UP Farmers News: 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में योगी सरकार किसानों को एक बड़ा तोहफा देने की तैयारी में है. सूत्रों के मुताबिक, यूपी सरकार ने गन्ना मूल्य को जल्द बढ़ाने की तैयारी में जुट गई है. जिसकी कार्य योजना पर काम जारी है. दरअसल, बीते दिनों भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक गुट) के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) से उनके सरकारी आवास 5 कालीदास पर मुलाकात की थी. इस दौरान राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक, प्रदेश अध्यक्ष हरिनाम सिंह वर्मा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने 11 सूत्री मांग पत्र सीएम योगी को सौंपा था. जहां गन्ने का मूल्य जल्द बढ़ाने की मांग भी की गई थी, जिसपर सीएम योगी ने अपनी सहमति जताई थी. बता दें कि उत्तर प्रदेश देश में सबसे बड़ा गन्ना उत्पादक राज्य है.
राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक ने किसान तक से बातचीत में कहा कि उत्तर प्रदेश में पिछले वर्ष भी गन्ना मूल्य में कोई वृद्धि नहीं की गई थी किसानों की उत्पादन लागत में वृद्धि को दृष्टिगत रखते हुए गन्ना पेराई सत्र 2023-24 का राज्य परामर्शी मूल्य कम से कम 450 रुपये प्रति कुतल घोषित करने की मांग से मुख्यमंत्री से की है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के बकाया गन्ना मूल्य का अविलम्ब भुगतान कराया जाए. वहीं 14 दिन के अंदर भुगतान न होने पर विलम्बित भुगतान पर गन्ना मूल्य एवं कमीशन भुगतान हेतु उ.प्र.गन्ना (पूर्ति एवं खरीद विनियमन) अधिनियम 1953 एवं तत्संबंधी नियमावली 1954 में व्यवस्था के अनुसार विलम्बित भुगतान पर ब्याज दिलाया जाए जिसका वायदा चुनावी घोषणा-पत्र में किया गया था.
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मलिक ने कहा कि वर्ष 2022-23 में गन्ने के मूल्य में किसी भी तरह की बढ़ोतरी नहीं हुई है. ऐसे में किसानों को सीएम योगी से बड़ी आस है. ऐसे में कयास लगाया जा रहा है कि यूपी सरकार गन्ना के समर्थन मूल्य में 30 से 35 रुपये की बढ़ोतरी कर सकती है. बता दें कि उत्तर प्रदेश के 45 लाख से ज्यादा किसानों के जीवन में गन्ने के माध्यम से मिठास आती है. प्रदेश के पश्चिमी भू-भाग में गन्ने को मुख्य नगदी फसल के रूप में उगाया जाता है.
इससे पहले भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा था कि किसानों की मांगें न मानी गईं तो इस बार आरपार की लड़ाई होगी और आने आने वाले चुनाव में किसान के साथ आम जनता सबक सिखाने का काम भी करेगी.
राकेश टिकैत ने कहा कि केंद्र सरकार ने वादा किया था कि किसानों को मुफ्त बिजली देंगे, फ्री बिजली किसानों को नहीं दी. उल्टे आज किसानों के ट्यूबवेल पर बिजली मीटर जबरन लगाए जा रहे हैं. गन्ना सीजन शुरू होने को है लेकिन गन्ना रेट अबतक घोषित नहीं किया गया. अब गन्ना रेट नहीं बढ़ेगा तो कब बढ़ेगा. आज गन्ना किसानों का चीनी मिलों पर 5 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया है. उसका ब्याज पहले से बकाया चल रहा है.
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उधर, बीते दिनों राजधानी लखनऊ के ईको गार्डन में भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के बैनर तले आयोजित महापंचायत का आयोजन किया गया था, जहां पूरे प्रदेश से किसान शामिल हुए थे.
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