भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने शनिवार को लोकसभा चुनावों के लिए अपनी आठवीं सूची जारी कर दी है. नई लिस्ट में पंजाब के आगामी उम्मीदवारों के नाम तो थे लेकिन इससे बॉलीवुड एक्टर सनी देओल का नाम गायब था. पार्टी ने इस बार गुरदासपुर से सनी देओल को टिकट नहीं दिया है. बल्कि उनकी जगह दिनेश सिंह बाबू को उम्मीदवार बनाया गया है. एक एक्टर के तौर पर जहां सनी बॉक्स ऑफिस पर सफलता की गारंटी थे तो एक नेता के तौर पर वह सुपरफ्लॉप सााबित हुए हैं. हर कोई जानता था कि सनी क्या गलती कर रहे हैं लेकिन शायद एक्टर इसके बारे में अनजान बने रहना चाहते थे.
हाल के कुछ सालों में सनी देओल की ऑन-स्क्रीन अटेंडेंस भी कम थी लेकिन संसद में भी उन्होंने कोई झंडे नहीं गाड़े थे. आमतौर पर हर साल एक फिल्म करने वाले सनी का संसद में रिकॉर्ड भी कुछ ऐसा ही रहा था. इसी तरह संसद में भी उनकी उपस्थिति का रिकॉर्ड भी इसी पैटर्न को दर्शाता है. एक इंटरव्यू में सनी से उनकी कम संसदीय उपस्थिति के बारे में सवाल किया गया और क्या वह 2024 में चुनाव लड़ने का इरादा रखते हैं? इस पर सनी ने बड़े ही अजीबो-गरीबो तरीके से इसका जवाब दिया.
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संसद में उनकी सीमित उपस्थिति के बारे में जब पूछा गया तो उन्होंने जवाब दिया कि संसद से उनकी अनुपस्थिति से उनके संसदीय क्षेत्र में उनके काम में बाधा नहीं बनती है. उन्होंने कहा, ''मेरी उपस्थिति वास्तव में कम है और मैं यह नहीं कहता कि यह अच्छी बात है लेकिन जब मैं राजनीति में आया तो मुझे एहसास हुआ कि यह मेरी दुनिया नहीं है. लेकिन मैं अपने संसदीय क्षेत्र के लिए काम कर रहा हूं और ऐसा करता रहूंगा. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मैं संसद में जाता हूं या नहीं, इससे मेरे संसदीय क्षेत्र के लिए मेरे काम पर कोई असर नहीं पड़ता है.'
उन्होंने आगे कहा, 'इसके अलावा, जब मैं संसद में जाता हूं तो मुझे समस्याओं का सामना करना पड़ता है. सुरक्षा है और फिर कोविड था. एक अभिनेता के तौर पर आप जहां भी जाते हैं लोग आपको घेर लेते हैं. मेरे पास अपने संसदीय क्षेत्र के लिए किए गए कामों की एक लिस्ट है. लेकिन मैं उन लोगों में से नहीं हूं जो अपने काम का प्रचार करते हैं. जहां तक राजनीति की बात है, हां यह एक ऐसा पेशा है जिसमें मैं फिट नहीं बैठता हूं.'
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सनी देओल 23 अप्रैल, 2019 को बीजेपी में शामिल हुए थे. साल 2019 के लोकसभा चुनावों में उन्होंने कांग्रेस के सुनील जाखड़ को हराकर पंजाब के गुरदासपुर में सफलतापूर्वक जीत हासिल की. सनी देओल अपने लोकसभा क्षेत्र में बहुत कम जाते थे. इससे गुरदासपुर के स्थानीय लोग भी उनसे खासे नाराज थे. यहां तक कि जब कभी गुरदासपुर के लोगों को उनकी जरूरत पड़ी तो भी सनी देओल गायब ही रहे. गुरदासपुर में वोटर्स ने 'सनी देओल लापता' तक के पोस्टर लगा दिए थे. इसके बाद भी सनी लोकसभा क्षेत्र में नहीं गए.
बीजेपी ने नमो ऐप के जरिए पसंदीदा उम्मीदवारों के लिए लोगों से फीडबैक लिया. साथ ही काम की जानकारी भी ली. इसके अलावा संसदीय क्षेत्र में उनके बारे में जानकारी ली गयी. बीजेपी ने नमो ऐप के जरिए तीन उम्मीदवारों का विकल्प भी सुझाया. नागरिकों ने भी सनी देओल से नाराजगी जाहिर की. सनी देओल हमेशा फिल्मों की शूटिंग में व्यस्त रहते थे. इस वजह से भी सनी को लोकसभा क्षेत्र में जाने का समय नहीं मिल पा रहा था. इस वजह से गुरदासपुर के लोग सनी से नाराज थे. माना जा रहा है कि इस वजह से बीजेपी ने सनी देओल का टिकट काट दिया है.
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