यूपी के चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास विभाग ने राज्य सहकारी चीनी मिल संघ के अधीन संचालित चीनी मिलों में गन्ना की खरीद के समय तौल में गड़बड़ी करने और किसानों को परेशान की शिकायतों पर सख्त रुख अख्तियार कर लिया है. इन शिकायतों की प्रारंभिक जांच के बाद भ्रष्ट कर्मचारियों को निलंबित करने एवं एफआईआर दर्ज कराने की कार्रवाई की गई है. विभाग के आयुक्त संजय भूसरेड्डी ने बताया कि राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भ्रष्टाचार के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति के अंतर्गत चीनी मिलों में गन्ना प्रबंधन को सुधारने के लिए इस तरह की शिकायतों पर लगातार सख्त रुख अपनाया जा रहा है.
गन्ना आयुक्त ने बताया कि प्रदेश के पूरनपुर, बेलरायां और सेमी खेड़ा में स्थित सहकारी चीनी मिलों में कर्मचारियों के भ्रष्टाचार की शिकायतें मिली थीं. इनमें दोषी पाए गए तौल कर्मियों, गन्ना परिवहन ठेकेदार और बिचौलियों के विरुद्ध निकटवर्ती थाने में आपराधिक मुकदमा दर्ज कराया गया है. इसके अलावा बागपत चीनी मिल में 6 तौल कर्मियों द्वारा अग्रिम गन्ना तौल किए जाने के कारण इन सभी से 28,774 रुपये का अर्थदंड वसूला गया है, जबकि 2 तौल कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है.
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विभाग की ओर से बताया गया कि ताजा मामला लखीमपुर खीरी जिले में बेलरायां चीनी मिल का है. घटतौली से जुड़े इस मामले में ही गत 5 मई को देर रात तौल लिपिक राजीव कुमार ने टेयर कांटे पर गन्ना का वजन 51.30 कुंतल तौल दिया, जबकि वास्तव में यह 17.30 कुंतल था. दोषी तौल लिपिक राजीव कुमार के विरुद्ध इस मामले में 5 मई को जिले के थाना तिकुनिया में एफआईआर दर्ज करा दी गई.
समाप्त हो रहे चालू गन्ना पेराई सीजन में विभाग की ओर से दर्ज की गई भ्रष्टाचार की शिकायतों पर हुई कार्रवाई का ब्योरा देते हुए बताया गया कि बेलरायां चीनी मिल में गत 13 फरवरी को मिल के गेट पर एक ही ट्रक में लदे गन्ने को दो अलग अलग वाहन नंबरों से तौलने की शिकायत गत फरवरी माह में मिली थी. इस पर मिल गेट पर तैनात तौल लिपिक अशोक कुमार एवं महुबा स्थित क्रय केंद्र के तौल लिपिक लवलेश कुमार की संलिप्तता को संज्ञान में लेते हुए दोनों आरोपियों के विरुद्ध 15 फरवरी को खीरी जिले के थाना तिकुनिया में एफआईआर दर्ज कराई गई. पुलिस इन मामलों में कानूनी कार्रवाई कर रही है.
उन्होंने बताया कि इसी तरह की एक अन्य घटना बरेली जिले में सेमी खेड़ा चीनी मिल की है. इसमें 16 फरवरी को मिल गेट पर दमखोदा क्रय केंद्र पर आये एक ही ट्रक को दो बार टोकन देने की सूचना मिली. उस समय गेट पर तैनात लिपिक रामप्रकाश के विरुद्ध तत्काल जिले के देवरनिया थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई.
इस चीनी मिल में 20 मार्च को गड़बड़ी की एक अन्य शिकायत मिली थी. इसमें देर रात गन्ना आपूर्तिकर्ता पूरन लाल द्वारा पेराई के काम में बाधा उत्पन्न करने एवं मिल को आर्थिक क्षति पहुंचाने का दोषी ठहराते हुए इनके विरुद्ध देवरनिया थाने में 22 मार्च को प्राथमिकी दर्ज कराई गई.
विभाग की ओर से बताया गया कि पीलीभीत जिले में पूरनपुर स्थित चीनी मिल में किसानों से खरीदे गए गन्ने को ही कर्मचारियों की मिलीभगत से गायब करने का मामला संज्ञान में आया था. इसमें मिल के दूधिया खुर्द स्थित गन्ना क्रय केन्द्र से 18 जनवरी को 851.90 कुंतल गन्ना की खरीद को नियम विरुद्ध तरीके से दर्शाया गया था. इसके अलावा 25 जनवरी को 596.46 कुंतल गन्ना खरीद के बाद पूरनपुर चीनी मिल काे मिला ही नहीं.
इसके बाद 01 फरवरी को 249.33 कुंतल गन्ना ग़ायब होने की सूचना मिली. इन सभी मामलों की जांच में तौल लिपिक पंकज मिश्रा और मनवीर सिंह, ठेकेदार छत्रपाल तथा ड्राइवर गुरपेन्द्र को अनियमितताओं के लिए प्रथम दृष्टया दोषी पाया गया. इन सभी के विरुद्ध 06 मार्च को थाना पूरनपुर में एफआईआर दर्ज करा दी गई.
इसी प्रकार बागपत स्थित चीनी मिल में नियम विरुद्ध तरीके से गन्ना की अग्रिम तौल करने की शिकायत मिली थी. इसमें तौल कर्मियों अनीश, मुन्ना यादव, विशाल डांगी, चाँद वीर सिंह, अजय कुमार एवं आरिफ के विरुद्ध अर्थदंड लगाते हुए इनसे 28,744 रुपये की वसूली की गई. इस मामले में चीनी मिल के निबाली क्रय केंद्र में तैनात ईश्वर सिंह एवं सुनहेड़ा क्रय केंद्र पर तैनात शौचन्द को निलंंबित कर दिया गया है.
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यूपी सहकारी चीनी मिल संघ और गन्ना आयुक्त की ओर से बताया गया कि चीनी मिलों में चालू सत्र की पेराई का अधिकांश काम खत्म हो गया है. जिन मिलों में किसानों से अभी गन्ना खरीदा जा रहा है, वहां पर तकनीक का प्रयोग करते हुए तौल संबंधी अनियमितताओं पर पैनी नजर रखी जा रही है. इन मामलों में पकड़े जाने पर सख़्त कार्रवाई की जा रही है.
भूसरेड्डी ने बताया कि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के क्रम में पेराई सत्र के दौरान चीनी मिलों में गन्ना तौल का काम पूरी पारदर्शिता से कराने के लिए चीनी मिलों में तौल लिपिकों का पाक्षिक स्थानान्तरण एसजीके पोर्टल से ऑनलाइन लॉटरी सिस्टम से करने की व्यवस्था लागू की गयी है. उन्होंने बताया कि पेराई सत्र के समय गन्ना किसानों को नुकसान पहुंचाने के लिए कपटपूर्वक घटतौली करने के प्रयास किए जाते हैं. उन्होंने भरोसा जताया कि इस गड़बड़ी को रोकने में यह व्यवस्था कारगर साबित हो रही है.
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