स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर इस साल नई दिल्ली लाल किले पर ध्वजारोहण समारोह में यूपी के फ़तेहपुर जिले की राष्ट्रीय आजीविका मिशन से जुड़ी दो लखपति दीदी विशेष अतिथि के रूप में शामिल होंगी. स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने वाली इन महिलाओं को केंद्र सरकार द्वारा आत्मनिर्भरता की ओर उनके प्रेरक सफ़र के लिए विशेष रूप से सम्मानित किया जा रहा है. उत्तर प्रदेश की 14 "लखपति दीदियां" लाल किले पर ध्वजारोहण समारोह में विशेष अतिथि के रूप में शामिल होंगी जिसमें फ़तेहपुर जनपद की दो लखपति दीदी लक्ष्मी देवी और कांति देवी शामिल हैं.
इन दोंनो महिलाओं की पहले आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी लेकिन स्वयं सहायता समूह से जुड़कर अपने स्वरोजगार के दम पर आर्थिक रूप से सशक्त बनीं. लाल किले में ध्वजारोहण समारोह में शामिल होने के लिए दोनों महिलाएं बेहद उत्साहित और गौरवान्वित महसूस कर रही हैं.
उपायुक्त एनआरएलएम फतेहपुर मुकेश कुमार ने बताया कि स्वतंत्रता दिवस के अवसर भारत सरकार द्वारा स्वयं सहायता समूह की दीदियों को विशेष अतिथि के रूप में बुलाया गया है जिसमें जनपद फतेहपुर की स्वयं सहायता समूह से तेलियानी ब्लॉक के भगवंतपुर गांव की कांति देवी और असोथर ब्लॉक के बघेरन डेरा मजरे कोर्राकनक की रहने वाली लक्ष्मी देवी हिस्सा ले रही हैं. यह हमारे जनपद और समूह की दीदियों के लिए गर्व की बात है. दोनों महिलाएं समूह से जुड़कर दुग्ध पालन व्यवसाय से अपनी आजीविका बढ़ाती हैं और समूह के लिए अच्छा काम करती हैं. इसलिए उन्हें उत्कृष्ट काम के लिए बुलाया गया है.
समूह की महिला लक्ष्मी देवी स्वयं सहायता समूह से जुड़कर सामर्थ्य मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी में दूध का व्यवसाय करती हैं और कंपनी में बोर्ड ऑफ डायरेक्टर भी हैं जिससे उनकी आय होती है. इस व्यवसाय में उन्होंने अन्य महिलाओं को जोड़कर उनकी आजीविका सशक्त की. उनके साथ इस व्यवसाय में सात जिले की लगभग एक लाख महिलाएं जुड़ी हैं जिसमें 18 हजार लखपति दीदी बन चुकी हैं.
वही समूह की महिला कांति देवी 2018 में समूह से जुड़ी हैं और कैडर के रूप में समूह सखी हैं जो समूह बनाने में लोगों की मदद करती हैं जिसमें बैठकें कराना और विभिन्न गतिविधियों में सक्रिय भागीदारी निभाना शामिल है. कांति देवी पशुपालन और दुग्ध व्यवसाय के जरिए अपनी आजीविका संवर्धन कर रही हैं. सीएलएफ सीनियर सीआरपी के पद पर कई जनपदों में जाकर 83 बीओ और इसके बाद 29 क्लस्टर का निर्माण किया. पहले उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी लेकिन समूह से जुड़कर स्वयं के साथ अन्य महिलाओं को भी रोजगार से जोड़ा.(नितेश श्रीवास्तव का इनपुट)
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