Mango Export: यूपी के आम की भरपूर मिठास इस बार विदेशों तक पहुंचेगी, 100 मीट्रिक टन निर्यात का लक्ष्य

Mango Export: यूपी के आम की भरपूर मिठास इस बार विदेशों तक पहुंचेगी, 100 मीट्रिक टन निर्यात का लक्ष्य

यूपी से इस साल होगा 100 मीट्रिक टन आम का निर्यात . केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान लखनऊ ने यूपी के निर्यात के लिए एक समुद्री मार्ग प्रोटोकॉल विकसित किया है. एपीडा और राज्य सरकार के सहयोग से आम को यूरोप, रूस तक पहुंचाया जाएगा. संस्थान ने 35 दिनों तक सेल्फ लाइफ बढ़ाने तथा तुड़ाई के उपरांत फलों के रोगों को नियंत्रित करने के लिए भी मेटवास और एथिलीन तकनीक विकसित की है.

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Mango Export: यूपी के आम की भरपूर मिठास इस बार विदेशों तक पहुंचेगी, 100 मीट्रिक टन निर्यात का लक्ष्य

यूपी से इस बार 100 मीट्रिक टन आम के निर्यात का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान लखनऊ ने यूपी से आम के  निर्यात के लिए एक समुद्री मार्ग प्रोटोकॉल विकसित किया है. एपीडा और राज्य सरकार के सहयोग से आम को यूरोप, रूस तक पहुंचाया जाएगा. संस्थान ने 35 दिनों तक सेल्फ लाइफ बढ़ाने तथा तुड़ाई के उपरांत फलों के रोगों को नियंत्रित करने के लिए भी मेटवास और एथिलीन तकनीक विकसित की है. इसके लिए प्रगतिशील किसानों की पहचान की गई है और उन्हें बाजारों से अस्वीकृत होने से बचने के लिए मानक के अनुरूप कीटनाशकों का प्रयोग के साथ निर्यात गुणवत्ता वाले आम का उत्पादन करने के लिए संस्थान प्रौद्योगिकी के साथ प्रशिक्षित किया गया है. उत्तर प्रदेश से पहचाने गए निर्यातक डॉ. के. एस. रवि, इनोवा एग्री बायो पार्क लिमिटेड बेंगलुरु को यूरोपीय और अमेरिकी बाजारों को लक्षित करेंगे तथा मेसर्स देव दास एग्रो प्राइवेट लिमिटेड, जलगांव, महाराष्ट्र उत्तर भारतीय आम को रूस और उज्बेकिस्तान में निर्यात करेंगे.

यूपी से 100 मीट्रिक टन आम निर्यात का लक्ष्य 

उत्तर प्रदेश देश में सबसे ज्यादा आम का उत्पादन करता है. वही आम को निर्यात करने के लिए कई निर्यतको को अलग-अलग देश के मानक से गुजरना होता है. ऐसे में यूपी के आम के निर्यात से किसानों को वर्ष 2024 में अत्यधिक लाभ मिलेगा. एपिडा नई दिल्ली के महाप्रबंधक विनीता सुधांशु ने वर्ष 2024 सीजन में इटली में उत्तर भारतीय आम की किसानों के प्रदर्शन में वित्तीय सहायता प्रदान करने का भी वादा किया है. यूपी से आम समुद्री मार्ग के माध्यम से निर्यात की योजना को 9 जनवरी 2024 को ही कृषि अनुसंधान भवन-2 , नई दिल्ली से निर्यातकों, किसानों, एपिडा, और आईसीआर- सीआईएसएच की बैठक में अंतिम रूप दिया गया. 

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आम की सेल्फ लाइफ बढ़ाने के लिए तैयार की गई ये तकनीक

दिल्ली में आयोजित हुई बैठक में केंद्रीय  उपोष्ण बागवानी संस्थान के निदेशक डॉ. टी.दामोदरन ने बताया कि समुद्री मार्ग से निर्यात में बड़ी बाधा है. आम के फलों की सीमित सेल्फ लाइफ को हल कर लिया गया है. यूरोपीय बाजार में आपूर्ति के लिए प्रोटोकॉल तैयार किया गया है. तोड़ाई से लेकर बिक्री के लिए वितरण तक 32 से 34 दिन लगेंगे. ऐसे में प्रयोग की एक श्रृंखला के बाद गर्म पानी से उपचार और मेटवास डीप के बाद पूरी आपूर्ति श्रृंखला में फलों को 17 डिग्री सेल्सियस पर रखा जाएगा. इस तकनीक के माध्यम से 34 दिनों से अधिक तक आम की सेल्फ लाइफ मिल सकेगी. आम ब्लॉक चेन प्रौद्योगिकी में एआई आधारित समाधान विकसित करने के लिए भी इस बैठक में बोरलॉग वेब सर्विसेज कोलकाता के अयोन  हाजरा निर्यात के लिए चयनित भागों से आंकड़ों के प्रबंधन के लिए उनकी फर्म को शामिल कर किया गया है.

अच्छी क्वालिटी के आम के लिए किसानों को किया गया तैयार

केंद्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान लखनऊ के प्रमुख वैज्ञानिकों में डॉ. अकथ सिंह, डॉ. मनीष मिश्रा और डॉ. पी.के शुक्ला ने बैठक में हिस्सा लिया. बैठक में निर्णय लिया गया कि किसानों, निर्यातकों को उनके द्वारा निर्धारित गुणवत्ता के अनुरूप 100 मीट्रिक टन आम के फल प्रदान करेंगे. उत्पादन अवधि के दौरान आयातक देश के प्रोटोकॉल का भी पालन किया जाएगा. निर्यातक एक पखवाड़े के भीतर देश-वार आपूर्ति लक्ष्य एवं प्रोटोकॉल को अंतिम रूप देंगे और समझौता पर हस्ताक्षर करने के लिए ICAR-CISH लखनऊ में एक और खरीदार- विक्रेता बैठक भी आयोजित की जाएगी.

 

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