1 करोड़ किसानों को मिली डिजिटल पहचान, अगले कुछ सालों में 11 करोड़ आईडी बनाने का लक्ष्य

1 करोड़ किसानों को मिली डिजिटल पहचान, अगले कुछ सालों में 11 करोड़ आईडी बनाने का लक्ष्य

एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, किसानों का एक डेटाबेस तैयार किया जा रहा है जो उनके जमीन रिकॉर्ड से जुड़ा हुआ है. इसके लिए कृषि मंत्रालय ने राज्यों के सहयोग से मंगलवार तक 10 राज्यों में 1 करोड़ किसानों को डिजिटल आईडी दी है.

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1 करोड़ किसानों को मिली डिजिटल पहचान, अगले कुछ सालों में 11 करोड़ आईडी बनाने का लक्ष्यडिजिटल पहचान पत्र

भारत में खेती-किसानी अब आधुनिकता की ओर बढ़ रही है. खेतों में इस्तेमाल होने वाली मशीन से लेकर अनाजों के घर पहुंचने तक अलग-अलग प्रकार की तकनीकों का इस्तेमाल हो रहा है. इन तकनीकों के इस्तेमाल से काम आसान होने के साथ ही किसानों की कमाई भी बढ़ रही है. भारतीय किसानों को हमेशा नई तकनीकों और समाधानों की तलाश रहती है. इसी दिशा में, सरकार किसानों को डिजिटल आईडी (Farmer ID) से जोड़ रही है. आसान भाषा में कहें तो ये किसानों का पहचान पत्र है. वहीं, अब तक लगभग 1 करोड़ यानी 10 मिलियन किसानों के इससे जोड़ा जा चुका है. ये डिजिटल आईडी किसानों की खेती के रिकॉर्ड से जुड़े डेटा को देखने में मदद करती है.

इतने किसानों को मिली डिजिटल आईडी

एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, किसानों का डेटाबेस तैयार किया जा रहा है जो उनके जमीन रिकॉर्ड से जुड़ा हुआ है. इसके लिए कृषि मंत्रालय ने राज्यों के सहयोग से मंगलवार तक 10 राज्यों में 1 करोड़ किसानों को डिजिटल आईडी दी है. 'फाइनेंशियल एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के मुताबिक, किसानों की डिजिटल रजिस्ट्री बनाने का कदम सरकार के डिजिटल कृषि मिशन का हिस्सा है, जो किसानों को कई योजनाओं का लाभ पाने में सक्षम बनाएगा.

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10 राज्यों में शुरू किया गया कार्यक्रम 

किसान पहचान पत्र के रूप में ये आईडी किसानों की भूमि, खेत में उगाई गई फसलों और अन्य विवरण शामिल होते हैं, ताकि सरकार के लिए नकद लाभ देना, लोन स्वीकार करना, फसल बीमा और फसल की उपज का अग्रिम अनुमान लगाना आसान हो सके.

बता दें कि जिन 10 राज्यों ने यह कार्यक्रम शुरू किया गया है, उनमें से अधिकांश किसानों का पहचान-पत्र गुजरात में बना है. यहां के 32 लाख किसान, उत्तर प्रदेश के 30 लाख और मध्य प्रदेश 28 लाख किसानों के पहचान पत्र तैयार किए गए हैं. इसके अलावा महाराष्ट्र, राजस्थान, असम, छत्तीसगढ़, ओडिशा, आंध्र प्रदेश और बिहार जैसे अन्य राज्य हैं जिन्होंने पहचान-पत्र देने के लिए कार्यक्रम शुरू किया है.

11 करोड़ किसानों को जोड़ने का लक्ष्य

एग्रीस्टैक के तहत अगले कुछ सालों में 11 करोड़ किसानों को आधार जैसी डिजिटल पहचान दी जाएगी. वित्त वर्ष 26 और वित्त वर्ष 27 में क्रमशः 3 करोड़ और 1 करोड़ किसानों को उनका पहचान पत्र मिल जाएगा. अनुमान के अनुसार, देश में 14 करोड़ किसान हैं और इनमें से लगभग 35 से 40 फीसदी किसानों के पास जमीन नहीं है और वे पट्टे पर खेती करते हैं.

इस कार्ड से उठा सकते हैं कई लाभ

किसानों का डिजिटल डेटाबेस बनाने की कृषि मंत्रालय की पहल कर्नाटक के फल किसान पंजीकरण और एकीकृत लाभार्थी सूचना प्रणाली (FRUITS) सॉफ्टवेयर पर आधारित है. कर्नाटक में, FRUITS सॉफ्टवेयर के माध्यम से किसान पीएम किसान के तहत नकद प्रोत्साहन, फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य का भुगतान, विशेष वित्तीय सहायता, जाति प्रमाण पत्र प्रमाणीकरण और राशन कार्ड जैसी योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं.

कृषि के लिए डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा बनाने के एक हिस्से के रूप में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण (2024-25) में कहा था कि 6 करोड़ किसानों और उनकी भूमि का विवरण किसान और जमीन रजिस्ट्री में लाया जाएगा.

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