उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रदेश के किसानों को बड़ी राहत दी है (फोटो-किसान तक)उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने प्रदेश के किसानों को बड़ी राहत दी है. इसी क्रम में गन्ना क्रय केंद्रों पर किसानों से लोडिंग-अनलोडिंग शुल्क लिए जाने की शिकायतों पर गन्ना आयुक्त मिनिस्ती एस. ने विभागीय अधिकारियों को निगरानी के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा है कि अधिकारी क्रय केंद्रों आदि का नियमित निरीक्षण करें और शिकायतों पर संबंधित कर्मियों, ट्रांसपोर्टर पर उप्र गन्ना (पूर्ति तथा खरीद विनियमन) नियमावली के तहत कार्रवाई की जाए. अधिकारियों को घटतौली को लेकर भी निगरानी की हिदायत दी गई है.
दरअसल, प्रदेश की अधिकांश चीनी मिलों में वर्तमान में गन्ना पेराई 2025-26 का कार्य शुरू हो चुका है. इस बीच विभाग को चीनी मिल गेट और गन्ना क्रय केंद्रों पर घटतौली और किसानों से गन्ने की लोडिंग-अनलोडिंग का शुल्क मांगने की शिकायतें मिल रही हैं. इस पर गन्ना आयुक्त ने निर्देश दिए हैं कि परिक्षेत्र के उप चीनी आयुक्त, उप गन्ना आयुक्त, जिला गन्ना अधिकारी, सहायक चीनी आयुक्त और चीनी मिल के प्रधान प्रबंधक यह सुनिश्चित करेंगे कि घटतौली की शिकायत न मिले.
किसानों से शुल्क वसूली की शिकायत सही पाए जाने पर दोषी तौल लिपिकों, चीनी मिलों एवं अनुबंधित ट्रांसपोर्टरों का उत्तरदायित्व निर्धारित किया जाए. परिक्षेत्रीय अधिकारियों को गन्ना डायवर्जन पर भी अंकुश लगाने के निर्देश दिए गए हैं.
आपको बता दें कि योगी सरकार ने राज्य की 29 चीनी मिलों ने चालू पेराई सत्र 2025-26 में किसानों को 513.96 करोड़ रुपए के गन्ना मूल्य का भुगतान अब तक किया है. राज्य सरकार ने गन्ना किसानों के हित में गन्ने का राज्य परामर्शी मूल्य (SAP) 30 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाने के बाद नई दरों पर गन्ना मूल्य का भुगतान शुरू कर दिया है.
सबसे खास बात हैं कि योगी सरकार ने पिछले 8 वर्षों में 4 नई चीनी मिलें स्थापित की है, 6 बंद मिलें दोबारा शुरू की गईं और 42 मिलों की उत्पादन क्षमता में विस्तार हुआ. इससे प्रदेश में 8 नई बड़ी मिलों के बराबर उत्पादन क्षमता में वृद्धि दर्ज हुई है. साथ ही, 2 मिलों में सीबीजी संयंत्र स्थापित किए गए हैं, जिससे गन्ना क्षेत्र में वैकल्पिक ऊर्जा उत्पादन को भी बल मिला है.
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