यूपी के गन्ना किसानों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिया तोहफाउत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में गन्ना किसानों के हित में लिए गए फैसले के बाद नई दरों पर गन्ना मूल्य का भुगतान शुरू हो गया है. वहीं वर्तमान पेराई सत्र 2025-26 में प्रदेश की 114 चीनी मिलों ने गन्ना खरीद हेतु इंडेंट जारी कर दिया है तथा 104 चीनी मिलों में विधिवत पेराई कार्य शुरू हो चुका है. गन्ना विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, प्रदेश की 29 चीनी मिलों ने वर्तमान पेराई सत्र 2025-26 का गन्ना मूल्य 513.96 करोड़ का भुगतान सीधे गन्ना किसानों के खाते में कर दिया है. वहीं अधिकांश चीनी मिलें किसानों के हित में साप्ताहिक गन्ना मूल्य भुगतान कर रही हैं.
अपर मुख्य सचिव ने समस्त जिला गन्ना अधिकारियों को निर्देश दिया है कि 23 सहकारी व 3 निगम क्षेत्र की चीनी मिलों के गन्ना क्रय केन्द्रों की स्थापना, समय से गन्ने की खरीद व उठान, क्रय केन्द्रों पर तौल लिपिकों की उपस्थिति का औचक निरीक्षण/ जांच आख्या मुख्यालय को तत्काल प्रेषित करें. साथ ही यह भी सुनिश्चित करेंगे कि सहकारी व निगम की चीनी मिलों के स्थापित तौल कांटो पर मानक बॉट की उपलब्धता, तौल की शुद्धता, साफ-सुथरे गन्ने की आपूर्ति हो. उन्होंने निर्देश दिया कि किसानों से प्राप्त शिकायतों का नियमानुसार तत्काल निस्तारण करायें.
आपको बता दें कि योगी सरकार ने पेराई सत्र 2025-26 के लिए गन्ना मूल्य में ₹30 प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है. गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने अगेती गन्ना प्रजाति का मूल्य ₹400 प्रति क्विंटल तथा सामान्य प्रजाति का मूल्य ₹390 प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है. इस वृद्धि से गन्ना किसानों को लगभग ₹3,000 करोड़ का अतिरिक्त भुगतान होगा.
योगी सरकार ने पिछले 8 वर्षों में 4 नई चीनी मिलें स्थापित की गईं, 6 बंद मिलें दोबारा शुरू की गईं और 42 मिलों की उत्पादन क्षमता में विस्तार हुआ. इससे प्रदेश में 8 नई बड़ी मिलों के बराबर उत्पादन क्षमता में वृद्धि दर्ज हुई है. साथ ही, 2 मिलों में सीबीजी संयंत्र स्थापित किए गए हैं, जिससे गन्ना क्षेत्र में वैकल्पिक ऊर्जा उत्पादन को भी बल मिला है.
प्रदेश सरकार की पहल ‘स्मार्ट गन्ना किसान’ प्रणाली के माध्यम से गन्ना क्षेत्रफल, सट्टा, कैलेंडरिंग और पर्ची जारी करने की प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन कर दी गई है. अब किसानों को उनकी गन्ना पर्ची सीधे मोबाइल पर प्राप्त होती है और भुगतान डीबीटी के माध्यम से उनके बैंक खातों में पहुंचता है.
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