लद्दाख में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के लिए मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं. यहां पर पार्टी के अंदर ही असंतोष है जिसका सामना शीर्ष नेतृत्व को करना पड़ रहा है. दरअसल मौजूदा बीजेपी सांसद पार्टी के लिए परेशानी की वजह बन गए हैं. सांसद जामयांग त्सेरिंग नामग्याल को इस बार पार्टी ने लोकसभा का टिकट नहीं दिया है. इसी वजह से वह नाराज हैं और पार्टी के खिलाफ बगावत पर उतर आए हैं. बुधवार को उन्होंने अपने समर्थकों को एकजुट किया. इस बार पार्टी ने लद्दाख से ताशी ग्यालसन को टिकट दिया है और इस पर समर्थकों के सामने नामग्याल ने नाखुशी जताई.
नामग्याल ने कहा, 'मेरे समर्थक लेह में पूरी ताकत और जोश के साथ इकट्ठा हुए हैं. वे इस नामांकन से खुश नहीं हैं.' नामग्याल ने पार्टी से सवाल किया और उसे चैलेंज किया कि क्या इस तरह की प्रतिक्रिया के साथ पार्टी अपनी सीट बरकरार रख पाएगी? नामग्याल ने अपने बयान के साथ ही बगावत और अलग रास्ते पर जाने की तरफ इशारा कर दिया है. उन्होंने कहा, ''मैं अपने समर्थकों के साथ बैठूंगा और आखिरी फैसला लिया जाएगा. मैं समर्थकों की भावनाओं पर विचार करूंगा और लद्दाख के हितों के लिए सामूहिक निर्णय लूंगा. लोग नामांकन स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं हैं.
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बीजेपी के पोस्टर बॉय सांसद नामग्याल साल 2019 में अनुच्छेद 370 को खत्म करने के बाद अपने भाषणों से सुर्खियों में आए थे. उन्होंने पार्टी आलाकमान के सामने नामांकन का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा, 'मैंने पार्टी से पूछा कि क्या मैंने संसद में खराब प्रदर्शन किया है, पार्टी के रुख का उल्लंघन किया है, दुर्व्यवहार किया है या भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना किया है. यह मेरे लिए एक हैरान करने वाला फैसला था.' नामग्याल ने पार्टी द्वारा लिए गए निर्णय का खुला विद्रोह कर दिया है. लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि वह फिलहाल पार्टी के साथ हैं और इसकी विचारधारा में यकीन रखते हैं.
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उन्होंने याद दिलाया कि पार्टी ने लद्दाख ऑटोनमस हिल डेवलपमेंट काउंसिल -लेह (LAHDC-L)का चुनाव जीता. साथ ही कारगिल में हिल काउंसिल चुनाव के दौरान भी अच्छा प्रदर्शन किया. उनका कहना है, 'मुझे लगता है कि मैंने लद्दाख में पार्टी की महिमा में योगदान दिया है.' बीजेपी ने मंगलवार को LAHDC-L के प्रमुख वकील ताशी ग्यालसन को लद्दाख के लिए अपना उम्मीदवार घोषित किया है. उनका नामांकन लद्दाख में राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची में शामिल करने की बढ़ती मांग को देखते हुए आया है.
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लद्दाख में पांचवें चरण के तहत 20 मई को वोट डाले जाएंगे. बौद्ध-बहुल लेह और मुस्लिम-बहुल कारगिल जिलों वाले लद्दाख में वर्तमान में एक संसद सीट है. लद्दाख को 2019 में जम्मू और काशीर से अलग करके केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था. केंद्र शासित प्रदेश के रूप में यह अपना पहला लोकसभा चुनाव देखेगा. लद्दाख सीट पर 182571 वोटर्स हैं. इनमें 91,703 पुरुष और 90,867 महिला मतदाता हैं.
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