UP: गोंडा के किसान ने किया कमाल, जानिए पीला कद्दू क्यों बना इलाके में आकर्षण का केंद्र

UP: गोंडा के किसान ने किया कमाल, जानिए पीला कद्दू क्यों बना इलाके में आकर्षण का केंद्र

Pumpkin Cultivation: किसान जगदेव भारती ने बताया कि उन्होंने इस कद्दू का बीज अयोध्या के कृषि विज्ञान केंद्र कुमारगंज से लिया था. उन्होंने कहा कि वे पहले से ही 10-20 किलो के कद्दू के बारे में सुनते आए थे, लेकिन कभी देखा नहीं था.

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UP: गोंडा के किसान ने किया कमाल, जानिए पीला कद्दू क्यों बना इलाके में आकर्षण का केंद्र गोंडा जिले के तेजपुर गांव के निवासी किसान जगदेव भारती

कद्दू एक ऐसी सब्जी है जिसे फल और सब्जी दोनों तरीके से इस्तेमाल किया जाता है. इसके जायके कारण इससे व्यंजनों से लेकर कई मिठाईयां भी बनाई जाती है. ऐसे में उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में एक किसान ने अनोखा कद्दू उगाकर चर्चाओं में है.  किसान ने इस कद्दू को कैसे उगाया और कद्दू की इस वैरायटी का क्या नाम है. 
दरअसल, गोंडा जिले के विकासखंड छपिया के तेजपुर गांव निवासी किसान जगदेव भारती ने अपने छप्पर पर 11 किलो 330 ग्राम वजन का कद्दू उगाया है. यह कद्दू अब पूरे इलाके में आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. आपको बता दें, इस कद्दू का रंग पीला था और आकार गोल, जो किसानों के बीच में चर्चा का विषय बना हुआ है.

कृषि विज्ञान केंद्र कुमारगंज से मिली मदद

किसान जगदेव भारती ने बताया कि उन्होंने इस कद्दू का बीज अयोध्या के कृषि विज्ञान केंद्र कुमारगंज से लिया था. उन्होंने कहा कि वे पहले से ही 10-20 किलो के कद्दू के बारे में सुनते आए थे, लेकिन कभी देखा नहीं था. कृषि वैज्ञानिकों से मिली जानकारी के बाद उन्होंने छप्पर पर कद्दू का बीज बोया था. इस अनोखे कद्दू को देखने के लिए आसपास के किसान आ रहे हैं. कई किसान इसके बीज की मांग भी कर रहे हैं.

खाने में स्वाद बेमिसाल

छपिया के तेजपुर गांव के प्रगतिशील किसान जगदेव ने बताया कि वे इन किसानों को बीज उपलब्ध कराएंगे, जिससे क्षेत्र के अन्य किसान भी अच्छी किस्म का कद्दू उगाकर अपनी आय बढ़ा सकें.  उन्होंने कहा कि पिछले तीन साल से वे इस तरह का पीला कद्दू उगा रहे हैं. यह कद्दू देखने में पीला होता है और स्वाद में भी बहुत अच्छा होता है.

जीवन में पहली बार देखा इतना बड़ा कद्दू

75 वर्षीय वरिष्ठ किसान रामकरण ने कहा कि उन्होंने अपने जीवन में पहली बार इतना बड़ा कद्दू देखा है. उनके अनुसार, पहले वे अधिकतम 2 से 5 किलो तक के कद्दू ही देखते आए हैं. उन्होंने कहा कि भारत कृषि प्रधान देश है और जगदेव भारती ने अपनी मेहनत से यह साबित कर दिया है कि किसान चाहें तो क्या नहीं कर सकते.

कब की जाती है कद्दू की खेती 

तेजपुर गांव के किसान जगदेव भारती बताते हैं कि कद्दू की खेती गर्म और ठंडी दोनों जलवायु में की जा सकती है, लेकिन तेज धूप और पाला पड़ने पर इसकी कुछ किस्मों में नुकसान भी हो जाता है. दोमट मिट्टी और बलुई दोमट मिट्टी में इसकी खेती के लिये सबसे उपयुक्त रहती है.

उन्होंने कहा कि कद्दू की फसल साल में दो बार लगाई जाती है, जिसमें पहली फसल फरवरी से मार्च और दूसरी खेती जून से अगस्त के बीच होती है. मौसम के अनुसार ही इसकी अलग-अलग किस्मों को लगाया जाता है, जिसमें प्रबंधन कार्य करके अच्छी आमदनी ले सकते हैं.

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