Navratri 2023: लखनऊ में थर्माकोल और बांस से बना देश का सबसे बड़ा दुर्गा पंडाल, गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम हुआ दर्ज

Navratri 2023: लखनऊ में थर्माकोल और बांस से बना देश का सबसे बड़ा दुर्गा पंडाल, गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम हुआ दर्ज

शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तक 5 लाख से ज्यादा भक्त पहुंचे थे. उन्होंने कहा कि इस दुर्गा पंडाल में प्रेम मंदिर थीम होने की वजह से इसमें प्रवेश करते ही सबसे पहले गोवर्धन पर्वत पर श्री कृष्ण भगवान के दर्शन होते हैं.

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Navratri 2023: लखनऊ में थर्माकोल और बांस से बना देश का सबसे बड़ा दुर्गा पंडाल, गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम हुआ दर्ज गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ नाम

Lucknow News: नवरात्रि का त्योहार चल रहा है. ऐसे में जगह-जगह मां दुर्गा के पंडाल लगाए जा रहे हैं. इसी कड़ी में देश का सबसे बड़ा और भव्य दुर्गा पंडाल राजधानी लखनऊ में बनाया गया है. इस दुर्गा पंडाल को गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल कर लिया गया है. यह दुर्गा पंडाल यूपी की लखनऊ के जानकीपुरम में बनाया गया है. इसकी खूबसूरती यह है कि इसे मथुरा के प्रेम मंदिर की तर्ज पर तैयार किया गया है. यह देखने में मथुरा का प्रेम मंदिर ही लगता है. इसे उत्सव दुर्गा पूजा नाम दिया गया है.
यहां के संचालक सौरव बंद्योपाध्याय ने किसान तक से खास बातचीत में बताया कि यह दुर्गा पंडाल 47,210 स्क्वायर फीट में बनाया गया है. 55 लाख रुपए इसकी लागत है. इसे बनाने में 4 महीने की समय लगा था. थर्माकोल को संगमरमर जैसा दिखने के लिए इसमें साढ़े छह सौ लीटर पेंट का इस्तेमाल किया गया है.

बंद्योपाध्याय कहते हैं कि लखनऊ के इस दुर्गा पंडाल को देखने के लिए देशभर से लोग आ रहे हैं. पहले दिन ही 20,000 लोग पहुंचे थे. अब दूसरे दिन लगभग एक लाख लोग पहुंचने की उम्मीद संचालक जता रहे हैं. शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तक 5 लाख से ज्यादा भक्त पहुंचे थे. उन्होंने कहा कि इस दुर्गा पंडाल में प्रेम मंदिर थीम होने की वजह से इसमें प्रवेश करते ही सबसे पहले गोवर्धन पर्वत पर श्री कृष्ण भगवान के दर्शन होते हैं. फिर अंदर जाने के बाद कृष्ण गोपियों के साथ नजर आते हैं और उसके बाद उनकी तमाम लीलाएं देखने के लिए मिलती हैं, जो बेहद मनमोहक हैं और तो और इसमें अभिमन्यु का चक्रव्यूह भी बनाया गया है जो देखने में बेहद आकर्षित है.

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सौरव बंद्योपाध्याय ने बताया कि 2019 से उनका नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हो रहा है. 2019-20 और 22 में सबसे ऊंचा पंडाल बनाने के लिए उनका नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ हो चुका है. 2023 में भी उनका नाम रिकॉर्ड में दर्ज हो चुका है.

असम से मंगवाया गया बांस

बंदोपाध्याय ने आगे जानकारी साझा की और बताया कि पंडाल बनाने में सबसे दिक्कत बांस की हो रही थी. क्योंकि पंडाल में 32 से 34 फीट लंबे बांस चाहिए थे. जो यूपी में मिलना संभव था. इसलिए हम लोग बांस की खोज में पिछले 6 महीने से लगे थे और फिर असम से बांस को मंगवाया. उसका आर्डर 6 माह पहले ही दे दिया गया था. कुल 12 हज़ार से अधिक बांस पंडाल में लगे हैं.

4 ट्रक थर्माकोल का हुआ इस्तेमाल

सौरव बताते हैं कि, सबसे मुसीबत भरा काम सरकार से थर्माकोल लेना था. लेकिन प्रयास करने के बाद थर्माकोल मिल. इस पंडाल में 4 ट्रक थर्माकोल लगाए गए हैं. साथ ही जो थर्माकोल आए हैं, उसका हिसाब हम लोगों ने रखा हुआ है उसे बिना क्षति पहुंचाए फिर वापस किया जाएगा. 

पंडाल में लगी बेल्जियम की लाइटें 

पंडाल का मुख्य हॉल 15000 वर्ग फीट का है. पंडाल में बेल्जियम की लाइटें लगी हैं. इस पंडाल को विश्व के सबसे बड़े दुर्गा पूजा पंडाल का सर्टिफिकेट भी मिला है. सौरव बंद्योपाध्याय का दावा है कि पिछले 3 सालों (2019, 2020 और 2022) की तरह ही इस साल भी इस दुर्गा पूजा पंडाल का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज किया जा चुका है. यहां मां भवानी की प्रतिमा को देखने में आकर्षण का केंद्र बनी हुई है. जहां लाखों की संख्या में भक्तों का रेला लगा हुआ है.

 

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