सिर्फ उस पार्टी को वोट देंगे जो....तेलंगाना में किसानों का ऐलान, हल्‍दी बोर्ड और फसलों पर एमएसपी की मांग

सिर्फ उस पार्टी को वोट देंगे जो....तेलंगाना में किसानों का ऐलान, हल्‍दी बोर्ड और फसलों पर एमएसपी की मांग

तेलंगाना के निजामाबाद में वोटिंग से ठीक पहले किसानों की एक मांग केंद्र सरकार की मुश्किलें बढ़ा सकती है. यहां के किसान निजामाबाद में हल्दी बोर्ड की स्थापना और बाकी फसलों पर एमएसपी मूल्य में वृद्धि की मांग कर रहे हैं. किसानों की तरफ से हल्‍दी बोर्ड की मांग पिछले काफी समय से की जा रही है लेकिन लोकसभा चुनावों से पहले इस मांग ने जोर पकड़ लिया है.

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सिर्फ उस पार्टी को वोट देंगे जो....तेलंगाना में किसानों का ऐलान, हल्‍दी बोर्ड और फसलों पर एमएसपी की मांग तेलंगाना के किसानों ने की हल्‍दी बोर्ड की मांग

तेलंगाना के निजामाबाद में वोटिंग से ठीक पहले किसानों की एक मांग केंद्र सरकार की मुश्किलें बढ़ा सकती है. यहां के किसान निजामाबाद में हल्दी बोर्ड की स्थापना और बाकी फसलों पर एमएसपी मूल्य में वृद्धि की मांग कर रहे हैं. किसानों की तरफ से हल्‍दी बोर्ड की मांग पिछले काफी समय से की जा रही है लेकिन लोकसभा चुनावों से पहले इस मांग ने जोर पकड़ लिया है. न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए, अंकापुर गांव के एक किसान, परकिट पेद्दा भूमन ने अपनी चिंता व्यक्त की. उन्‍होंने कहा कि किसानों को उनके निवेश की तुलना में लाभ की मात्रा नहीं मिलती है. इसकी वजह से कम उत्पादन होता है. उनका कहना था कि किसान अब धान की खेती की तरफ बढ़ रहे हैं.

'जो सब्सिडी देगा, उसे वोट मिलेगा'  

भूमन ने कहा, 'एक एकड़ हल्दी की खेती के लिए किसान 1.50 लाख का निवेश कर रहा है.  जब हम बेचते हैं तो हमें उतनी ही राशि मिल रही है, लेकिन ज्यादा लाभ नहीं होता है. किसान हल्दी का कम उत्पादन कर रहे हैं और धान की ओर बढ़ रहे हैं. हल्दी बोर्ड अभी तक आवंटित नहीं किया गया है लेकिन सरकार ने कहा है कि यह कुछ चरणों में किया जाएगा.' उन्‍होंने आगे कहा,  'हमारे यहां फसल का एक बड़ा बाजार है. हम उस पार्टी को ही वोट देंगे जो कई फसलों के बीजों पर हमारा समर्थन करेगी और हमें सब्सिडी देगी.' 

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बिजली और उर्वरकों में मिले मदद 

इस बीच, एक और किसान गंगा रेड्डी ने बताया कि जो कोई भी समय पर बिजली मुहैया कराएगा और किसानों को उर्वरकों की मदद करेगा, उसे चुनाव में किसान समुदाय से समर्थन मिलेगा.  उन्‍होंने और स्‍पष्‍ट होते हुए कहा कि पहले 300 किसान थे, जो हल्दी की खेती करते थे, लेकिन अब कम फायदे की वजह से कई लोगों ने खेती बंद कर दी है. इसका नतीजा है कि हल्दी का उत्पादन कम हो गया. उन्‍होंने कहा, 'इस साल कई लोगों ने खेती बंद कर दी और बहुत कम हल्दी पैदा हुई. हल्दी किसानों के पास कोई विकल्प नहीं है. वे कई तरह के घाटे से गुजर रहे हैं. ऐसे में अब वो धान की खेती की ओर रुख कर रहे हैं.' 

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घाटे ने किया किसानों को परेशान 

उनका कहना था कि एमएसपी रहेगा तो किसान अच्छे और बहुत खुशहाल होंगे. इस साल हल्दी बोर्ड का गठन नहीं किया गया और अगर यह होता है तो किसानों को राहत मिलेगी. एक और किसान चिन्‍ना गंगाधर ने बताया कि पिछले तीन सालों से हल्दी की दर में कमी आई है. सभी किसान दूसरी फायदेमंद फसल की तरफ बढ़ गए हैं. किसान धान और मक्का की तरफ चले गए हैं. इस साल हल्दी का रेट बढ़ा है इसलिए अगले साल हल्दी उगाने की योजना है. लेकिन किसान दुविधा में हैं क्योंकि कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी है. 

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क्‍या कहा था अमित शाह ने 

इससे पहले, तेलंगाना में विधानसभा चुनाव से पहले, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने घोषणा की थी कि निजामाबाद जिले में हल्दी पर रिसर्च की जाएगी ताकि हल्दी किसानों को उनकी उपज के लिए अधिक पैसा मिल सके. अमित शाह ने एक मीटिंग में कहा था कि नेशनल हल्दी बोर्ड की स्थापना के लिए आदेश जारी किए गए थे. अगले चरण में रिसर्च होगी. साथ ही प्रिजर्वेशन यूनिट्स भी लगाई जाएंगी.  लोकसभा चुनाव 2024 के चौथे चरण में तेलंगाना की सभी 17 सीटों पर 13 मई को मतदान होना है. साल 2019 के आम चुनाव में, तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) ने नौ सीटें, बीजेपी ने चार, कांग्रेस ने तीन और एआईएमआईएम ने एक सीट जीती थी. 

 

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