भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने बुधवार को नई लिस्ट जारी की है. इस लिस्ट में पार्टी ने लोकसभा चुनावों के लिए सात और उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया है. इस लिस्ट में पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे को टिकट के साथ ही उत्तर प्रदेश के पूर्व राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी के बेटे को भी टिकट मिला है. वहीं रीता बहुगुणा जोशी का टिकट प्रयागराज से कट गया है. जबकि बलिया से वीरेंद्र सिंह मस्त का टिकट काटा गया है. इस लिस्ट में बीजेपी ने पांच नए चेहरों को मौका दिया है जबकि दो दिग्गजों के टिकट काट दिए हैं. यूपी में अभी फिरोजाबाद, कैसरगंज, भदोही, देवरिया और रायबरेली इन पांच सीटों पर उम्मीदवार उतारे जाने बाकी हैं.
गाजीपुर से सपा प्रत्याशी अफजाल अंसारी के सामने बीजेपी ने बिल्कुल नया चेहरा उतारा है. यहां पर पार्टी ने पारसनाथ को टिकट दिया है. वह यहां से सांसद रहे मनोज सिन्हा के करीबी हैं. गाजीपुर सीट पर बीजेपी की टिकट पर उतारे गए पारसनाथ राय का कोई बड़ा राजनीतिक बैकग्राउंड नहीं है, ना हीं उनकी क्षेत्र में कोई बड़ी राजनीतिक पहचान है.
पारसनाथ राय मनोज सिन्हा के बेहद करीबी माने जाते हैं संघ से जुड़े हुए हैं और एक स्कूल के मालिक हैं. माना जा रहा है कि जब मनोज सिन्हा खुद नहीं इस चुनाव में उतरे तो उनके बेटे को भी टिकट नहीं मिला. ऐसे में पार्टी ने उनके करीबी को टिकट दिया है. पारसनाथ राय के जरिये बीजेपी सिर्फ भूमिहार वोटों को घोसी और बलिया में बैलेंस करना चाहती है.
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प्रयागराज से रीता बहुगुणा जोशी का टिकट काटकर उनकी जगह नीरज त्रिपाठी को प्रत्याशी बनाया गया है. जबकि पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के बेटे नीरज शेखर को बीजेपी ने बलिया से टिकट दिया है. पार्टी ने वीरेंद्र सिंह मस्त का टिकट यहां से काटा है और उनकी जगह पर नीरज शेखर को चुना. बीजेपी ने कौशांबी और मछली शहर के दोनों अनुसूचित सीटों पर अपने सांसदों विनोद सोनकर और बीपी सरोज को दोबारा मौका दिया है.
प्रयागराज से बीजेपी ने नीरज त्रिपाठी को अपना उम्मीदवार बनाया है नीरज त्रिपाठी केशरीनाथ त्रिपाठी के बेटे हैं और नया चेहरा है. नीरज त्रिपाठी भी पिता केशरी नाथ त्रिपाठी की तरह पेशे से वकील है. उनकी छवि भले ही बेदाग राजनेता की हो लेकिन पार्टी के अंदर उनका कद किसी बड़े नेता का नहीं है पार्टी. वह पार्टी के कार्यकर्ता रहे हैं. केशरी नाथ त्रिपाठी बीजेपी के बड़े नेताओं में शामिल थे. वह पश्चिम बंगाल के राज्यपाल और कानून के अच्छे जानकार थे. प्रयागराज में कांग्रेस और बीजेपी की टक्कर होगी. यहां पर कांग्रेस ने रेवती रमन सिंह के बेटे उज्जवल रमण सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है.
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इस टिकट बंटवारे में जातीय समीकरण का ख्याल भी रखा गया है. ध्यान देने वाली बात है कि सात उम्मीदवारों वाली इस लिस्ट में दो ठाकुर बिरादरी से हैं, एक भूमिहार, एक ब्राह्मण, दो अनुसूचित जाति और एक कुर्मी बिरादरी को भाजपा ने टिकट दिया है. कौशांबी से विनोद सोनकर पर बीजेपी ने तीसरी बार दांव लगाया है. वह साल 2014 और 2019 में चुनाव जीतकर कौशांबी से बीजेपी सांसद बने थे. ऐसे में पार्टी ने तीसरी बार उन पर ही भरोसा जताया है. विनोद सोनकर बीजेपी के अनुसूचित जाति मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुके हैं.
वहीं फूलपुर से बीजेपी ने प्रवीण पटेल को टिकट दिया है प्रवीण पटेल कुर्मी बिरादरी से हैं और दो बार विधायक रहे हैं. प्रवीण पटेल पहले बीएसपी से चुनकर आए थे. लेकिन बाद में उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया. वह फिलहाल फूलपुर से पार्टी के विधायक हैं. बतौर युवा नेता के तौर पर उनकी छवि एक बेदाग नेता की है.
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