॉटर प्रूफ और डस्ट फ्री भी है.

कम समय में खेती को कारगर और सुविधाजनक बनाने के लिए किसानों को एआई टेक्नोलॉजी की जानकारी दी जा रही है. किसान अपने स्मार्टफोन के जरिये खेती में एआई टेक्नोलॉजी की मदद ले सकते हैं. वे मौसम से लेकर फसल की सेहत और कीट आदि के बारे में नुकसान से पहले जानकारी हासिल कर सकते हैं. इससे वे फसल नुकसान से बच जाएंगे.

नागपुर में आयोजित एग्रो व्हीजन कृषि प्रदर्शनी में इस ड्रोन टेक्नोलॉजी की मदद से खेती की ट्रेनिंग लेने के लिए किसान भारी संख्या में पहुंचे.(योगेश पांडे का इनपुट)

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