उत्तर प्रदेश पूरे देश में सबसे ज्यादा आम का उत्पादन करता है. उत्तर प्रदेश 2.7 लाख हेक्टेयर भूमि पर आम के बाग स्थित है, जिनसे हर साल 45 लाख मीट्रिक टन आम का उत्पादन होता है. वहीं इस बार योगी आदित्यनाथ की सरकार का प्रयास है कि मलीहाबादी दशहरी, मेरठ का चौसा और बनारसी लंगड़े का निर्यात विदेशों तक बढ़ाया जाए. पूरे प्रदेश में आम के निर्यात को बढ़ाने के लिए अब तक 5 पैक हाउस बनाए जा चुके हैं. लखनऊ के मैंगो पैक हाउस का जर्मनी और न्यूजीलैंड की टीम ने निरीक्षण किया है, जिसके बाद अब दशहरी आम की पहुंच इन देशों तक बढ़ेगी. आम उत्पादक भी काफी खुश है क्योंकि उनके आम से उनकी आय भी बढ़ेगी.
उत्तर प्रदेश आम की मुख्य 3 किस्में हैं, जिन का सबसे ज्यादा उत्पादन होता है. अब तक दशहरी, लंगड़ा और चौसा का सीमित मात्रा में निर्यात हो रहा था, लेकिन वर्ष 2023 में प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने आम का निर्यात बढ़ाने के लिए विशेष प्रयास किए हैं. लखनऊ में आयोजित हुई बायर सेलर मीट की वजह से भी प्रदेश के आम को बड़े ऑर्डर मिले हैं. लखनऊ में स्थित मैंगो पैकहाउस का निरीक्षण जर्मनी और न्यूजीलैंड की टीम के द्वारा किया गया है. उन्होंने पैक हाउस में अपनाई जाने वाली प्रक्रिया को भी अपनी सहमति दी है जिससे इस बार दशहरी आम का जर्मनी और न्यूजीलैंड में निर्यात होने की पूरी संभावना है.
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उत्तर प्रदेश में कुल 15 फल पट्टी हैंं, जो 13 जिलों तक फैली हुई है. लखनऊ, उन्नाव, बाराबंकी, सीतापुर, हरदोई में बड़े पैमाने पर दशहरी आम का उत्पादन होता है, जबकि मुरादाबाद, बिजनौर अमरोहा, सहारनपुर और मेरठ में चौसा आम का उत्पादन होता है. इसके अलावा पूर्वांचल में बनारसी लंगड़े का आम का उत्पादन होता है.
उत्तर प्रदेश उद्यान विभाग के निर्देशक डॉ आरके तोमर ने किसान तक को बताया कि वर्ष 2023 में आम के निर्यात के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं. अभी तक के प्रयासों को सफलता भी मिलती ही दिख रही है. प्रदेश से लंगड़ा, दशहरी और चौसा आम के निर्यात के लिए बल्क में ऑर्डर मिलना शुरू हो गए हैं. प्रदेश में अब तक कुल 5 पैक हाउस बन चुके हैं, जो पूरी तरीके से कार्यरत हैं. इन पैक हाउस की मदद से भी आम की फसल ही नहीं बल्कि सब्जियों की फसल को ही विदेशों तक पहुंचाने में मदद मिल रही है. उत्तर प्रदेश से इस बार आम की बड़ी खेप अरब देशों को भी भेजी जाएगी. लुलु ग्रुप आम के निर्यात के लिए विशेष रूप से सक्रिय है.
अवध आम उत्पादक एवं बागवानी समिति के महासचिव उपेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि मलिहाबाद और काकोरी का क्षेत्र पूरे देश में दशहरी आम के लिए जाना जाता है. आम के निर्यात बढ़ने से आम उत्पादकों को अच्छे दाम मिलेंगे, जिससे उनकी आय में इजाफा होगा. विगत कुछ सालों में आम की फसल में कई तरह के कीट का हमला हुआ है और इस वर्ष मौसम की मार भी पड़ी है जिसके चलते किसानों को नुकसान भी उठाना पड़ा है.
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