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मायावती ने भतीजे आकाश आनंद को उत्‍तराधिकारी पद से हटाया, मैच्‍योरिटी का दिया हवाला  

मायावती ने भतीजे आकाश आनंद को उत्‍तराधिकारी पद से हटाया, मैच्‍योरिटी का दिया हवाला  

बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) सुप्रीमो मायावती ने मंगलवार को एक चौंकाने वाला फैसला किया जब उन्‍होंने अपने भतीजे आकाश आनंद को अपने राजनीतिक उत्तराधिकारी के पद से हटा दिया. आकाश को पार्टी के राष्‍ट्रीय समन्वयक पद से भी हटा दिया गया है. मायावती ने कहा है कि इन भूमिकाओं को संभालने से पहले उन्हें 'परिपक्वता' तक पहुंचने की जरूरत है.

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बीएसपी सुप्रीमो का चौंकाने वाला फैसला बीएसपी सुप्रीमो का चौंकाने वाला फैसला

बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) सुप्रीमो मायावती ने मंगलवार को एक चौंकाने वाला फैसला किया जब उन्‍होंने अपने भतीजे आकाश आनंद को अपने राजनीतिक उत्तराधिकारी के पद से हटा दिया. आकाश को पार्टी के राष्‍ट्रीय समन्वयक पद से भी हटा दिया गया है. मायावती ने कहा है कि इन भूमिकाओं को संभालने से पहले उन्हें 'परिपक्वता' तक पहुंचने की जरूरत है. सोशल मीडिया एक्‍स (ट्विटर) पर उन्‍होंने अपने इस फैसले का ऐलान एक के बाद एक कई ट्वीट पोस्‍ट कर किया. 

एक्‍स प‍र क्‍या लिखा मायावती ने 

मायावती ने सिलसिलेवार पोस्ट में कहा, 'यह सबको मालूम है कि बीएसपी एक पार्टी होने के साथ-साथ बाबा साहब डाक्‍टर भीमराव अंबेडकर के स्वाभिमान और आत्मसम्मान और सामाजिक परिवर्तन का एक आंदोलन भी है, जिसके लिए मैंने और कांशीराम ने अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया है. इसे तेजी से आगे बढ़ाने के लिए नई पीढ़ी भी तैयार की जा रही है.' उन्होंने आगे लिखा, 'इसी सिलसिले में मैंने पार्टी में बाकी लोगों को बढ़ावा देने के साथ ही आकाश आनंद को राष्‍ट्रीय समन्वयक और अपना उत्तराधिकारी घोषित किया है. लेकिन पार्टी और आंदोलन के व्यापक हित में उन्हें पूर्ण परिपक्व होने तक इन दोनों महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों से अलग किया जा रहा है.' 

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कौन हैं आकाश आनंद 

मायावती ने आगे बताया कि आकाश के पिता आनंद कुमार पार्टी में अपनी भूमिका जारी रखेंगे. पिछले साल 10 दिसंबर को मायावती ने 28 वर्षीय आकाश आनंद को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था. लंदन से एमबीए करने वाले आनंद को पार्टी का राष्ट्रीय समन्वयक बनाया गया था.  आकाश आनंद हाल ही में तब चर्चा में आए थे जब उत्तर प्रदेश के सीतापुर में उनके खिलाफ आदर्श आचार संहिता उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया था.  यह कार्रवाई जिला प्रशासन द्वारा आनंद के चुनावी रैली में दिए गए भाषण का संज्ञान लेने के बाद की गई, जिसमें उन्होंने राज्य की भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार की तुलना तालिबान से की थी.