नहर टूटने से चार गांवों के खेत जलमग्नबिजनौर जिले के सुल्तानपुर रजवाहा क्षेत्र में एक बड़ी घटना हुई है. यहां की नहर टूट गई, जिससे आसपास के खेतों में पानी भर गया. इस हादसे से चार गांव-माड़ी, उल्लेढ़ा, हीमपुर और पुठ्ठा-के सैकड़ों किसानों की फसलें पूरी तरह डूब गई हैं. ग्रामीणों के अनुसार, नहर की पटरी अचानक टूट गई. तेज बहाव के साथ पानी खेतों में फैल गया. खड़ी गेहूं और सरसों की फसलें पानी में डूब गईं. कई जगह फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं. जिन खेतों में पानी जमा है, वहां पौधों के सड़ने का खतरा बढ़ गया है. किसान अपनी मेहनत और लगाई गई लागत को देखकर बहुत दुखी हैं.
नहर टूटते ही किसान और गांव वाले बहुत परेशान हो गए. उन्होंने तुरंत प्रशासन और सिंचाई विभाग को घटना की जानकारी दी. पानी तेज बहाव के साथ खेतों में फैल रहा था, इसलिए किसान जल्दी से जल्दी मरम्मत और पानी रोकने की मांग करने लगे. उन्होंने कहा कि यदि समय पर काम नहीं हुआ, तो और भी खेत प्रभावित हो सकते हैं.
घटना की सूचना मिलते ही सिंचाई विभाग की टीम मौके पर पहुंची. उन्होंने नहर की मरम्मत शुरू कर दी है. विभाग की टीम का कहना है कि जल्द ही पानी का बहाव नियंत्रित कर लिया जाएगा. किसान प्रशासन से मुआवजे की भी मांग कर रहे हैं और चाहते हैं कि फसल नुकसान का सर्वे किया जाए.
पानी में डूबी फसलों से किसान परेशान हैं. गेहूं और सरसों की फसलें बर्बाद होने की वजह से उनकी मेहनत और पैसे दोनों पर पानी फिर गया है. ग्रामीणों का कहना है कि अगर मदद जल्दी नहीं मिली, तो और भी खेतों को नुकसान होगा. किसान अब प्रशासन से मदद की आस लगाए बैठे हैं.
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो में देखा जा सकता है कि नहर से तेज बहाव का पानी खेतों में घुस रहा है और फसलें डूब रही हैं. लोग वीडियो देखकर चिंतित हैं और प्रशासन से मदद की मांग कर रहे हैं.
बिजनौर में हुई यह घटना किसानों के लिए बड़ी आपदा साबित हुई है. नहर टूटने से हजारों बीघा फसलें जलमग्न हो गईं. प्रशासन और सिंचाई विभाग की कार्रवाई जारी है. किसान अब राहत और मुआवजे की उम्मीद में हैं. यह घटना हमें यह याद दिलाती है कि सिंचाई और नहरों की सुरक्षा कितनी जरूरी है.
ये भी पढ़ें:
रोहतक में फिर लौटा घना कोहरा, सड़कों पर रेंगते वाहन, बढ़ी ठंड, किसान भी परेशान
धान किसानों के लिए ऐतिहासिक सौगात, यहां बनेगा देश का दूसरा बासमती बीज उत्पादन और प्रशिक्षण केंद्र
Copyright©2025 Living Media India Limited. For reprint rights: Syndications Today