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त्रिची में अनोखा चुनाव प्रचार, सब्‍जी बेच कर जनता से वोट मांग रहे पद्मश्री विजेता एस दामोदरन 

त्रिची में अनोखा चुनाव प्रचार, सब्‍जी बेच कर जनता से वोट मांग रहे पद्मश्री विजेता एस दामोदरन 

लोकसभा चुनावों आगाज होने में बस कुछ ही दिन बचे हैं. 19 अप्रैल से शुरू हो रहे लोकसभा चुनावों के लिए हर पार्टी और नेता प्रचार में पूरी ताकत झोंक रहा है. लेकिन तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में एस दामोदरन ने प्रचार का जो तरीका अपनाया है, वह बाकी सभी उम्‍मीदवारों से 62 साल के दामोदरन एक पद्मश्री विजेता हैं और तिरुचिरापल्‍ली से चुनावी मैदान में हैं.

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 62 साल के दामोदरन एक पद्मश्री विजेता हैं 62 साल के दामोदरन एक पद्मश्री विजेता हैं

लोकसभा चुनावों आगाज होने में बस कुछ ही दिन बचे हैं. 19 अप्रैल से शुरू हो रहे लोकसभा चुनावों के लिए हर पार्टी और नेता प्रचार में पूरी ताकत झोंक रहा है. लेकिन तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में एस दामोदरन ने प्रचार का जो तरीका अपनाया है, वह बाकी सभी उम्‍मीदवारों से 62 साल के दामोदरन एक पद्मश्री विजेता हैं और तिरुचिरापल्‍ली से चुनावी मैदान में हैं. उनका चुनाव अभियान पूरे क्षेत्र में सुर्खियां बटोर रहा है. सवाल उठता है कि वह आखिर ऐसा क्यों कर रहे हैं. 

चुनाव चिह्न है स्‍टोव 

दामोदरन सब्जी विक्रेताओं के साथ बातचीत करके, फूलों की माला बनाकर और सब्जियां बेचकर प्रचार कर रहे हैं. पद्मश्री से सम्मानित समाजसेवी एस.दामोदरन को जब पिछले दिनों सब्‍जी बेचते हुए देखा गया तो हर कोई हैरान रह गया. दामोदरन मजबूरी में ऐसा कर रहे हों, ऐसा नहीं है. निर्दलीय चुनाव लड़ रहे एस.दामोदरन को स्टोव चुनाव चिह्न मिला है. शहर के गांधी मार्केट में लोगों और सब्जी विक्रेताओं से वोट मांगते नजर आए. 

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निर्दलीय उम्‍मीदवार दामोदरन 

उन्‍होंने कहा, 'मैं त्रिची संसदीय क्षेत्र से एक स्वतंत्र उम्मीदवार हूं. मैं मिट्टी का बेटा हूं और पिछले काफी सालों से त्रिची शहर में रह रहा हूं. 40 साल से ज्‍यादा हो गए जबसे मैं स्वच्छता केंद्र में एसोसिएट सर्विस स्वयंसेवक के रूप में काम कर रहा हूं. मैंने अपना करियर 20 साल की उम्र में शुरू किया था. अब मैं 62 साल का हूं और 60 साल की उम्र में, मुझे स्वच्छता क्षेत्र में मेरे काम के लिए भारत के तत्कालीन राष्‍ट्रपति राम नाथ कोविंद से पद्म श्री पुरस्कार मिला.'

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त्रिची को बनाना है ग्रीन सिटी 

दामोदरन को समाजसेवा के लिए सम्‍मानित किया गया था. उनका कहना है कि भले ही कई बड़ी पार्टियों के कैंडिडेट उनके मुकाबले में हैं, मगर उन्हें जनता से भरपूर प्यार मिल रहा है.  दामोदरन को उम्मीद है कि उन्हें जीत अवश्य मिलेगी. उनका कहना है कि उन्होंने अपने पूरे जीवनकाल में नौ प्रधानमंत्रियों का दौर देखा है. इस दौर में उन्होंने स्वच्छता कार्यक्रम को जारी रखा.  अपने इलाके के हर गांव को रोल मॉडल बनाया.  अब वह तिरुचिरापल्ली को एक स्वच्छ और ग्रीन सिटी बनाना चाहते हैं. 

वर्तमान में कांग्रेस के पास है सीट 

तिरुचिरापल्ली शहर त्रिची के नाम से भी मशहूर है. सन् 1998 और 1999 में बीजेपी के रंगराजन कुमारमंगलम भी त्रिचिराप्लेक्स सीट से उम्‍मीदवार रह चुके हैं. साल 2019 के आम चुनाव में यह सीट कांग्रेस के सु. तिरुवक्करासर ने महन्ती ने जीती थी. उन्हें शिक्षकों का समर्थन भी मिला. त्रिची में 19 अप्रैल वोट डाले जाएंगे.  इस सीट पर दामोदरन का मुकाबला कांग्रेस और तमिल मनीला कांग्रेस से है.