सोयाबीन ज्ञान ऐपAI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का दायरा खेती-किसानी में काफी तेजी से बढ़ते जा रहा है. इस आधुनिक तकनीक के आने से किसानों को खेती करने में भी आसानी हो रही है. साथ ही किसानों की कमाई में भी बढ़ोतरी हो रही है. इस बीच, मध्य प्रदेश के इंदौर में नेशनल सोयाबीन रिसर्च इंस्टीट्यूट ने एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) वाला मोबाइल ऐप बनाया है, जो किसानों को सोयाबीन की फसल की पैदावार बढ़ाने में मदद करेगा. इंस्टीट्यूट की प्रिंसिपल साइंटिस्ट (कंप्यूटर एप्लीकेशन) डॉ. सविता कोल्हे ने बताया कि ‘सोयाबीन ज्ञान’ नाम का यह ऐप किसानों को इस फसल के बारे में साइंटिफिक, सही और समय पर जानकारी देगा.
कोल्हे ने बताया कि ऐप की खासियत इसका AI-बेस्ड टेक्निकल फ्रेमवर्क है, जो किसानों को सोयाबीन की फसल पर असर डालने वाली बीमारियों और कीड़ों को मैनेज करने में मदद करेगा. उन्होंने कहा कि जब किसान इस ऐप पर अपनी सोयाबीन की फसल की फोटो अपलोड करेंगे, तो यह उन्हें फसल में किसी भी बीमारी या कीड़े के बारे में तुरंत जानकारी देगा और उससे बचने के उपाय बताएगा.
प्रिंसिपल साइंटिस्ट ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में यह ऐप किसानों के लिए खास तौर पर फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि वे तुरंत एक्सपर्ट सलाह नहीं ले सकते हैं. उन्होंने बताया कि ऐप में बीमारी और कीड़ों के फैलने के लिए मौसम पर आधारित फोरकास्टिंग सिस्टम भी शामिल है. कोल्हे के मुताबिक, यह सिस्टम लोकल मौसम के हिसाब से होने वाली बीमारियों और कीड़ों के फैलने के बारे में समय पर चेतावनी देता है, जिससे किसान उनसे निपटने के लिए पूरी तैयारी कर सकें.
उन्होंने कहा कि ऐप में AI वाला चैटबॉट भी है, जो किसानों को चौबीसों घंटे मदद करेगा. यह ऐप बाजार में सोयाबीन की कीमतों के बारे में लगातार अपडेटेड जानकारी भी देता है. कोल्हे ने कहा कि मोबाइल ऐप में कई भाषाओं के ऑप्शन हैं और इसे Google Play स्टोर से आसानी से डाउनलोड किया जा सकता है.
भारत अपनी खाने के तेल की ज़रूरत का लगभग 60 परसेंट हिस्सा इम्पोर्ट करता है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि खाने के तेल के प्रोडक्शन में आत्मनिर्भरता के बड़े लक्ष्य को पाने के लिए, देश को सोयाबीन जैसी मुख्य तिलहन फसलों का प्रोडक्शन बढ़ाने की ज़रूरत है. (PTI)
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