Sugar Production: उत्तर प्रदेश में चीनी उत्पादन 2% बढ़ने का अनुमान, महाराष्ट्र से पीछे रह सकता है राज्य

Sugar Production: उत्तर प्रदेश में चीनी उत्पादन 2% बढ़ने का अनुमान, महाराष्ट्र से पीछे रह सकता है राज्य

ISMA के शुरुआती अनुमानों के मुताबिक 2025-26 सीजन में उत्तर प्रदेश में चीनी उत्पादन 103 लाख टन तक पहुंच सकता है, जबकि महाराष्ट्र में यह 130 लाख टन होने की उम्मीद है. गन्ने के रकबे में कमी के बावजूद नई किस्मों और बेहतर प्रबंधन से उत्पादन में सुधार की संभावना जताई गई है.

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उत्तर प्रदेश में चीनी उत्पादन 2% बढ़ने का अनुमान, महाराष्ट्र से पीछे रह सकता है राज्ययूपी में चीनी उत्पादन में बढ़ोतरी का अनुमान

इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) के शुरुआती अनुमानों के अनुसार, 2025-26 में उत्तर प्रदेश में चीनी का उत्पादन लगभग 2 प्रतिशत बढ़ सकता है. हालांकि, अधिकारियों के अनुसार, यह बढ़ोतरी उत्तर प्रदेश को देश का टॉप उत्पादक बनाए रखने के लिए काफी नहीं होगी, क्योंकि महाराष्ट्र के चीनी उत्पादन में काफी आगे निकल जाने का अनुमान है.

2024-25 में, उत्तर प्रदेश ने 101 लाख टन चीनी का उत्पादन किया, जो महाराष्ट्र (93.51 लाख टन) से ज्यादा था. हालांकि, मौजूदा सीजन (2025-26) में महाराष्ट्र की चीनी मिलें तेजी से आगे बढ़ रही हैं. उत्तर प्रदेश में, गन्ने की खेती का रकबा 23 लाख हेक्टेयर से घटकर लगभग 22.5 लाख हेक्टेयर हो गया है. इसके बावजूद, राज्य में उत्पादन लगभग 103 लाख टन तक पहुंचने की उम्मीद है. कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, बेहतर रोग प्रबंधन और नई अधिक पैदावार वाली किस्मों के इस्तेमाल से गन्ने की क्वालिटी में सुधार हुआ है.

MSP बढ़ने से किसानों को राहत

राज्य सरकार ने हाल ही में गन्ने का MSP 30 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाया है, जिससे किसानों को राहत मिलने की उम्मीद है. सरकार ने चीनी उद्योग को मजबूत करने और गन्ना किसानों की आय बढ़ाने के लिए कई नई योजनाएं भी शुरू की हैं.

गन्ना उद्योग से जुड़े सूत्रों के अनुसार, पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दो दर्जन से ज्यादा मिलें मौजूदा पेराई सीजन की शुरुआत में चालू हो गई हैं. शुरुआती रिपोर्टों से यह भी पता चलता है कि चीनी रिकवरी दर में सुधार हुआ है. यह 9 प्रतिशत से बढ़कर 9.3 प्रतिशत हो गई है, और पेराई आगे बढ़ने के साथ इसमें और सुधार होने की उम्मीद है.

चीनी उत्पादन में 16% की बढ़ोतरी

इस्मा के अनुसार, 2025-26 शुगर सीजन के लिए भारत का चीनी उत्पादन 2024-25 में 296.1 लाख टन से लगभग 16 प्रतिशत बढ़कर 343.5 लाख टन होने का अनुमान है. इस्मा का यह आकलन देश भर के प्रमुख चीनी उत्पादक राज्यों में गन्ने के रकबे में सुधार, सही मौसम और ज्यादा पैदावार को दिखाता है.

2025-26 के लिए कुल गन्ने का रकबा 57.35 लाख हेक्टेयर होने का अनुमान है, जो पिछले साल के 57.11 लाख हेक्टेयर से थोड़ा अधिक है. यह 0.4 प्रतिशत की मामूली बढ़ोतरी को बताता है. यह सुधार अच्छे मॉनसून, बांधों में पर्याप्त पानी और प्रमुख क्षेत्रों में चलाए जाने वाले गन्ना विकास प्रोग्राम के कारण हुआ है.

ISMA ने बताया कि ज्यादातर चीनी बेल्ट में अच्छी बारिश हुई है, और फसलों की जरूरतों को पूरा करने के लिए बांधों में पानी का स्तर पर्याप्त है. तस्वीरों और फील्ड रिपोर्ट से पता चलता है कि देश भर में फसल की स्थिति अच्छी से बहुत अच्छी है.

ISMA ने कहा कि महाराष्ट्र 2025-26 में 130 लाख टन का रिकॉर्ड उत्पादन हासिल कर सकता है, जो पिछले साल के 93.51 लाख टन से काफी अधिक है. लगभग 39 प्रतिशत ज्यादा.

20 लाख टन चीनी एक्सपोर्ट संभव

ISMA ने अपने शुरुआती अनुमान जारी करने के बाद कहा कि चीनी का अच्छा बैलेंस होने के कारण, भारत इस सीजन में लगभग 20 लाख टन चीनी एक्सपोर्ट करने की अच्छी हालत में है.

केंद्र सरकार ने इस सीजन में 15 लाख टन चीनी एक्सपोर्ट करने की अनुमति देने के साथ-साथ शीरे पर 50 प्रतिशत एक्सपोर्ट ड्यूटी हटाने का भी फैसला किया है. केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रहलाद जोशी ने 7 नवंबर को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को लिखे एक पत्र में कर्नाटक के गन्ना किसानों के संबंध में यह संकेत दिया था.

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