यूपी में बीमारी के चलते गन्‍ने की 0238 वैरायटी को बदलने की सलाह, अब इन किस्‍मों की खेती पर रहेगा जोर

यूपी में बीमारी के चलते गन्‍ने की 0238 वैरायटी को बदलने की सलाह, अब इन किस्‍मों की खेती पर रहेगा जोर

चीनी उद्योग और गन्ना विकास विभाग ने सोमवार को समीक्षा बैठक आयोजित की. इसमें जानकारी सामने आई क‍ि गन्‍ना किस्‍म को. 0238 को लाल सड़न रोग के प्रभाव से बचाने और पैदावार में गिरावट के कारण इसका विस्थापन करना होगा. इसके लिए कई अन्‍य गन्‍ना किस्‍मों का चयन किया गया है.

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यूपी में बीमारी के चलते गन्‍ने की 0238 वैरायटी को बदलने की सलाह, अब इन किस्‍मों की खेती पर रहेगा जोरयूपी में गन्‍ना किस्‍म को 0238 के विस्‍थापन की सलाह

उत्‍तर प्रदेश के चीनी उद्योग और गन्ना विकास विभाग की प्रमुख सचिव वीना कुमारी की अध्यक्षता में सोमवार को लखनऊ गन्ना आयुक्त कार्यालय के सभागार में पेराई सत्र 2024-25 के लिए गन्ना किस्म विस्थापन, बीज बदलाव और बसंतकालीन बुवाई बढ़ाने के लिए  समीक्षा बैठक की गई. बैठक में बताया कि गन्ना किस्म- को 0238 को लाल सड़न रोग के प्रभाव से बचाने और पैदावार में गिरावट के कारण इसका विस्थापन करना जरूरी हाे गया है. साथ ही चीनी मिलों को उनकी पेराई क्षमता के अनुरूप पर्याप्त गन्ना मिलता रहे, इसके लिए गन्ने की पर्याप्त बुआई भी जरूरी है. इसलिए को 0238 गन्ना किस्म का बदलाव और हाई यील्‍ड और चीनी परता वाली रोग-रोधी नई स्वीकृत गन्ना किस्मों का रकब क्षेत्र बढ़ाया जाना जरूरी है. 

को.0238 को बदलकर इन किस्‍मों को लगाने पर जोर

बैठक में जानकारी दी गई कि राज्य सरकार की ओर से शोध संस्थानों के माध्यम से नई गन्ना किस्में मंजूर की गई हैं, जो अच्छा उत्पादन और चीनी परता देने में सक्षम हैं. साथ ही लाल सड़न रोग के प्रति रोग रोधी भी बताई गई हैं. अगेती गन्ना किस्में- को.शा. 19231, को.से.17451, को.15023, को.0118, को. लख. 14201, को. लख.16202, को.शा. 13235, को.शा. 17231, को.शा.18831 और को. लख.15466 किस्में गन्‍ने की को.0238 किस्‍म के विस्थापन (बदलाव) के लिए चुनी गईं हैं. 

इनमें से को. से. 17451, को. लख. 16470 (मध्य देर) और को. लख. 15466 सिर्फ पूर्वी उ.प्र. के लिए हैं. विभाग ने कुल 13.45 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में बसंतकालीन गन्ने की बुआई का लक्ष्य तय किया है. इसके लिए 7.97 करोड़ क्विंटल बीज चीनी मिलों ने आरक्षित किया है. इसके सापेक्ष 20.25 लाख किसानों से 9.30 लाख हेक्टेयर बुआई का इंडेन्ट हासिल किया जा चुका है और लगभग 46 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में गन्ना बुआई की जा चुकी है.

बसंतकालीन बुआई के लिए 202.09 करोड़ का बजट

समीक्षा बैठक में चीनी मिलों की ओर से बसंतकालीन बुआई के लिए 202.09 करोड़ का बजट भी अपने संसाधनों से जुटाया गया है और पहली बार चीनी मिलों के विकास कार्यक्रमों के लिए डेडीकेटेड अकाउंट खोलने के निर्देश दिए गए हैं और मिलों की ओर से अपना विकास कार्यक्रमों का बजट इस अकाउंट के माध्यम से खर्च किया जाएगा.

बताया गया कि विगत माहों में गन्ने की खड़ी फसल में टॉप बोरर, हल्के विल्ट, जड़-विगलन, मिलीबग और लाल सड़न के लक्षण कई स्थानों पर पाए गए थे. इनको देखते हुए आने वाले मौसम में इन रोग-कीटों के नियंत्रण को लेकर समय पर जरूरी एडवाइजरी जारी करने के निर्देश दिए गए हैं.

फर्जी गन्‍ना बीजों को लेकर होगी कार्रवाई

बैठक में अध‍िकारी ने कहा कि यह बात भी जानकारी में आई है कि कुछ बीज गन्ना उत्पादक किसान शोध संस्थानों द्वारा विकसित नई गन्ना किस्मों के नाम से छद्म गन्ना किस्‍मों के बीज का व्यापार करने की कोशिश कर रहे हैं. इसलिए किस्मों की शुद्धता और  गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए ऐसे बीज उत्पादकों की पहचान कर उनके खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं. इस‍के लिए संबंधि‍त जिला गन्ना अधिकारी को अपने कार्यक्षेत्र में स्थित बीज गन्ना उत्पादकों की जांच कर जरूरी एक्‍शन लेने को कहा गया है.

साथ ही चीनी मिलों को भी जरूरत के हिसाब से इस काम में अनिवार्य रूप से सहयाेग देना होगा. समीक्षा बैठक में गन्ना आयुक्त, यूपी, प्रबंध निदेशक, सहकारी चीनी मिल संघ, अपर गन्ना आयुक्त (विकास), निदेशक, उ.प्र. गन्ना शोध परिषद, मुख्य गन्ना विकास सलाहकार, सहकारी चीनी मिल संघ, प्रगतिशील गन्ना किसानों, चीनी मिलों के प्रधान प्रबन्धक प्रतिनिधि, गन्ना शोध संस्थान के वैज्ञानिक एवं विभागीय अधिकारियों द्वारा फिजीकल / वर्चुअल रूप से शामिल हुए.

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