उत्तर प्रदेश में 4 लाख मीट्रिक टन धान की हुई खरीद (फाइल फोटो)उत्तर प्रदेश में जारी धान और बाजरा खरीद सत्र के बीच सरकार की खरीद और भुगतान प्रक्रिया के ताजा आंकड़े सामने आए हैं. ताजा आंकड़ों के मुताबिक, इस साल खरीद और भुगतान दोनों की रफ्तार पिछले साल के मुकाबले बेहतर है और खरीद प्रणाली अपेक्षाकृत सुचारू चल रही है. खरीफ मार्केटिंग सीजन 2025-26 में 19 नवंबर बुधवार तक राज्य में 70 हजार से अधिक किसानों से 4.12 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की जा चुकी है. खरीद के एवज में किसानों को अब तक 852.24 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है. यह राशि पिछले वर्ष की तुलना में थोड़ी अधिक है. सत्र 2024-25 में इसी तारीख तक धान किसानों को 848.19 करोड़ रुपये दिए गए थे.
राज्य सरकार की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, धान बेचने के लिए इस साल 4,40,318 किसानों ने पंजीकरण कराया है और खरीद के लिए प्रदेश में 4171 केंद्र चल रहे हैं. किसानों ने समय पर भुगतान मिलने की बात स्वीकार की है. वहीं, बाजरा खरीद को लेकर भी इस वर्ष स्थिति बेहतर रही है.
19 नवंबर तक बाजरा किसानों को 168.39 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि तक यह भुगतान 56.28 करोड़ रुपये तक ही सीमित था. बाजरा का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2775 रुपये तय है और इसकी खरीद प्रदेश के 33 जनपदों में हो रही है. बाजरा क्षेत्र के किसानों का कहना है कि इस बार भुगतान अपेक्षाकृत तेज मिला है, जिसके कारण अगली फसल की तैयारी में मदद मिली है.
आंकड़े संकेत दे रहे हैं कि इस वर्ष खरीद और भुगतान प्रक्रिया में सुधार हुआ है. धान और बाजरा दोनों फसलों की खरीद पर सरकार की नियमित समीक्षा और डिजिटल मॉनिटरिंग का सीधा फायदा किसानों को मिला है. भुगतान प्रक्रिया की रफ्तार बढ़ने से किसान अब बिना देरी के अपनी मेहनत की कमाई पा रहे हैं. बता दें कि राज्य में दो चरणों में धान की खरीद शुरू हुई थी. पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 1 अक्टूबर से, जबकि पूर्वी उत्तर प्रदेश में 1 नवंबर से उपार्जन प्रक्रिया शुरू हुई, जो 28 फरवरी 2026 तक चलेगी.
धान किसानों को भुगतान: 852.24 करोड़
बाजरा किसानों को भुगतान: 168.39 करोड़
धान के लिए पंजीकृत किसान: 4,40,318
धान क्रय: 4.12 लाख मीट्रिक टन
धान बेचने वाले किसान: 70 हजार से अधिक
क्रय केंद्र: 4171
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