केंद्र सरकार ने महंगाई पर लगाम लगाने के लिए कमर कस ली है. उसने पीली मटर के निर्यात पर ड्यूटी हटाने के बाद अब एक और बड़ा कदम उठाया है. कहा जा रहा है कि सरकार ने पीली मटर के आयात को आयात निगरानी प्रणाली के तहत पंजीकृत करना अनिवार्य कर दिया है. सरकार को उम्मीद है कि उसके इस फैसले से देश में दालों की आवक बढ़ जाएगी, जिससे महंगाई भी नियंत्रित हो सकती है.
द इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने अगले साल 31 मार्च तक पीली मटर के आयात को आयात निगरानी प्रणाली के तहत पंजीकृत करना अनिवार्य किया है. सरकार के इस कदम का मुख्य उद्देश्य खाद उत्पादों की रिटेल मार्केट में उपलब्धता बढ़ाना है. विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने कहा कि 1 अप्रैल, 2024 से प्रतिबंधित आयात नीति और संबंधित नीति शर्तें लागू होंगी.
शुक्रवार को खबर सामने आई थी कि केंद्र सरकार ने दालों की बढ़ती कीमत को नियंत्रित करने लिए पीली मटर पर से इंपोर्ट ड्यूटी 31 मार्च, 2024 तक के लिए हटा दी है. यानी अब व्यापारी दूसरे देश से पीली मटर आयात करेंगे, तो उनसे शिपमेंट पर कोई शुल्क नहीं देना होगा.
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वहीं, सरकार के फैसले के बाद विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने एक अधिसूचना जारी कर कहा था कि पीली मटर के लिए आयात नीति की स्थिति को संशोधित करते हुए इसे 'प्रतिबंधित' से 'फ्री' कैटेगरी में डाल दिया गया है. डीजीएफटी की माने तो 31 मार्च, 2024 तक की अवधि के लिए न्यूनतम आयात मूल्य (एमआईपी) की शर्त के बिना और बंदरगाह प्रतिबंध के बिना पीली मटर का आयात किया जाएगा. हालांकि, 31 मार्च, 2024 के बाद आयात खेप पर इंपोर्ट ड्यूटी जारी की जा सकती है.
तब इंडिया पल्सेस एंड ग्रेन्स एसोसिएशन के अध्यक्ष, बिमल कोठारी ने कहा था कि इंपोर्ट ड्यूटी हटाने के फैसले के बाद, कनाडा में कीमतों में लगभग 75 डॉलर प्रति टन की बढ़ोतरी हुई है. हम आयात की अनुमति देने के सरकार के कदम का स्वागत करते हैं. हालांकि, सरकार को यह सुनिश्चित करने के लिए कुछ शुल्क लगाना चाहिए था कि भारत में पीली मटर की कीमत चने के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 5,440 रुपये प्रति क्विंटल से कम न हो.
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