देश में श्री अन्न को बढ़ावा म‍िलने से यूपी के किसानों को होगा बड़ा फायदा

देश में श्री अन्न को बढ़ावा म‍िलने से यूपी के किसानों को होगा बड़ा फायदा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में मिलेट्स को 'श्री अन्न' बताते हुए इनकी खेती को बढ़ावा देने के खास प्रावधान किए गए हैं. उत्तर प्रदेश सरकार का दावा है कि इससे यूपी के किसानों को सबसे ज्यादा फायदा होगा. राज्य की योगी सरकार ने इसके पीछे की वजहें भी बताई हैं.

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देश में श्री अन्न को बढ़ावा म‍िलने से यूपी के किसानों को होगा बड़ा फायदा मोटे अनाजाें का उत्पादन बढ़ाने के ल‍िए यूपी सरकार काम कर रही है

केन्द्रीय बजट में मिलेट्स यानी श्री अन्न की खेती और उपभोग का दायरा व्यापक करने पर जोर दिए जाने से यूपी की योगी सरकार खासी उत्साहित है. मिलेट्स के उत्पादन और उत्पादकता के मामले में देश का प्रमुख राज्य होने के कारण योगी सरकार ने मिलेट्स की खेती का रकबा बढ़ाने से लेकर मार्केटिंग को बेहतर करने की योजना पहले ही शुरू कर दी है. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने दलील दी है कि जिस प्रकार से मिलेट्स के उत्पादन और निर्यात में भारत का दुनिया में अग्रणी स्थान है, उसी तरह भारत में यूपी मिलेट्स का अग्रणी उत्पादक राज्य है. मिलेट्स की खेती को बढ़ावा देने के लिए यूपी सरकार ने हाल ही में मिलेट्स पुनरुद्धार कार्यक्रम भी शुरू किया है. इस कार्यक्रम को बजट से बल मिलने का सीधा लाभ यूपी के किसानों को मिलेगा.

कृष‍ि क्षेत्र के विशेषज्ञ गिरीश पांडे ने कहा कि यूपी सरकार प्राकृतिक खेती और मिलेट्स को बढ़ावा देने के लिए समानांतर कार्यक्रम चला रही है. पहले से ही यह स्थापित तथ्य है कि मिलेट्स की खेती प्राकृतिक तरीके से ही होती है. इसमें अतिरिक्त खाद पानी की कोई जरूरत नहीं होती है. इसीलिए इन्हें प्रकृति का उपहार मानते हुए उत्तर भारत में इन्हें 'देवन्न' और दक्ष‍िण भारत में 'श्री अन्न' भी कहा जाता है. इससे स्पष्ट है कि यूपी में मिलेट्स को बढ़ावा देने से प्राकृतिक खेती का विस्तार स्वत: होगा.

किसानों को कैसे होगा लाभ

पांडे ने दलील दी प्राकृतिक खेती एवं मिलेट्स को प्रोत्साहित करने के लिए केन्द्रीय बजट में किए गए प्रावधान, इस दिशा में चल रहे यूपी सरकार के मिशन को अतिरिक्त बल प्रदान करेंगे. इसके अलावा उप्र सरकार ने किसानों से मिलेट्स की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर करने की भी पहल की है. इससे स्वाभाविक तौर पर किसानों का झुकाव मिलेट्स की खेती की ओर होगा. उन्होंने कहा कि इसका सीधा लाभ किसानों को ही होगा. गौरतलब है कि यूपी में पहली बार 18 जिलों में बाजरे की एमएसपी पर खरीद हो रही है. लिहाजा यहां के किसान ऐसी किसी पहल से सर्वाधिक लाभान्वित होंगे।   

शोध में यूपी बनेगा मददगार

उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के उपनिदेशक विनय यादव ने कहा कि बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने देश में मिलेट्स की खेती को उन्नत बनाने के लिए हैदराबाद स्थित भारतीय मिलेट्स अनुसंधान संस्थान को 'सेंटर ऑफ एक्सीलेंस' बनाने की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि यह केंद्र, मिलेट्स की बेहद कम प्रचलित हो चुकी प्रजातियों को फिर से चलन में लाने, मौजूदा प्रजातियों को और अधिक उन्नत बनाने तथा इन्हें अत्याधुनिक तरीके से प्रोसेस करने जैसे विषयों पर शोध करेगा. उन्होंने कहा कि मिलेट्स की सबसे ज्यादा क‍िस्में यूपी में आज भी प्रचुरता से उपजाई जाती हैं. बुंदेलखंड इलाके में तो ज्वार, बाजरा, कोदो और कुटकी की कुछ ऐसी प्रजातियां आज भी किसान उपजाते हैं, जो अन्य इलाकों में अब प्रचलन में नहीं है. स्पष्ट है कि इनके शोध में मिलेट्स  संस्थान को यूपी में मिलेट्स की खेती में प्रचलित पद्धतियों का अध्ययन करने में मदद मिलेगी. इस तरह के अध्ययन और शोध के परिणामों का लाभ भी यूपी के किसानों काे मिलेगा.  

मिलेट्स को प्रोत्साहन देने का मकसद

केंद्र और यूपी सरकार की मिलेट्स को प्रोत्साहन देने को लेकर की जा रही इस कवायद का मकसद, भारत को मिलेट्स का दुनिया में सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक देश बनाना है. विश्व खाद्य संगठन के आंकड़ों के मुताबिक दुनिया में मोटे अनाज पैदा करने वाले प्रमुख देश भारत, नाइजर और सूडान हैं. इनके उत्पादन में भारत की हिस्सेदारी करीब 41 फीसद है. मोदी सरकार का लक्ष्य इसे बढ़ाकर 50 प्रतिशत तक लाना है. जिससे भारत को अगले दो साल में मिलेट्स का वैश्विक हब बनाया जा सके. 

मिलेट्स के उत्पादन में अग्रणी होने के बावजूद मिलेट्स के निर्यात के मामले में भारत, पांचवें पायदान पर है. इस मामले में पहले तीन स्थान पर नेपाल, संयुक्त अरब अमीरात, सऊदी अरब हैं. यूक्रेन एवं रूस के बाद भारत पांचवें स्थान पर है. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मिलेट्स वर्ष में मोटे अनाजों की खेती और उपभोग को जन आंदोलन बनाने का आह्वान किया है. भारत में मिलेट्स की श्रेणी में आने वाले मुख्य अनाजों में ज्वार, रागी, बाजारा, कुटकी, कोदो, कुट्टू और चौलाई आदि शामिल हैं. देश में मिलेट्स का सालाना उत्पादन 1.7 करोड़ टन है.

शोध से मिलेट्स होंगे उन्नत

पांडे ने कहा कि हैदराबाद स्थित मिलेट्स अनुसंधान संस्थान को 'सेंटर ऑफ एक्सीलेंस' बनाए जाने से मिलेट्स पर नए शोध होंगे. इनकी नई क‍िस्मों का विकास होगा. इससे मिलेट्स की उपज बढ़ेगी. इसके अलावा शोध से मिलने वाली मिलेट्स की उन्नत किस्में रोग एवं कीटनाशकों की प्रतिरोधी होंगी। साथ ही इनका अधिक समय तक भंडारण भी सुनिश्चित हो सकेगा. जिससे इनको फोर्टिफाइड कर और अधिक उपयोगी बनाया जा सकेगा.

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